भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने बताया कि गुजरात में शुक्रवार को मूसलाधार बारिश और बाढ़ की वजह बना गहरा दबाव कच्छ के तट और पाकिस्तान के आसपास के इलाकों में चक्रवात असना में तब्दील हो गया. 1976 के बाद अगस्त में अरब सागर में यह पहला चक्रवाती तूफान है. असना नाम पाकिस्तान ने दिया है. आईएमडी के अनुसार, 1891 से 2023 के बीच अगस्त के दौरान अरब सागर में केवल तीन चक्रवाती तूफान आए जिनमें 1976, 1964 और 1944 के तूफान शामिल हैं.
इसी के साथ कच्छ में साइक्लोन का असर दिखना शुरू हो गया है. जिले भर में तूफानी हवाओं के साथ बारिश हो रही है. कई इलाकों में घरों के भारी नुकसान की खबरें हैं. कच्छ तट और पाकिस्तान के आस-पास के इलाकों और पूर्वोत्तर अरब सागर पर बना गहरा दबाव पिछले 6 घंटों के दौरान 6 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से पश्चिम की ओर बढ़ा. इसके बाद चक्रवाती तूफान असना में तब्दील हो गया. इसके साथ ही भुज (गुजरात) से 190 किलोमीटर पश्चिम-उत्तरपश्चिम में उसी क्षेत्र में 1130 बजे केंद्रित हो गया. मौसम विभाग ने कहा कि यह अगले दो दिनों में भारतीय तट से दूर, पूर्वोत्तर अरब सागर के ऊपर पश्चिम-उत्तरपश्चिम की ओर बढ़ना जारी रखेगा.
अभी बंगाल की खाड़ी में समुद्र की सतह का तापमान 28-30 डिग्री सेल्सियस है. अरब सागर में यह लगभग 27-28 डिग्री सेल्सियस है. पश्चिम-मध्य अरब सागर में यह अधिक ठंडा (26 डिग्री सेल्सियस से कम) है और अदन की खाड़ी में बहुत गर्म (32 डिग्री सेल्सियस से अधिक) है. चक्रवात की गर्मी की संभावना मध्य बंगाल की खाड़ी में अधिक है, लेकिन उत्तरी और मध्य अरब सागर में कम है. गुरुवार को आईएमडी ने कहा कि यह चक्रवात अरब सागर में ठंडे पानी का सामना करेगा, इसलिए इसके बहुत अधिक तेज होने की संभावना नहीं है.
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गुजरात में पिछले तीन दिनों में बारिश से जुड़ी घटनाओं में 26 लोगों की जान चली गई है. राज्य में बाढ़ प्रभावित इलाकों से 18,000 से ज्यादा लोगों को दूसरी जगह भेजा गया है और करीब 1,200 लोगों को बचाया गया है. राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (एसईओसी) के अनुसार, कुछ मामलों में सुरक्षा बलों ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया.
हाल ही में हुई भारी बारिश से सबसे ज्यादा प्रभावित शहर वडोदरा में कुछ राहत मिली, क्योंकि सुबह विश्वामित्री नदी का जलस्तर 37 फ़ीट से घटकर 32 फ़ीट रह गया. हालांकि, कई निचले इलाकों में अभी भी बाढ़ का पानी भरा हुआ है. मंगलवार सुबह भारी बारिश और अजवा बांध से पानी छोड़े जाने के बाद नदी का जलस्तर 25 फ़ीट के ख़तरे के निशान को पार कर गया था.
मौसम विभाग के वैज्ञानिक रामाश्रय यादव ने कहा कि कच्छ, देवभूमि, द्वारका, जामनगर और पोरबंदर में ऑरेंज अलर्ट के साथ भारी से बहुत भारी बारिश का अनुमान है. आज मोरबी, राजकोट, जूनागढ़ और गिर सोमनाथ में येलो अलर्ट के साथ भारी बारिश का अनुमान है. आज तेज हवाएं चलने की संभावना है. मॉनसून ट्रफ, डीप डिप्रेशन और ऑफशोर ट्रफ से बारिश बढ़ेगी. 45 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने की संभावना है.
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पूर्वानुमान के मुताबिक, 1 सितंबर से राज्य में बारिश की तीव्रता फिर बढ़ जाएगी. एक सितंबर से राज्य के कुछ जिलों में भारी बारिश का अनुमान है. समुद्री बंदरगाह पर एलसी 3 सिग्नल दिया गया है. अब तक सीजन की सामान्य से 50 फीसदी ज्यादा बारिश रिकॉर्ड की जा चुकी है.
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