कश्मीर के कुलगाम में एक शख्स मुश्ताक अहमद भट ने सरकारी नौकरी छोड़ने के बाद नर्सरी बिजनेस में सफलता हासिल की है. इनकी मेहनत का नतीजा है कि अहमद भट अब 150 फलों के पौधों की किस्मों की खेती करते हैं. भट अपनी नर्सरी में सालाना दो लाख से अधिक पौधे उगाते हैं. वे न केवल कश्मीर में बागवानी क्षेत्र की मदद करते हैं बल्कि आसपास में कई लोगों के लिए नौकरियां भी दे रहे हैं. अहमद भट जो 35 साल से नर्सरी बिजनेस में हैं, वे पर्यावरण को बचाते हुए अपनी नर्सरी को 300 कनाल तक फैलाने की योजना बना रहे हैं.
'इंडिया टुडे' से बात करते हुए अहमद भट ने कहा, यह नर्सरी 70 कनाल में फैली हुई है. यहां हर दिन लगभग 50 लोग काम करते हैं, जिससे उन्हें आजीविका मिलती है. हम हर सीज़न में लगभग 2 लाख पौधे पैदा करते हैं, जिनमें रूट स्टॉक, बडिंग - ग्राफ्टेड पौधे शामिल हैं.
भट कहते हैं, "हम अधिक जमीन का उपयोग करने और इसे 300 कनाल तक ले जाने की योजना बना रहे हैं. हम सरकार से अपील करते हैं कि वह हमें बेहतर प्रोजेक्ट या योजनाओं पर कोई सलाह दे, जिसमें हम दूसरों को अधिक रोजगार दे सकें और बेहतरीन फल देने वाले पौधे पैदा कर सकें."
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उन्होंने कहा, हम अच्छी कमाई करते हैं और इस नर्सरी में काम करने वाले लोगों का भरण-पोषण करते हैं. हमारे यहां अलग-अलग तरह के पौधे हैं. इस नर्सरी में दर्जनों प्रकार के पौधों को उगाया जाता है. उन्होंने कहा कि वह एक सरकारी कर्मचारी थे और पौधों के प्रति अपने जुनून और प्यार को आगे बढ़ाने के लिए उन्होंने सरकारी नौकरी छोड़ दी. उनका मानना है कि इससे पर्यावरण और समाज पर अच्छा प्रभाव पड़ता है.
वह जिले के युवाओं को इस तरह का बिजनेस शुरू करने के लिए बढ़ावा देते हैं और अच्छी कमाई वाले काम के लिए फायदेमंद उपाय बताते हैं. नर्सरी में उनके एक कर्मचारी अली मोहम्मद ने कहा, "वे अपनी आजीविका के लिए पर्याप्त कमाई कर रहे हैं. सभी युवाओं को अपने लिए कमाई के लिए एक व्यवसाय शुरू करना चाहिए." उन्होंने कहा कि व्यवसाय पर्यावरण के मुताबिक है और वे सर्दियों के दौरान भी वहां काम कर सकते हैं, क्योंकि कश्मीर अभी चिल्लाई-कलां (कठोर सर्दियां) के दौर में है. उन्होंने कहा, "मुश्ताक जैसे लोग अपने अच्छे दिमाग से समाज को बदल सकते हैं."
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