
जम्मू-कश्मीर के डोडा और भलेसा जिलों में पिछले 36 घंटों से लगातार बारिश और बर्फबारी के चलते तापमान में भारी गिरावट आई गई है. यहां भारी बर्फबारी हुई है, जिससे क्षेत्र के किसान काफी खुश हैं. किसानों का कहना है कि इस क्षेत्र में बर्फबारी होना एक दुर्लभ घटना है. पिछली बार बर्फबारी के कारण किसानों और बागवानों को वित्तीय नुकसान की आशंका थी, लेकिन मौजूदा बर्फबारी उनके लिए फायदेमंद लग रही है. वहीं, इस बीच राजौरी जिले में भी लंबे समय तक सूखे के बाद बारिश हुई, जो काफी जरूरी थी.
राजौरी में बारिश के कारण लंबे समय तक सूखे के बाद नदियां फिर से उफान पर हैं. मौसम में आए बदलाव से भूजल स्रोतों के रिचार्ज होने और शुष्क परिस्थितियों से जूझ रहे किसानों और निवासियों को काफी राहत मिलने की उम्मीद है.
पीर पंजाल पर्वत श्रृंखला के ऊंचे इलाकों में ताजा बर्फबारी हुई, जबकि निचले इलाकों में बारिश हुई. लाहौल और स्पीति में भी बर्फ की मोटी चादर दिखाई दे रही है, जहां भारी बर्फबारी का ताजा दौर जारी है. इस बीच, लाहौल और स्पीति पुलिस ने 28 फरवरी को क्षेत्र के लिए गुरुवार को हिमस्खलन की चेतावनी जारी की.
आईएमडी के अनुसार, क्षेत्र में यात्रियों और स्थानीय लोगों को सावधानी बरतने और बताए गए सुरक्षित मार्गों तक ही आवाजाही सीमित रखने की चेतावनी दी गई है, क्योंकि कुछ बेहद ढलान वाली जगहों पर मध्यम आकार का हिमस्खलन संभव है. डीजीआरई और एचपीएसडीएमए के अनुसार, आज शाम 5 बजे तक लाहौल और स्पीति में लेवल-3 हिमस्खलन का ऑरेंज अलर्ट है.
एडवाइजरी के मुताबिक, कुछ चरम ढलानों पर मध्यम आकार का हिमस्खलन संभव है और केवल सुरक्षित मार्गों तक ही आवाजाही सीमित रखने की सलाह दी जाती है. इसमें जम्मू और कश्मीर के अलावा, 26 से 28 फरवरी के बीच हिमाचल प्रदेश के चार जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया था. चंबा, कांगड़ा, कुल्लू और मंडी सहित इन जिलों में भारी बारिश और बर्फबारी हो सकती है. मौसम विभाग के अलर्ट को देखते हुए कश्मीर घाटी और जम्मू संभाग के शीतकालीन क्षेत्रों में स्कूलों में शीतकालीन छुट्टियां 6 दिन और बढ़ा दी गई हैं. स्कूल अब 1 मार्च की जगह 7 मार्च को खुलेंगे.
एग्रोमेट ने मौसम को देखते हुए जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में फलों के बगीचों और सब्जियों के पौधों को यांत्रिक क्षति से बचाने के लिए ओलावृष्टि जाल या ओलावृष्टि कैप का इस्तेमाल करने की सलाह दी है. जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब में खड़ी फसलों के खेतों से अतिरिक्त पानी निकालने की व्यवस्था करने को कहा है.
भारी बर्फबारी वाले क्षेत्रों में, शाखाओं से बर्फ हटाने के लिए फलदार पेड़ों से बर्फ झांड़ने के लिए उन्हें हिलाने की सलाह दी जाती है. साथ ही कटी हुई उपज को सुरक्षित जगहों पर रखने या खेतों में उपज को तिरपाल शीट से ढकने की सलाह दी गई है. वहीं, बागवानी फसलों को यांत्रिक सहायता देने और सब्जियों को गिरने से बचाने के लिए उन्हें सहारा देने की सलाह दी गई है.
(एएनआई)
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