पंजाब और हरियाणा में हवा में प्रदूषण बढ़ा हुआ है. रविवार को दोनों ही राज्यों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) खराब से लेकर बहुत खराब की श्रेणी में दर्ज किया गया. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के समीर ऐप के अनुसार, दोनों राज्यों की संयुक्त राजधानी चंडीगढ़ में सुबह 10 बजे AQI 342 अंको के साथ बहुत खराब श्रेणी में दर्ज किया गया. हरियाणा में अन्य जगहों पर कैथल में AQI- 284, चरखी दादरी में 280, बहादुरगढ़ में 278, पंचकूला में 270, गुरुग्राम में 240, यमुनानगर में 231, कुरुक्षेत्र में 221, रोहतक में 202, सोनीपत में 202, भिवानी में 198, रोहतक में 195, पानीपत में 184 और अंबाला में 148 में दर्ज किया गया.
वहीं पंजाब में मंडी गोबिंदगढ़ में AQI 268, अमृतसर में 246, लुधियाना में 220, पटियाला में 206, रूपनगर में 202, जालंधर में 196, बठिंडा में 175 और खन्ना में 163 दर्ज किया गया. बता दें कि जीरो से 50 के बीच AQI को 'अच्छा', 51 से 100 को 'संतोषजनक', 101 से 200 को 'मध्यम', 201 से 300 को 'खराब', 301 से 400 को 'बहुत खराब', 401 से 450 को 'गंभीर' और 450 से ऊपर को 'गंभीर प्लस' श्रेणी में माना जाता है.
बता दें कि पंजाब में शनिवार को 237 खेतों में पराली जलाने की घटनाएं दर्ज हुईं. राज्य में अब तक इस सीजन में कुल 6,266 पराली जलाने की घटनाएं दर्ज की गई है. वहीं, पंजाब में पिछले साल इसी अवधि की तुलना करें तो 15 सितंबर और 9 नवंबर के दौरान खेतों में पराली जलाने की घटनाओं में 70 प्रतिशत से ज्यादा गिरावट दर्ज की गई है.
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बता दें कि अक्टूबर और नवंबर में धान की फसल की कटाई के बाद दिल्ली में वायु प्रदूषण बढ़ने के लिए पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाएं जिम्मेदार मानी जाती हैं. जिसके कारण सुप्रीम कोर्ट ने पराली जलाने पर बैन लगाया है. हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर केंद्र सरकार ने इन राज्यों में पराली जलाने पर जुर्माना दोगुना कर दिया है.
मालूम हो कि धान की कटाई के बाद रबी की फसल की बुवाई के लिए किसानों के पास समय बहुत कम होता है. ऐसे में कुछ किसान समय बचाने के लिए पराली जला देते हैं. हालांकि, इससे स्थानीय स्तर पर प्रदूषण तो बढ़ता ही है. साथ ही मिट्टी के पोषक तत्व भी नष्ट होते हैं. (पीटीआई)
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