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Success Story: आर्मी की नौकरी छोड़ अरुण ने शुरू की टमाटर की खेती, अब लाखों में पहुंचा मुनाफा

Success Story: आर्मी की नौकरी छोड़ अरुण ने शुरू की टमाटर की खेती, अब लाखों में पहुंचा मुनाफा

किसान अरुण वर्मा ने बताया कि नौकरी के समय जब घर की याद आती थी, तो पिता के साथ परिवार के लोगों का दृश्य खेतों में काम करते हुए दिखाई देता था. वहीं, जब वह नौकरी से छुट्टी पर आते थे तो अपनी पैतृक भूमि पर पिता के साथ खेती में हाथ बटाते थे. आज उसी खेती से उनकी कमाई लाखों में पहुंच गई है.

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आर्मी की नौकरी छोड़ अरुण ने शुरू की टमाटर की खेती आर्मी की नौकरी छोड़ अरुण ने शुरू की टमाटर की खेती

मौजूदा समय में टमाटर का रेट फिर से बढ़ने लगा है. कुछ महीनों पहले ही टमाटर 200 रुपये तक मिल रहा था. ऐसे में कई किसान दूसरी फसलों को छोड़कर टमाटर की खेती करने लगे हैं. ऐसे ही एक किसान अरुण वर्मा हैं जो उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले के निवासी हैं. वे किसान परिवार से हैं. उन्होंने खेती की तरफ अपने बढ़ते रूझान को देखते हुए वर्ष 2001 में भारतीय सेना की नौकरी छोड़कर खेती बाड़ी को आधुनिक तरीके से करने का संकल्प लिया और गांव वापस आकर खेती करने लगे.

उन्होंने बताया कि जब उन्होंने शुरू में गेहूं, धान, तिलहन आदि फसलों की खेती की तो उन्हें मेहनत के अनुसार लाभ नहीं मिला. फिर उन्होंने आधुनिक तकनीक से टमाटर की खेती की और अब लाखों रुपये का मुनाफा कमा रहे हैं. आइए जानते हैं अरुण की सफलता की कहानी.

नई तकनीक से करते थे खेती

किसान अरुण वर्मा ने बताया कि नौकरी के समय जब घर की याद आती थी, तो पिता के साथ परिवार के लोगों का दृश्य खेतों में काम करते हुए दिखाई देता था. वहीं, जब वह नौकरी से छुट्टी पर आते थे तो अपनी पैतृक भूमि पर पिता के साथ खेती में हाथ बटाते थे. साथ ही उन्होंने बताया कि नौकरी छोड़ने के बाद उन्होंने पूरे देश में जो खेती की तकनीक देखी थी, उसको पूरा करने की इच्छा लेकर दिन रात खेतों में मेहनत करने लगे. जब परिणाम अच्छे नहीं निकले तो उन्होंने दोबारा खेती को छोड़ दिया.

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केले की खेती में मुनाफा

अरुण वर्ष 2008-09 में उद्यान और खाद्य प्रसंस्करण विभाग फतेहपुर के सम्पर्क में आए और विभाग के अधिकारियों द्वारा बताई गई तकनीक से 01 हेक्टेयर खेत में टिशू कल्चर केले की  नैन प्रजाति की खेती शुरू की. खेती अच्छी तरह चल रही थी और पौधों का विकास अच्छा हो रहा था. फूल अच्छा निकला परंतु जैसे ही केले की घार तैयार हुई, उसके 15 से 20 दिनों के अंदर ही नीलगाय का आतंक उनकी आधी फसल को नष्ट कर दिया. इसमें उन्हें बीस से तीस हजार रुपये की ही आमदनी हुई.  

टमाटर की खेता से बेहतर मुनाफा

किसान अरुण वर्मा ने बताया कि केले में अधिक फायदा न होने के बाद उनका रुझान केले से हटकर टमाटर की ओर हो गया. फिर उन्होंने टमाटर की खेती कर रहे किसानों से खेती के गुण जानने चाहे. लोगों ने बताया कि कम समय में अधिक लाभ लेने का टमाटर उत्तम फसल है. वापस घर आकर वर्ष 2010 में एक बीघा टमाटर की खेती की जिससे उन्हें लगभग 27000 रुपये की आमदनी पांच महीने में प्राप्त हुई. इस फायदे को देखकर अरुण ने सोचा कि क्यों न पूरे खेतों ही धान, सरसों और टमाटर के फसल चक्र को अपनाया जाए. ऐसा करने पर उनको एक साल में लगभग 200000 रुपये का लाभ हुआ.  

वहीं पिछले कुछ महीनों पहले टमाटर के बढ़े हुए दाम और बेहतर आमदनी को देखते हुए किसान अरुण ने टमाटर उगाए हैं, जिसमें उन्हें अनुमान है कि अगर प्रति किलो की दर से बाजार भाव के अनुसार फसल बिकता है तो इससे लगभग 25 लाख रुपये तक की बिक्री होने की संभावना है. वर्तमान में टमाटर की खेती जायद में करने से कीमत अच्छी मिलती है.