देश के कुछ तटीय राज्यों में चक्रवाती तूफान का खतरा मंडरा रहा है. इस नए तूफान का नाम है बिपॉरजॉय. इसे नया इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि कुछ दिन पहले ही चक्रवाती तूफान मोका का खतरा पैदा हुआ था. हालांकि कुछ खतरा नहीं हुआ और मोका टल गया. अब देश के तीन राज्यों में तूफान बिपॉरजॉय का खतरा बताया जा रहा है. इसे लेकर अलर्ट जारी किया गया है. अनुमान है कि अगले 24 घंटों में अरब सागर में यह चक्रवात बन सकता है. चक्रवात तटों से 1000-1100 किलोमीटर दूर है, इसलिए इसका असर कम बताया जा रहा है. मछुआरों को गहरे समंदर में मछली पकड़ने से बचने की सलाह दी गई है.
तूफान के बारे में अनुमान है कि हवा की गति में तेजी चिंता का विषय हो सकती है. मुंबई आईएमडी के वैज्ञानिक सुनील कांबली ने कहा कि मॉनसून के केरल पहुंचते ही मुंबई में मॉनसून की शुरुआत के बारे में जानकारी दी जाएगी. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने मंगलवार को कहा कि गुजरात में पोरबंदर के दक्षिण में दक्षिण-पूर्व अरब सागर पर एक दबाव के उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और एक चक्रवाती तूफान में तेज होने की संभावना है.
चक्रवाती तूफान को साइक्लोन बिपॉरजॉय कहा जाएगा, जो बांग्लादेश की ओर से दिया गया नाम है. एक बुलेटिन में, मौसम कार्यालय ने कहा कि मौसमी डिप्रेशन गोवा से पश्चिम-दक्षिण पश्चिम में लगभग 950 किमी, मुंबई से 1,100 किमी दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में, पोरबंदर से 1,190 किमी दक्षिण में और पाकिस्तान के कराची से 1,490 किमी दक्षिण में सुबह 8:30 बजे बना है. इसके लगभग उत्तर की ओर बढ़ने और पूर्व-मध्य अरब सागर और इससे सटे दक्षिण-पूर्व अरब सागर के ऊपर एक चक्रवाती तूफान में बदलने की संभावना है. मौसम विभाग ने कहा कि चक्रवाती तूफान गुरुवार सुबह तक गंभीर चक्रवाती तूफान और शुक्रवार शाम तक बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान में बदल जाएगा. इसका असर तीन राज्यों गोवा, महाराष्ट्र और गुजरात में दिख सकता है.
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छह जून को केरल-कर्नाटक और लक्षद्वीप-मालदीव क्षेत्रों में और आठ जून से 10 जून तक कोंकण-गोवा-महाराष्ट्र के तटों पर समुद्र की स्थिति बहुत अधिक खराब होने की आशंका है. समुद्र में गए मछुआरों को तट पर लौटने की सलाह दी गई है. आईएमडी ने सोमवार को कहा था कि दक्षिण-पूर्व अरब सागर के ऊपर कम दबाव का सिस्टम बनने और इसके तेज होने से मॉनसून के केरल तट की ओर बढ़ने पर गंभीर प्रभाव पड़ने की उम्मीद है.
हालांकि, मौसम विभाग ने केरल में मॉनसून के आने की संभावित तारीख नहीं बताई है. वेदर प्राइवेट एजेंसी स्काईमेट वेदर ने कहा कि केरल में मॉनसून की शुरुआत आठ जून या नौ जून को हो सकती है, लेकिन इसके "हल्के प्रवेश" की उम्मीद है. स्काईमेट ने पहले सात जून को केरल में मॉनसून की शुरुआत की भविष्यवाणी तीन दिनों के त्रुटि मार्जिन (तीन दिन आगे-पीछे) के साथ की थी. आईएमडी के वरिष्ठ वैज्ञानिक डी एस पई ने कहा कि केरल में सोमवार को भी अच्छी बारिश हुई और अगले दो से तीन दिनों में मॉनसून की शुरुआत के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं.
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