फरवरी के महीने में असामान्य रूप से उच्च तापमान और अब मार्च के महीने में तेज हवाओं के साथ ओलावृष्टि पंजाब और हरियाणा सहित प्रमुख उत्पादक राज्यों में गेहूं की फसलों को बर्बाद करती नजर आ रही है. जिस वजह से किसानों को दोहरी मार का सामना करना पड़ रहा है. ओलावृष्टि और तेज हवाओं ने गेहूं की खड़ी फसल को नुकसान पहुंचाना शुरू कर दिया है. आपको बता दें गेहूं की फसल अब पकने की कगार पर है. ऐसे में ओलावृष्टि और तेज हवा किसानों के लिए किसी अभिशाप से कम नहीं है. बीते गुरुवार की रात पंजाब और हरियाणा के कुछ जिलों में तेज हवाओं ने गेहूं की खड़ी फसल को चौपट कर दिया.
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के मुताबिक, "पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में अगले कुछ दिनों में गरज, बिजली, तेज हवाएं और ओलावृष्टि के साथ बारिश होने की संभावना है. कृषि विशेषज्ञों ने कहा कि चूंकि गेहूं पकने की अवस्था के पास था, इसलिए नुकसान बहुत अधिक होगा.
कृषि विशेषज्ञ, देविंदर शर्मा ने अंग्रेज़ी अखबार द ट्रिब्यून को बताते हुए कहा कि उत्तर पश्चिम में चरम मौसम की स्थिति चिंता का कारण बन गई है क्योंकि इससे फसल के चौपट होने की संभावना है. "हालांकि नुकसान के प्रभाव का आकलन बाद में किया जाएगा, इस साल देश में गेहूं का उत्पादन स्पष्ट रूप से प्रभावित होने की संभावना है. और यह किसानों को और संकट में डाल देगा. इस बीच, गेहूं विशेषज्ञों ने कहा कि भूरा रतुआ रोग, जो अनाज के वजन को कम करता है और उसे सूखा भी देता है, पंजाब और हरियाणा के कई जिलों में देखा गया है.
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चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के गेहूं विशेषज्ञ ओपी बिश्नोई ने कहा, 'किसानों को गेहूं की सिंचाई बंद कर देनी चाहिए क्योंकि इससे भूमि का क्षरण होगा. भूरे रतुआ को नियंत्रित करने के लिए कवकनाशी का छिड़काव करने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि यह बारिश से धुल जाएगा. पोटैशियम क्लोराइड का छिड़काव करने की भी जरूरत नहीं है.
बिहार के मुजफ्फरपुर में तेज आंधी के साथ हुई ओलावृष्टि की वजह से सैकड़ों एकड़ में लगी फसल बर्बाद हो गई है. शुक्रवार के दिन अहले सुबह तेज आंधी के साथ हुई ओलावृष्टि ने किसानों की मुश्किल बढ़ा दी है. जिसमें सबसे अधिक मक्के और गेहूं की फसल बर्बाद हुई है. सुबह-सुबह सड़कों पर लोगों को कश्मीर जैसा बर्फबारी का नजारा देखने को मिला है.
वहीं फसलों के साथ-साथ फूस की दर्जनों घर तेज आंधी की चपेट में पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है. इसके अलावा तेज आंधी और ओलावृष्टि से हजारों एकड़ मक्के, गेहूं, पपीता और दलहन की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है. दरअसल मुजफ्फरपुर जिले के औराई ब्लॉक के सरहचिया, मधुबन प्रताप, सहिला बल्ली, जनार, औराई के दक्षिणी इलाकों में किसानों का काफी नुकसान हुआ है.
नांदेड़ जिले में ओलावृष्टि से फसल बर्बाद होने की खबर सामने आ रही है. पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने उन सभी किसानों से की मुलाकात की है जिनकी फसल ओलावृष्टि और तेज हवाओं के चलते फसल बर्बाद हुई है. सांसद प्रताप पाटिल चिखलिकर ने सीधे किसानों के खेतों में जाकर दौरा किया है. जिला कलेक्टर ने प्रभावित क्षेत्रों में तुरंत पंचनामा करने का आदेश दिए भी जारी किया है.
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