पंजाब के एक किसान ने देसी गाय पालन में अच्छी कमाई कर अपना लोहा मनवा दिया है. पंजाब ऐसा राज्य है जहां विलायती गायों को पालने की चलन बहुत अधिक है और इसमें होल्स्टीन फ्रीजियन (HF) सबसे अधिक पाली जाती हैं. यह गाय बहुत अधिक दूध देती है जिससे किसानों की आमदनी बढ़ाने में मदद मिलती है. इन सबके बीच फरीदकोट जिले के रोमाना अलबेल सिंह गांव के रहने वाले किसान सतकार सिंह रोमाना (48) ने देसी गाय पालन में बड़ा नाम कमाया है.
पंजाब में 25 लाख से अधिक गायें पाली जाती हैं जिनमें 14 से 15 लाख एचएफ गायें हैं और देसी साहीवाल गाय की तादाद मात्र 40,000 है. इतनी कम संख्या होने के बावजूद किसान रोमाना ने साहीवाल पालन को ही अपना व्यवसाय बनाने का सोचा और इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ गए. यह गाय कम दूध देती है, इसके बावजूद किसान रोमाना को इसमें फायदा दिखा. रोमाना के पास कुल 22 एकड़ जमीन है जिसमें 4 एकड़ में वे ऑर्गेनिक खेती करते हैं. इस खेती और गौपालन का पेशा उनका भले ही छोटा लग रहा है, लेकिन इसमें उन्होंने आगे बढ़ने की कई संभावनाएं तलाशी हैं.
रोमाना ने गौपालन का काम 2015 में शुरू किया और उस वक्त साहिवाल गाय की तीन बछिया खरीदी. आज उनके पास 18 गायें हैं जिनमें 10 दूध देती हैं. वे बताते हैं कि एचएफ गायों की तुलना में साहीवाल गाय कम दूध देती है, लेकिन इसकी मांग अधिक रहती है. एचएफ यानी कि होल्स्टीन फ्रीजियन जहां हर दिन 20-25 लीटर दूध देती है, वही साहीवाल गाय 8-9 लीटर दूध देती है. हालांकि इसका दूध फैट के मामले में अव्वल है और इसमें 8-9 परसेंट तक इसकी मात्रा पाई जाती है. यही वजह है कि साहीवाल गाय की बहुत मांग है.
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किसान रोमाना साहीवाल गाय का दूध एचएफ गाय के दूध की तुलना में लगभग दोगुनी कीमत पर बेचते हैं और उनके ‘देसी घी’ की कीमत इसकी शुद्धता और मांग के कारण 2,500 रुपये प्रति किलोग्राम है, जबकि बाजार में अधिकांश देसी घी 400 रुपये से 1500 रुपये प्रति किलोग्राम के बीच उपलब्ध हैं. रोमाना, जो अपने भाई और वीरपाल कौर के साथ संयुक्त रूप से 22 एकड़ जमीन रखते हैं, दूध और देसी घी की मार्केटिंग खुद ही संभालते हैं. वे 'इंडियन एक्सप्रेस' से कहते हैं, “मांग इतनी ज़्यादा है कि हम इसे पूरा नहीं कर सकते हैं,” उन्होंने आगे कहा कि उनके ग्राहक उनके प्रोडक्ट की क्वालिटी और शुद्धता को महत्व देते हैं.
किसान रोमाना कहते हैं, साहीवाल गायें एचएफ गायों की तुलना में ज़्यादा किफायती हैं, ख़ास तौर पर पंजाब के मौसम में, जहां चिलचिलाती गर्मी से लेकर सर्दियां भी होती हैं. जहां एचएफ गायें गर्मी से परेशान होती हैं और उन्हें महंगे कूलिंग सिस्टम की ज़रूरत होती है, वहीं साहीवाल गायें गर्मी और ठंड दोनों में एक सी रहती हैं. साहीवाल गायों के पालन-पोषण की लागत काफी कम है, क्योंकि उन्हें कम उच्च गुणवत्ता वाले चारे और पशु चिकित्सा देखभाल की ज़रूरत होती है. कम दूध उत्पादन के बावजूद, साहीवाल गायें अधिक दिनों तक दूध देती हैं.
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वह कहते हैं, "एक साहीवाल गाय अपने जीवनकाल में 10 बछड़े तक दे सकती है, जबकि एक एचएफ गाय आमतौर पर 4-6 से ज़्यादा नहीं दे पाती है." उन्होंने आगे बताया कि वह हर महीने बाज़ार में 80 रुपये प्रति किलो की दर से लगभग 750-800 लीटर गाय का दूध और हर महीने 5-7 किलो घी बेचते हैं, जिसकी कीमत लगभग 72,000 से 80,000 रुपये होती है. वह चारे पर 20,000 से 25,000 रुपये खर्च करते हैं.
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