केंद्र सरकार की नमो ड्रोन दीदी योजना महिला सशक्तिकरण की नई इबारत लिख रही है. इस योजना के माध्यम से कई महिलाओं का जीवन बदल गया है और वे गांव में रहकर ही महीने में अच्छी आमदानी हासिल कर रही है. इससे महिलाओं और उनके परिवार के जीवन स्तर में सुधार हो रहा है. आज की कहानी एक ऐसी ही ड्रोन दीदी की है, जो मध्य प्रदेश के सागर जिले के एक छोटे से गांव की रहने वाली हैं और ड्रोन पायलट हैं. सागर की साक्षी पांडे ट्रेनिंग लेकर पिछले डेढ़ साल से अच्छी आय अर्जित कर रही हैं. उन्हें पिछले साल स्वतंत्रता दिवस के अवसर प्रधानमंत्री की ओर से बुलावा आया था और वह लाल किले पर कार्यक्रम में शामिल भी हुई थीं.
साक्षी पांडे सागर के पडरिया गांव की रहने वाली है. उन्होंने बताया कि इफको ने उन्हें नमो ड्रोन दीदी योजना के तहत ग्वालियर में 15 दिन की निशुल्क ड्रोन उड़ाने की ट्रेनिंग दी थी. योजना के तहत सिर्फ मध्य प्रदेश आजीविका मिशन से जुड़ी महिलाओं को ही ट्रेनिंग दी गई. इसके बाद मार्च 2023 में उन्हें ड्रोन दिया गया और साथ में निशुल्क एक इलेक्ट्रिक व्हीकल और जनरेटर दिया गया था. अब वह ड्रोन से खेतों में रासायनिक दवाओं का छिड़काव करती हैं और इससे किसानों को 100 प्रतिशत फायदा होता है और पानी की बचत होती है.
ड्रोन दीदी साक्षी पांडे ड्रोन पायलट होने के साथ ही किसानों को नैनो यूरिया और नैनो पेस्टिसाइड के इस्तेमाल के लिए प्रेरित करती हैं. क्योंकि दानेदार यूरिया ज्यादा हानिकारक होता है और इससे खेती की लागत भी बढ़ती है. नैनो यूरिया और पेस्टिसाइड से उत्पादन भी अच्छा मिलता है और मिट्टी की उर्वरक क्षमता पर बुरा असर नहीं पड़ता.
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ड्रोन दीदी साक्षी बताती है कि उन्हें ड्रोन के जरिए फर्टिलाइजर और पेस्टिसाइड के स्प्रे करने के लिए प्रति एकड़ के हिसाब से 2 सौ से 3 सौ रुपये मिलते हैं. इस तरह खेती के सीजन में वह हर महीने 20 से 25 हजार रुपये आय हासिल करती हैं. उन्होंने बताया कि देश भर में जिन ड्रोन दीदियों ने इस क्षेत्र में काम किया है, उनको पिछले साल स्वतंत्रता दिवस के मौके पर दिल्ली बुलाया गया था. इस दौरान उन्हें मुख्य परेड देखने को मिली थी और उन्हें दिल्ली भी घुमाया गया था.
साक्षी कहती हैं कि यह योजना किसानों की भलाई के लिए है और इससे उन्हें काफी फायदा होता है. हर किसान चाहता है कि उसके खेत में कम समय में स्प्रे का काम पूरा हो जाए. ड्रोन की मदद से 5 मिनट में एक एकड़ में छिड़काव हो जाता है. इस कृषि ड्रोन में 12 लीटर का टैंक होता है और यह एक बार में एक एकड़ जमीन को कवर करता है.
साक्षी ने बताया कि हाथ से दवाओं का छिड़काव करने पर एक एकड़ में करीब 80 से 90 लीटर पानी खर्च होता है और समय भी ज्यादा लगता है. ड्रोन से खेतों में खाद-कीटनाशक के छिड़काव के लिए किसान ‘किसानोदय ऐप’ के जरिए ड्रोन दीदी से संपर्क करते हैं और फिर ड्रोन दीदी आकर खेत में छिड़काव करती हैं.
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