देश में झारखंड के 22 जिलों में पड़ा सबसे अध‍िक सूखा, यहां पढ़ें बाकी राज्यों का हाल

देश में झारखंड के 22 जिलों में पड़ा सबसे अध‍िक सूखा, यहां पढ़ें बाकी राज्यों का हाल

कृषि मंत्री की तरफ से संसद में दी गई जानकारी के मुताबिक, बोकारो में 6 ब्लॉक, चतरा 5 ब्लॉक, धनबाद 10 ब्लॉक, गिरिडीह 13 ब्लॉक, जामताड़ा 6 ब्लॉक, खूंटी में 6 ब्लॉक, लातेहार में 9 ब्लॉक, पलामू में 21 ब्लॉक, रांची में 16 ब्लॉक, रामगढ़ में 5 ब्लॉक, सरायकेला-खरसावां 8 ब्लॉक, देवघर 10 ब्लॉक, गढ़वा 20 ब्लॉक, गुमला 11 ब्लॉक, हजारीबाग 16 ब्लॉक, दुमका 10 ब्लॉक, गोड्डा 9 ब्लॉक सूखा प्रभावित रहे.

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देश में झारखंड के 22 जिलों में सबसे अध‍िक सूखे की मार, यहां पढ़ें बाकी का हाल  कृषि मंत्री ने संसद में दिया सूखा प्रभावित इलाकों का ब्योरा (सांकेतिक तस्वीर-Unsplash)

राज्य सभा सदस्य नीरज डांगी ने कृषि और किसान कल्याण मंत्री से सवाल पूछा कि बीते तीन साल और चालू वर्ष के दौरान राजस्थान सहित देश के सूखा प्रभावित राज्यों का जिला-वार ब्योरा क्या है. डांगी के इस सवाल का जवाब कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने दिया. एक सवाल ये भी पूछा गया कि सरकार की तरफ से सूखा जैसी समस्या से निपटने के लिए सरकार किस तरह के कदम उठाती है और इस मद में कितनी राशि राज्यों को बांटी गई है. इस पर कृषि मंत्री ने संसद में पूरा ब्योरा जारी किया. ब्योरे के मुताबिक साल 2022-23 में झारखंड में सबसे अधिक 22 जिले सूखा प्रभावित हैं. यह स्थिति खरीफ सीजन की है.

कृषि मंत्री के दिए ब्योरे के मुताबिक, बोकारो में 6 ब्लॉक, चतरा 5 ब्लॉक, धनबाद 10 ब्लॉक, गिरिडीह 13 ब्लॉक, जामताड़ा 6 ब्लॉक, खूंटी में 6 ब्लॉक, लातेहार में 9 ब्लॉक, पलामू में 21 ब्लॉक, रांची में 16 ब्लॉक, रामगढ़ में 5 ब्लॉक, सरायकेला-खरसावां 8 ब्लॉक, देवघर 10 ब्लॉक, गढ़वा 20 ब्लॉक, गुमला 11 ब्लॉक, हजारीबाग 16 ब्लॉक, दुमका 10 ब्लॉक, गोड्डा 9 ब्लॉक, कोडरमा 5 ब्लॉक, लोहरदगा 7 ब्लॉक, पाकुड़ 6 ब्लॉक, साहेबगंज 9 ब्लॉक और पश्चिमी सिंहभूम में 18 ब्लॉक सूखा प्रभावित रहे.

राजस्थान के सूखा प्रभावित क्षेत्र

राजस्थान में पिछले साल यानी कि 2021-22 में 10 जिले सूखा प्रभावित रहे. इन जिलों में चूरू, बाड़मेर, बीकानेर, जालोर, जैसलमेर, पाली, सिरोही, जोधपुर, नागौर और डूंगरपुर के नाम हैं. चूरू में जहां 1 तहसील सूखा प्रभावित रहा तो बाड़मेर में 16, बीकानेर में 6, जालोर में 9, जैसलमेर में 9, पाली में 6, सिरोही में 2, जोधपुर में 10, नागौर में 5 और डूंगरपुर में 6 तहसील सूखा प्रभावित रहे.

पिछले तीस साल का आंकड़ा बताता है कि साल 2019-20 में मणिपुर में 15 जिले सूखा प्रभावित रहे. इन जिलों में विष्णुपुर, चंदेल, चुराचांदपुर, इंफाल, पूर्व इंफाल, इंफाल पश्चिम, जिरीबाम, कामजोंग, काकचिंग, कांगपोकमी, नोनी, सेनापति, तमेंगलोंग, थौबल, तेंगोपाल और उखरुल के नाम हैं. 2019-20 में राजस्थान के मात्र 4 जिले सूखा प्रभावित रहे जिनमें बाड़मेर (4 तहसील), जैसलमेर (4 तहसील), जोधपुर (3 तहसील) और हनुमानगढ़ (2 तहसील) के नाम हैं.

2020-21 में राजस्थान के 06 जिले सूखा प्रभावित रहे जिनमें बाड़मेर (4 तहसील), बीकानेर (7 तहसील), जैसलमेर (3 तहसील),
झालावाड़ (8 तहसील), पाल (2 तहसील) और तापगढ़ (1 तहसील) के नाम हैं. 

इन ब्योरों के अलावा कृषि मंत्री ने बताया कि सूखा प्रभावित राज्यों में लोगों को राहत देने के लिए सरकार ने क्या कदम उठाए. कृषि मंत्री के मुताबिक, सूखा क्षेत्रों में लोगों को रोजगार देने के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय की तरफ से महामा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत जॉब कार्डधारकों को निर्धारित 100 दिन के अलावा, एक वित्तीय वर्ष में अतिरिक्त 50 दिनों के मैनुअल कार्य देने का प्रावधान है.

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