पश्चिमी त्रिपुरा जिले के कंचनमाला में कुछ ऐसा हुआ है जिसने सबको हैरान कर दिया है. यहां पर चमकीले पीले और हरे रंग वाले तरबूज ने सबको चौंका दिया है. बताया जा रहा है कि तरबूज की इस दुर्लभ किस्म ने उपभोक्ताओं के साथ ही साथ राज्य सरकारों का ध्यान भी आकर्षित किया है. इस तरबूज को यहां के किसान नारायण सरकार ने उगाया है. सरकार ने इसे उगाने में पूरी तरह से ऑर्गेनिक खेती के तरीकों का प्रयोग किया है.
ऑर्गेनिक तरीके से उगाए गए इस खास फल ने आम तौर पर लाल गूदे वाले तरबूज को एक नया रूप दिया है. स्थानीय लोगों की मानें तो हरे रंग के पल्प वाले इस तरबूज का स्वाद भी बाकी किस्मों से काफी अलग है. नारायण के खेती करने के तरीकों ने भी स्थानीय लोगों में दिलचस्पी जगाई है. मंगलवार को त्रिपुरा के कृषि मंत्री रतन लाल नाथ ने असाधारण तरबूज की किस्म को देखने के लिए नारायण सरकार के खेत का दौरा किया. मंत्री ने फल के स्वाद और इसके टेक्सचर को देखकर खुशी जताई. साथ ही साथ सरकार की रसायन-मुक्त खेती तकनीकों के उपयोग की प्रशंसा की.
रतन लाल नाथ ने कहा, 'ये तरबूज न सिर्फ सुंदर दिखते हैं बल्कि पूरी तरह से जैविक हैं और इनकी बहुत मांग है.' उनकी मानें तो किसान नारायण का खेती के लिए समर्पण राज्य के सभी किसानों के लिए एक आदर्श है. वर्तमान में, खेती के नए तरीकों से किसान नारायण सरकार को 50,000 से 60,000 रुपये की इनकम हर महीने हो रही है. साथ ही उनकी सफलता ऑर्गेनिक खेती की सफलता में एक बड़ा उदाहरण है. मंत्री नाथ ने त्रिपुरा के बाकी किसानों को भी इनकम बढ़ाने के लिए इसी तरह के पर्यावरण-अनुकूल खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया.
नारायण सरकार कई सालों से खेती करते आ रहे हैं. वह साल भर मिर्च, प्याज और टमाटर जैसी सब्जियां उगाते हैं. हाल के कुछ वर्षों में उन्होंने लाल, पीले और हरे गूदे वाले तरबूजों की कई किस्मों की खेती करके लोगों का ध्यान आकर्षित किया है. इनकी स्थानीय बाजार में काफी मांग है. कृषि मंत्री रतन लाल नाथ ने, 'हर किसी को सरकारी नौकरी नहीं दी जा सकती. लेकिन सब्जी और तरबूज की खेती करके कई लोग आत्मनिर्भर बन सकते हैं. वास्तव में अगर कोई नारायण सरकार की तरह एक्टिवद है तो हर महीने एक सरकारी कर्मचारी से ज्यादा कमाई करना संभव है.'
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