बंगाल की खाड़ी के ऊपर हवा के कम दबाव के चलते विक्षोभ के हालात बन रहे हैं जिसका असर दिखने लगा है. मौसम विभाग का कहना है कि इस विक्षोभ की वजह से पूर्व और उत्तर-पूर्व के हिस्सों में अच्छी बारिश दर्ज की जाएगी. इन इलाकों में अभी तक बारिश नहीं हुई है और कई राज्य सूखे से जूझ रहे हैं. इसी के साथ मौसम विभाग ने देश के अन्य हिस्सों में 'ब्रेक मॉनसून' का अनुमान जाहिर किया है. ब्रेक मॉनसून का मतलब कुछ दिनों के लिए बारिश का रुकना है. पूर्वानुमान बताते हैं कि पूर्व और उत्तर पूर्व के सूखाग्रस्त इलाकों में इस हफ्ते बारिश होगी, लेकिन बाकी हिस्सों में बारिश पूरी तरह से बंद रहेगी. बिहार और झारखंड जैसे सूखाग्रस्त राज्यों में तेज बारिश के आसार हैं जिससे किसान धान की रोपनी तेज कर सकेंगे. अगस्त में कई दिनों तक बारिश बंद रहने के बाद महीने के अंत में इसके फिर से शुरू होने की उम्मीद है. कुछ दिनों के ब्रेक के बाद दक्षिण भारत से मॉनसूनी बारिश की फिर से शुरुआत होगी.
भारत मौसम विज्ञान विभाग यानी कि IMD ने अपने पूर्वानुमान में कहा है कि अगले पांच दिनों में बिहार में बारिश, आंधी-तूफान और बिजली चमकने की संभावना है. यही स्थिति ओडिशा में तीन दिन तक बंगाल के मैदानी इलाके और झारखंड में दो दिनों तक दर्ज की जाएगी. सिक्किम में अगले चार दिनों तक बारिश का अनुमान है.
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आईएमडी ने कहा है कि अगले दो दिन तक ओडिशा में भारी बारिश का अनुमान जताया गया है. अधिकारियों ने कहा कि इस मॉनसून में कम बारिश से जूझ रहे पश्चिम बंगाल में बंगाल की खाड़ी के ऊपर बने गहरे दबाव के कारण बुधवार तक भारी बारिश होने की संभावना है. उन्होंने कहा कि कम दबाव के पश्चिम बंगाल के गंगाई इलाके - राज्य के दक्षिणी भाग में गंगा, उसकी सहायक नदियों और नदियों के किनारे के मैदानी इलाकों में जाने की संभावना है.
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने सोमवार को कहा कि जुलाई में अधिक वर्षा के बाद भारत में मॉनसून सीजन की दूसरी छमाही (अगस्त और सितंबर) के दौरान सामान्य वर्षा होने की संभावना है. इसमें कहा गया है कि पूर्वी मध्य भारत, पूर्व और पूर्वोत्तर क्षेत्र के कुछ हिस्सों और हिमालय के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है.
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आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि प्रायद्वीपीय भारत के अधिकांश हिस्सों और उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत के पश्चिमी हिस्सों में सामान्य से कम बारिश होने का अनुमान है. उन्होंने कहा कि जहां भारत में जुलाई में 13 फीसद अधिक बारिश दर्ज की गई, वहीं देश के पूर्वी और पूर्वोत्तर क्षेत्रों में 1901 के बाद से इस महीने में तीसरी सबसे कम बारिश दर्ज की गई.
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