पंजाब देश का वह राज्य है जहां सबसे ज्यादा अनाज पैदा होता है, लेकिन जहां के युवा विदेशों का रुख कर रहे हैं. ज्यादातर लोगों का मानना है कि खेती घाटे का सौदा है, लेकिन संगरूर जिला के पेधनी गांव का रहने वाले किसान सुखदीप सिंह अपने ही खेतों से गेंदे के पांच तरह के फूल लगाकर लाखों की कमाई कर रहे हैं और दूसरे लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं. किसान सुखदीप सिंह का खेत ऑरेंज कलर के गेंदे के फूलों के साथ दूर से एक अलग ही तरह की महक और खूबसूरती दर्शा रहा था जब हमने खेत का दौरा किया, तो किसान के खेत में कर्नाटक से लाई हुई गेंदे की किस्म लड्डू लगी हुई थी. ऐसे में आइए उनकी सफलता की कहानी जानते हैं-
किसान सुखदीप सिंह ने बताया कि वह 2012 से अपनी चार एकड़ खेत में पांच तरह के गेंदे के फूलों की खेती करते आ रहे हैं. शुरू में तो उनको बहुत मुश्किल हुई, क्योंकि उनको फूलों की खेती के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी. थोड़ा नुकसान भी हुआ, लेकिन अभी अच्छा मुनाफा हो रहा है. वह धान और गेहूं की फसल से एक साल में दोगुना कमा लेते हैं. वो एक साल में एक एकड़ से दो लाख तक कमा लेते हैं.
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सुखदीप सिंह बताते हैं उनको फूलों की खेती के बारे में उनके एक रिश्तेदार ने बताया था जो कि पहले फूलों का काम करते थे. अभी वो वहां से लेकर फूल का बीज लेकर आते हैं और फूलों की खेती करते हैं. उन्होंने कहा कि आपको अच्छे प्रकार का बीज मिलेगा, तभी आपको अच्छा मुनाफा हो सकता है.
सुखदीप सिंह बताते हैं कि अभी वह जहां अपने खेत में फूलों से अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. वहीं वह दूसरों को रोजगार भी दे रहे हैं, क्योंकि पूरा साल खेत में काम करने के लिए मजदूरों की जरूरत भी होती है. फूलों का काम संभाल कर करनी होती है और जैसे ही उनको आर्डर मिलता है उसी के हिसाब से खेत में से फूल तोड़कर फिर खुद जहां से आर्डर आया होता है वहां पर पहुंचाने की जिम्मेदारी उनकी होती है. सुखदीप सिंह ने बताया कि वह अपने खेत में से 4 एकड़ खेत को फूलों की खेती के लिए उपयोग करते हैं, क्योंकि 2 एकड़ में पहले 2 एकड़ में बाद में 1 साल में करीब 5 बार गेंदे की खेती करते. जैसे पहले अभी उनके खेत में लड्डू गेंदे की खेती हो रही है उनके खेत ऑरेंज कलर के फूलों के साथ लदे हुए हैं, और दूसरे खेत में गेंदे की दूसरी किस्म को बुवाई कर रखा है. जब इस खेत में से खूल आना बंद हो जाता है, तो दूसरे खेत में गेंदे का फूल लगना शुरू हो जाता है.
सुखदीप सिंह ने बताया कि फूलों की खेती सीजन के आधार पर काम करती है. जैसे अभी त्योहारों का सीजन है या शादियों का समागम होते हैं. उस समय फूलों का रेट बढ़ जाता है. अभी वह 70 रुपये किलो के हिसाब से फूल बेचते हैं. कई बार ऐसे समय भी आ जाता है, जब 60 रुपए किलो फूल बिकता है और कई बार 120 रुपये किलो फूल बिक जाते हैं, लेकिन वह अगर साल की बात करते हैं तो औसतन वह 6 महीने में 18 से 20 हजार प्रति बीघा के हिसाब से कमा लेते हैं और अगर साल भर की बात की जाए तो करीब 35 हजार रुपये एक बीघा फूलों कि खेती से कमाई हो जाती है, जबकि गेहूं और धान को जोड़कर देखा जाए तो 18 से 20 हजार की कमाई ही हो पाती है.
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सुखदीप बताते हैं इस काम में अच्छा मुनाफा है, क्योंकि हम पूरा दिन अपने खेत में काम भी करते हैं और दूसरों को रोजगार भी देते हैं. अगर किसी और किसान ने अपने खेतों में फूलों की खेती की हो तो वह उनके साथ संपर्क कर सकते हैं वह अच्छा कीमत दिलाने में उनकी मदद करेंगे और उनको बताएंगे भी कि कैसे काम करना है, लेकिन इस काम में थोड़ी मुश्किल है कि आपको इसकी मार्केटिंग खुद करनी पड़ती है. जैसे ही आपको ऑर्डर मिलता है, तो आपको फुल लेकर जाना पड़ता है. आपको बड़े शहरों में संपर्क रखना पड़ता है, क्योंकि सरकार कि ओर से इसको खरीदने का कोई प्रबंध नहीं है.
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