Monsoon 2025: भारत में इस साल कैसा रहेगा मॉनसून? विदेशी मौसम एजेंसी ने जारी किया पूर्वानुमान

Monsoon 2025: भारत में इस साल कैसा रहेगा मॉनसून? विदेशी मौसम एजेंसी ने जारी किया पूर्वानुमान

यूरोपियन सेंटर फॉर मीडियम रेंज वेदर फोरकास्ट (ECMWF) ने मार्च के अपने दीर्घ अवधि‍ मौसम पूर्वानुमान में इस साल के अंत में भारत के लिए बढ़‍िया मॉनसून रहने की संभावना जताई है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) भी अप्रैल मध्य तक मॉनसून की स्थित‍ि को लेकर अपनी दीर्घावध‍ि पूर्वानुमान जारी कर सकता है.

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Monsoon 2025: भारत में इस साल कैसा रहेगा मॉनसून? विदेशी मौसम एजेंसी ने जारी किया पूर्वानुमानयूरोपियन मौसम एजेंसी ने दिया मॉनसून पर अपडेट. (फाइल फोटो)

India Monsoon Update: भारत के मॉनसून की स्थिति पर देश-दुनिया की मौसम एजेंसियों की नजर रहती है. ऐसे में अब विभि‍न्न मौसम एजेंसियों के मॉनसून को लेकर पूर्वानुमान सामने आने लगे हैं. इस क्रम में अब यूरोपियन सेंटर फॉर मीडियम रेंज वेदर फोरकास्ट (ECMWF) ने मार्च के अपने दीर्घ अवधि‍ मौसम पूर्वानुमान में इस साल के अंत में भारत के लिए बढ़‍िया मॉनसून रहने की संभावना जताई है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) भी अप्रैल मध्य तक मॉनसून की स्थित‍ि को लेकर अपनी दीर्घावध‍ि पूर्वानुमान जारी कर सकता है.

प्री-मॉनसून सीजन में होगी भारी बारिश

‘बिजनेसलाइन’ की रिपोर्ट के मुताबिक, मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि ट्रोप‍िकल (उष्णकटिबंधीय) प्रशांत क्षेत्र वसंत ऋतु और बाद में गर्मियों में 'तटस्थ' रहता है यानी न तो ला नीना और न ही अल नीनो का असर होता है. इसलिए स्थानीय जलवायु चालक ही मॉनसून कैसा रहेगा, यह तय करेंगे. रिपोर्ट के मुताबिक, यूरोपियन मौसम एजेंसी ने प्री-मॉनसून बारिश को लेकर भी अपडेट दिया है. अप्रैल, मई और जून महीने प्री-मॉनसून सीजन में आते हैं.

इस दौरान भातर के पश्चिमी तट में भारी बारिश हो सकती है और मुंबई, गोवा, तटीय कर्नाटक और केरल जैसे इलाकों में इसका प्रभाव देखने को मिल सकता है. यहां तक कि मॉनसून के दौरान यानी जुलाई से लेकर सितबंर के आखिरी हफ्ते तक भी इन इलाकों में भारी बारिश की घटनाएं देखने को मिलेंगी. वहीं, इसी के साथ मध्य भारत के पश्चिमी भागों यानी पश्चिमी मध्य प्रदेश, मराठवाड़ा और मध्य महाराष्ट्र में भी बारिश हो सकती है. इसके अलावा तेलंगाना में भी प्रभाव देखतने को मिल सकता है, लेकिन तीव्रता उतनी नहीं रहेगी. वहीं, तमिलनाडु में सामान्य बारिश के आसार हैं.

इन राज्‍यों में दि‍खेगा मॉनसून का असर

मौसम एजेंसी के अनुसार, भारत में मई, जून और जुलाई में बंगाल की खाड़ी से एंट्री करने वाला मॉनसून बहुत प्रमुखता से एक्टिव रहेगा और जून से अगस्त तक बना रहेगा, जिसके चलते मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में भारी बारिश की संभावना बन रही है. वहीं, इस समय तक यह मॉनसून पूरे देश में फैल चुका होगा, जिसके चलते दक्षिणी गुजरात और उत्तर-पश्चिमी भारत के राज्‍यों में भारी बारिश होगी और राजस्थान के कुछ इलाकों में सामान्य से ज्‍यादा बारिश होने की संभावना रहेगी.

रिपोर्ट के मुताबिक, जून से अगस्त के दौरान पश्चिमी तट, मध्य भारत और पश्चिम भारत (गुजरात और सौराष्ट्र सहित) में भारी बारिश के साथ समान बारिश होने की उम्‍मीद है. राजस्थान और उत्तर-पश्चिम भारत में उत्तर प्रदेश को छोड़कर शेष हिस्‍सों में सामान्य से ज्‍यादा बारिश हो सकती है.

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