कृषि मशीन से 60 हजार रुपये बढ़ी किसान अनिल की कमाई, पराली से भी मिला छुटकारा

कृषि मशीन से 60 हजार रुपये बढ़ी किसान अनिल की कमाई, पराली से भी मिला छुटकारा

Farmer Success Story: मध्‍य प्रदेश के सीहोर जिले के वफापुर गांव के रहने वाले किसान अनिल कुमार वर्मा को अपने एक फैसले की वजह से अब ज्‍यादा कमाई का लाभ मिल रहा है. उन्‍हें केंद्र और राज्‍य सरकार की योजना के तहत 100 फीसदी सब्सिडी पर क‍ृषि मशीन मिली है.

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कृषि मशीन से 60 हजार रुपये बढ़ी किसान अनिल की कमाई, पराली से भी मिला छुटकाराकिसान अनिल कुमार वर्मा

केंद्र और राज्‍य सरकारें किसानों की आय बढ़ाने के लिए उन्‍हें खेती में नई तकनीकों, कृषि मशीनों को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्‍साह‍ित कर रही हैं. वहीं, किसान भी सरकार की योजनाओं का फायदा लेकर उन्‍न्‍त खेती कर रहे हैं और उनके जीवन में सुधार आ रहा है. आज हम आपको मध्‍य प्रदेश के सीहोर जि‍ले के एक किसान की सफलता की कहानी बता रहे हैं, जिन्‍होंने सरकार की सब्सिडी पर मशीन देने वाली योजना का लाभ उठाया है. इसके बाद से उनकी खेती की लागत कम हुई है और इसकी वजह से  सालाना 60 हजार रुपये की ज्‍यादा बचत हो रही है.

100 प्रतिशत सब्सिडी पर मिली मशीन

सीहोर जिले के वफापुर गांव के रहने वाले किसान अनिल कुमार वर्मा को केंद्र और राज्य सरकार की ओर से चल रही संवर्धित कृषि यंत्र अनुदान योजना के तहत 100 प्रतिशत सब्सिडी पर बीबीएफ मशीन मिली है, जिससे उन्‍हें काफी फायदा हो रहा है.
अनिल कुमार को योजना के तहत आईसीएआर इंदौर जोन से एक लाख रुपये की बीबीएफ मशीन 100 फीसदी सब्सिडी पर मिली है. 

सोयाबीन और चने की करते हैं खेती

इस मशीन की मदद से अनिल सोयाबीन और चने की बुवाई करते हैं और यह नरवाई (पराली) प्रबंधन का काम भी आसानी से करती है. उनके गांव वफापुर के 50 से ज्‍यादा किसान इस मशीन का लाभ ले रहे हैं. इस मशीन के इस्‍तेमाल से उनका उत्पादन बढ़ रहा है और पराली की समस्‍या से भी छुटकारा मिल गया है. 

ज्‍यादा बुवाई और उत्‍पादन का लाभ ले रहे

किसान अनिल कुमार वर्मा पहले अपने खेतों में पुराने तरीके से खेती करते थे, जिसमें समय ज्यादा लगता था और उत्पादन भी कम होता था. मजदूरों की कमी और बढ़ती लागत के कारण उनकी समस्याएं और भी बढ़ गई थीं, लेकिन योजना के तहत मिली मशीन से उनकी खेती में क्रांतिकारी बदलाव आया है और वह कम समय और कम लागत में ज्‍यादा क्षेत्र में फसल बुवाई कर पाते हैं. साथ ही इससे फसल उत्‍पादन भी बढ़ गया है.

60 हजार रुपये ज्‍यादा बचत होती है

अब मशीन के कारण वह सालाना 60 हजार रुपये तक की ज्‍यादा बचत कर पा रहे हैं. अनिल कुमार ने कहा कि यह योजना किसानों के लिए एक वरदान है और उनके समृद्धि में मदद करती है. संवर्धित कृषि यंत्र अनुदान योजना जैसी योजनाएं किसानों को आत्मनिर्भर और उन्नत बनाने की दिशा में एक बेहतर कदम हैं. इस योजना का लाभ लेकर कोई भी किसान अपनी खेती को फायदेमंद बना सकता है. 

क्‍या है संवर्धित कृषि यंत्र अनुदान योजना?

संवर्धित कृषि यंत्र अनुदान योजना किसानों को आधुनिक तकनीक से जोड़ने और कृषि के कामों को आसान, सुलभ और फायदेमंद बनाने के लिए शुरू की गई है. इस योजना के तहत किसानों को विभिन्न कृषि मशीनें जैसे- बीबीएफ मशीन, ट्रैक्टर, रोटावेटर, थ्रेशर, मल्टीक्रॉप प्लांटर, पावर वीडर आदि की खरीदी पर सरकार सब्सिडी देती है. 

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