जम्मू और कश्मीर के शोपियां जिले के किसान ऊपरी इलाकों और मैदानी इलाकों में हुई बर्फबारी और बारिश से खुश हैं. किसानों का कहना है कि गर्मियों में पानी की कमी होने पर बर्फबारी अहम भूमिका निभा रही है. हाल के दिनों में किसानों में चिंता की लहर थी क्योंकि न बारिश थी और न बर्फबारी. इससे फसलों के मारे जाने का डर था. मगर अब डर कम हो गया है क्योंकि बर्फबारी सहारा दे रही है.
शोपियां जिले को घाटी का सेब का कटोरा जिला कहा जाता है और यहां सालाना 4 लाख मीट्रिक टन से अधिक सेब का उत्पादन होता है. यहां की अधिक से अधिक आबादी सेब और इससे जुड़े उद्योग से जुड़ी है. अपने बगीचों में सिंचाई और उसके पानी पाने के लिए किसान परेशान थे. इन किसानों को हाल की बर्फबारी से बहुत राहत मिली है.
शोपियां के किसान कहते हैं कि निचले इलाकों में हुई यह बर्फबारी हमारे बगीचों और पीने के पानी की कमी को पूरा करने में अहम भूमिका निभा रही है. उन्होंने आगे कहा कि उन्हें उम्मीद है कि यह साल उनकी फसल और पानी की कमी से जुड़े मुद्दों के लिए अच्छा रहेगा. अधिकतर पानी के स्रोत सूख रहे थे, जिससे लोग काफी दुखी थे. लेकिन अब बर्फबारी के बाद उन्हें राहत की सांस मिली है.
गुरुवार सुबह से ही कश्मीर के पहाड़ों में बर्फबारी तो मैदानी इलाकों में बारिश हो रही है. इस ताजा बारिश और बर्फबारी से कश्मीर के लोगों को बड़ी राहत मिली है. जनवरी और फरवरी के अब तक के दिनों के दोरान कश्मीर में सबसे बड़ा सूखा चल रहा था. 75 परसेंट की कमी बारिश और बर्फबारी में हुई थी. इससे अब पानी के साधन भी सूखने लगे थे. लेकिन गुरुवार से जारी इस बारिश और बर्फबारी ने लोगों को बड़ी राहत लाई है.
मौसम विभाग का कहना है कि कश्मीर के मैदानों में बारिश होगी जबकि पहाड़ों पर जम कर बर्फबारी होगी. फिर दो दिन तक मौसम बेहतर रहने के बाद एक बार फिर कश्मीर में शनिवार से दुबारा बर्फबारी और बारिश शुरू होगी. कहीं न कहीं लोगों को, खास तौर से किसानों को इस बारिश और बर्फबारी का इंतजार था. क्योंकि जिस अंदाज से पूरी सर्दियां सूखे में गुजर गईं, उससे चिंता बढ़ गई थी.
कश्मीर में तापमान भी औसत से ज्यादा चल रहा था. लेकिन इस बर्फबारी और बारिश से अब कहीं न कहीं मौसम और तापमान में बेहतरी आएगी और लोगों के लिए भी राहत की बात होगी. एक किसान ने इस बारिश और बर्फबारी पर कहा कि बागवानी फसलों के लिए यह बहुत जरूरी था. कश्मीर की पूरी बागवानी फसल इसी बारिश और बर्फबारी पर निर्भर करती है. इससे फसलों को बहुत फायदा होगा.
कश्मीर में सबसे अधिक खुशी शोपियां के किसानों में है. वे बताते हैं कि यहां के 99 फीसद लोग फलों की बागवानी में लगे हैं और यह बारिश-बर्फबारी उन फसलों और किसानों की मदद करेगी. एक किसान ने बताया कि उनके खेत-खलिहान पानी और बर्फ के बिना सूख रहे थे, खासकर सेब के बागान. अब उन्हें राहत की सांस मिली है.
एक किसान ने कहा कि उन्हें अपने सेब के बागान को तैयार करने में 50 साल लगे हैं. अभी की बर्फबारी सेब के पेड़ों को आबाद करने में बड़ी मदद करेंगे. इन सेबों को सिंचाई करने में पानी की जरूरत होती है. पेड़ों पर जो दवा छिड़कते हैं उसको भी पानी की जरूरत होती है. ऐसे में यह बर्फबारी पेड़ों के लिए नई जिंदगी बन कर आई है. इससे सेब के बाग भी बचेंगे और किसानों की खुशहाली भी आएगी.
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