दक्षिणी के कुछ राज्यों में चक्रवाती तूफान का असर देखा जा रहा है. बंगाल की खाड़ी में उठे तूफान ने तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश में बारिश कराई है. कहीं-कहीं तेज बारश हुई है और कहीं इसकी संभावना बनी हुई है. भारतीय मौमस विभाग (IMD) ने आंध्र प्रदेश, यनम और तमिलनाडु, कराईकल में 12 को बारिश का अनुमान जताया है. केरल और माहे में 13 दिसंबर को बारिश का अनुमान है. तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाकट और केरल के किसानों के लिए आईएमडी ने खास एडवाइजरी जारी की है.
इन राज्यों में बारिश और तूफान के कारण खड़ी फसलें गिर सकती हैं. सब्जियों और फलों के पौधों को बचाने के लिए लकड़ी आदि का सपोर्ट देना जरूरी बताया गया है. खराब मौसम, बारिश, बिजली, तूफान के दौरान बाहर नहीं जाने की सलाह है और मवेशियों को सुरक्षित स्थानों पर रखने की नसीहत दी गई है.
केरल में मुंडकन धान में पत्ते लीफ फोल्डर बीमारी का खतरा है जिससे बचने के लिए ट्राइकोग्रामा कार्ड का इस्तेमाल करें. इस कार्ड को कई हिस्सों में काट लें और खेत में अलग-अलग जगहों पर लगा दें. अगर लीफ फोल्डर का खतरा अधिक हो तो 10 लीटर पानी में 3 एमएल क्लोरेनट्रैनिलीप्रोल मिलाकर छिड़काव करें. कोंहड़े या कद्दू पर फ्रूट फ्लाई लग सकते हैं. इसके पौधे पर कपड़े या कागज की चादर बिछा दें. कीड़ों से बचाने के लिए पौधों पर नीम के पानी का छिड़काव करें.
तटीय कर्नाटक के किसानों के लिए आईएमडी ने कहा है कि धान की रोपाई जारी रखें. कुछ इलाकों में रोपाई पूरी हो गई है, तो वहां बचे खेतों में दालों की खेती करें. अदरक के खेत में पानी नहीं लगने दें. इसके लिए खेतों में क्यारी बना दें ताकि अतिरिक्त पानी निकल जाए. सब्जी और मसालों की फसलों पर दूसरी बार खादों का प्रयोग करें. काजू के पौधे पर अगर टी मस्क्यूटो लगे हों, तो उससे बचाव के लिए एक लीटर पानी में 2 एमएल डाईमेथोएट मिलाकर छिड़काव करें.
दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में मक्का, फिंगर मिलेट, मूंगफली और पके धान की फसल निकाल लें. उपज को ठीक से सुखा लें. लाल चने में पॉड बोरर कीड़ी लग सकता है जिससे बचाव के लिए प्रति 2 लीटर पानी में 2 एमएल इनडॉक्साकार्ब 14.5 एससी मिलाकर छिड़काव करें.
रायलसीमा के इलाकों में मध्य दिसंबर तक रबी मूंगफली की बुवाई करें. चने के खेत से पानी की निकासी का पूरा इंतजाम करें. दक्षिण कर्नाटक के इलाकों में बारिश के बाद खेतों में पानी जमा हो सकता है, खासकर नर्सरी में पानी लग जाए तो उसे निकाल दें. बारिश के दौरान दवाओं और खादों का छिड़काव न करें. कृष्णा गोदावरी क्षेत्र में धान के बिचड़े लगा दें. बिचड़ा लगाने से पहले और अंतिम पलवार करने से पहले खेत में 1 किलो नाइट्रोजन डालें, फिर बुआई के 12-14 दिन बाद नाइट्रोजन डालें. खेत जोताई के समय 1 किलो पोटैशियम और 1 किलो पोटाश डालें.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today