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मधुमक्खी पालन से सालाना एक करोड़ की कमाई! पढ़िए बाराबंकी के अजीत की सफल कहानी

मधुमक्खी पालन से सालाना एक करोड़ की कमाई! पढ़िए बाराबंकी के अजीत की सफल कहानी

इसके बाद अजीत ने सिलेक्टिव ब्रीडिंग (चयनात्मक प्रजनन) की तीन चरण की प्रक्रिया विकसित की और भारत की पहली रानी मधुमक्खी गर्भाधान लैब बनाई. इसके जरिए रानी मधुमक्खी में चयनात्मक कृत्रिम प्रजनन कराकर शहद का उत्पादन बढ़ाया.

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मधुमक्खी पालन करने वाले बाराबंकी के दरावपुर गांव के रहने वाले युवा किसान अजीत कुमार (Photo-Kisan Tak) मधुमक्खी पालन करने वाले बाराबंकी के दरावपुर गांव के रहने वाले युवा किसान अजीत कुमार (Photo-Kisan Tak)

Beekeeping Farming: आजकल मधुमक्खी पालन एक लाभदायक व्यवसाय बन गया है. यह एक ऐसा कारोबार है, जिसे किसान बड़ी मोटी कमाई कर रहे हैं. आज हम बाराबंकी के अजीत कुमार नाम के युवा किसान की कहानी बताने जा रहे है जो मधुमक्खी पालन से सालाना एक करोड़ रुपये का टर्नओवर कर रहे हैं. किसान तक से बातचीत में बताया कि 16 साल की उम्र में उन्होंने पांच बॉक्स से मधुमक्खी पालन की शुरुआत की थी. आज करीब 2000 बॉक्स तक पहुंचा दिया है. एक बॉक्स से 50 किलो तक शहद का उत्पादन हो जाता है. बाराबंकी के हरख ब्लाक क्षेत्र के दरावपुर गांव के रहने वाले युवा किसान अजीत ने बताया कि धीरे-धीरे मधुमक्खी पालन का दायरा बढ़ाया. लेकिन वर्ष 2021 में निराशा तब लगी, जब उत्पादन घटकर आधा रह गया, इसके बाद लागत निकलना कठिन हो गया, जिसके बाद उत्पादन बढ़ाने का प्रयास शुरू किया. अजीत ने ऑनलाइन अमेरिका और चीन के मधुमक्खी पलकों से संपर्क किया और व्हाट्सएप मैसेंजर के जरिए प्रशिक्षण प्राप्त किया. वर्ष 2022 में भारत में पहले कृत्रिम रानी गर्भाधान लाइव की स्थापना की.

कृत्रिम प्रजनन कराकर बढ़ाया शहद का उत्पादन

इसके बाद अजीत ने सिलेक्टिव ब्रीडिंग (चयनात्मक प्रजनन) की तीन चरण की प्रक्रिया विकसित की और भारत की पहली रानी मधुमक्खी गर्भाधान लैब बनाई. इसके जरिए रानी मधुमक्खी में चयनात्मक कृत्रिम प्रजनन कराकर शहद का उत्पादन बढ़ाया. 

भारत की पहली रानी मधुमक्खी गर्भाधान की बनाई लैब
भारत की पहली रानी मधुमक्खी गर्भाधान की बनाई लैब

शहद का उत्पादन घटने पर भानमऊ के दरावपुर के मधुमक्खी पालक अजीत निराश नहीं हुए, बल्कि उन्होंने कुछ अलग करने की ठानी. घटे शहद उत्पादन को पूरा किया और अधिक उत्पादन बढ़ाने के लिए भारत में रानी मधुमक्खी के कृत्रिम गर्भाधान की पहली लैब विकसित कर दी. रानी मधुमक्खी के कृत्रिम गर्भाधान की प्रक्रिया की बदौलत अजीत आज लाखों रुपये की कमाई कर रहे हैं.

एक साल में 200 टन शहद का उत्पादन

अजीत ने बताया कि वो हर साल करीब 200 टन शहद तैयार करके बाजार में बेचते हैं. जिससे उन्हें प्रतिवर्ष 80 से 85 लाख की आमदनी हो रही है. इसमें खर्च करीब 20 से 25 लाख रुपए तक प्रति वर्ष आता है. युवा किसान अजीत कुमार इस व्यवसाय में कई लोगों को रोजगार भी मुहैया करा रहे हैं. साथ ही कई फ्लेवर में शहद तैयार कर रहे हैं. जिसमे लीची, रीठी, शीशम, यूकेलिप्टस, नीम, बबूल, तुलसी के साथ करीब एक दर्जन फ्लेवर शामिल हैं.

 बाजार में शहद की कीमत 500 रुपए प्रति किलो

उन्होंने बताया कि शहद बनाने वाली बड़ी-बड़ी कंपनियां मेरे प्लांट पर आकर पूरा शहद खरीदकर ले जाते है. बाजार में शहद की कीमत 500 रुपए प्रति किलो है, जबकी थोक में इसकी कीमत 150 रुपए किलो ही मिलती है. अजीत बताते हैं कि मधुमक्खी पालन के लिए ऐसी जगह का चुनाव करें, जहां फूलों की पर्याप्त मात्रा हो. शांत जगह पर मधुमक्खी पालन करना सही रहेगा. मधुमक्खी पालन कर आप हर साल लाखों का मुनाफा कमा सकते हैं. ऐसा करने पर आपको लागत भी कम आएगी और मुनाफा भी शानदार होगा. युवा सफल किसान अजीत कई मंचों पर सम्मानित भी हो चुके हैं. बाराबंकी के जिला हॉर्टिकल्चर अधिकारी महेश श्रीवास्तव ने बताया कि करीब 300 से अधिक परिवार के लोग मधुमक्खी पालन के व्यवसाय से जुड़े हुए है. जहां कुछ किसान ऐसे है जिनकी सालाना आमदनी लाखों में हैं. उन्होंने बताया कि सरकार भी मधुमक्खी पालन को बढ़ावा दे रही है.