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Global warming & Farming : सबसे गर्म साल में मौसम का रहा रिकॉर्ड उतार चढ़ाव, फसलों को हुआ नुकसान

Global warming & Farming : सबसे गर्म साल में मौसम का रहा रिकॉर्ड उतार चढ़ाव, फसलों को हुआ नुकसान

मौसम में लगातार हो रहे उतार चढ़ाव की घटनाओं को जलवायु परिवर्तन का परिणाम बताया जा रहा है. मौसम विज्ञान की भाषा में इसे Extreme Weather Condition कहते हैं. Climate Change से जुड़ी इन घटनाओं का असर सीधे तौर पर फसलों पर पड़ता है. इससे सबसे पहले किसान प्रभावित हो रहे हैं.

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जलवायु परिवर्तन और नाबार्ड. (सांकेतिक फोटो) जलवायु परिवर्तन और नाबार्ड. (सांकेतिक फोटो)

मौसम में अचानक आने वाले बदलाव के तहत बिन मौसम बारिश होना, हर घड़ी Temperature Variation के कारण सर्दी - गर्मी के रुख में उतार चढ़ाव होना, जलवायु परिवर्तन का नतीजा माना जा रहा है. मौसम विज्ञान के मुताबिक सर्दी का सिकुड़ना, साल के अध‍िक दिनों तक गर्मी पड़ना और बेमौसम बारिश का होना Weather Cycle के बदलाव का सूचक है. साल दर साल, इस तरह की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं. इसके तहत extreme weather events की संख्या में भी लगातार इजाफा हो रहा है. पर्यावरण से जुड़ी शोध संस्था Center for Science and Environment (CSE) की हाल ही में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार सबसे ज्यादा गर्म रहे साल 2023 में मौसम की अतिवादी घटनाओं के दिन भी सबसे ज्यादा दर्ज किए गए हैं.

318 दिन मौसम रहा बेइमान

सीएसई द्वारा जारी की गई State of India’s Environment 2024 report के मुताबिक बीते साल 2023 के 365 दिनों में से 318 दिन मौसम के उतार चढ़ाव वाले extreme weather event की श्रेणी में दर्ज किए गए. भारत की पर्यावरण संबंधी चिंताओं को उजागर करते हुए इस रिपोर्ट में कहा गया है कि मौसम विज्ञान के इतिहास में साल 2023 अब तक का सबसे गर्म साल रहा.

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इन हालात में अफ्रीका, यूरोप और पश्चिमी एशिया क्षेत्र के 59 देशों में सबसे ज्यादा मौतें दर्ज की गई. इस मामले में इंडोनेश‍िया में लगभग 1.9 करोड़ लोग प्रभावित हुए, जबकि लीबिया में सबसे ज्यादा लोगों की मौत हुई.

भारत का हाल

रिपोर्ट में जलवायु परिवर्तन के परिणाम के बारे में भारत की स्थिति का जिक्र करते हुए कहा गया है कि साल 2023 में अगस्त और सितंबर के दौरान भारत में सबसे ज्यादा गर्मी रही. इस दौरान गर्मी का 122 साल का रिकॉर्ड टूटा. इतना ही नहीं भारत में भी पिछले साल लगभग हर दिन extreme weather event की स्थिति देखने को मिली. 

इस दौरान भारत में मौसम की अतिवादी घटनाओं के कारण 3287 लोगों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी. रिपोर्ट के अनुसार भारत में इस स्थ‍िति की सबसे ज्यादा कीमत किसानों को चुकानी पड़ी है. इसमें देश के किसानों की बीते एक साल में 22.1 लाख हेक्टेयर जमीन पर फसलें, खराब मौसम की भेंट चढ़ गई.

इस दौरान लगभग सवा लाख पशुओं की मौत होने से पशु धन को भी काफी नुकसान हुआ. साथ ही देश में 86 हजार से ज्यादा मकान मौसम की मार से टूट गए. इस प्रकार का सबसे ज्यादा नुकसान ग्रामीण इलाकों को उठाना पड़ा.

रिपोर्ट के अनुसार मौसम जनित मौत की घटनाएं बिहार में सबसे ज्यादा 642 दर्ज की गयी. वहीं हरियाणा में Crop Damage का सबसे ज्यादा रकबा शामिल रहा. गुजरात में सबसे ज्यादा घरों को मौसम ने नुकसान पहुंचाया, वहीं पंजाब में सबसे ज्यादा पशुधन की क्षति दर्ज की गई.

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हिमाचल और एमपी हुए प्रभावित

मौसम के बिगड़े मिजाज से नुकसान होने के मामले में अगर राज्यों की बात की जाए तो Hill Areas में हिमाचल प्रदेश और Plain Areas मैदानी राज्यों में एमपी काे सबसे ज्यादा मौसम की मार झेलनी पड़ी. रिपोर्ट के अनुसार हिमाचल प्रदेश में सबसे ज्यादा 149 दिन extreme weather events दर्ज किए गए. वहीं एमपी में ऐसे दिनों की संख्या 141 रही. इसके बाद केरल और यूपी में 119 दिन मौसम की उथल पुथल दर्ज की गई.

इस तरह की घटनाओं के विश्लेषण से पता चलता है कि साल 2023 के दौरान extreme weather events वाले 318 दिनों में सबसे ज्यादा 208 दिन भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन देखने को मिला. वहीं, 202 दिन बिजली गिरने और ओलावृष्टि की घटनाएं दर्ज की गई. इसके अलावा 49 दिन तक Heatwave और 29 Cold wave रही. वहीं देश के अलग अलग राज्यों में बादल फटने की 9 घटनाएं भी दर्ज की गयी.