केसर की खेती के लिए कश्मीर मशहूर है. लेकिन अब, एक इंजीनियर ने पहली बार नोएडा में भी केसर की खेती करनी शुरू कर दी है.असल में केसर एक तरह के खास वातावरण में पैदा होता है. यह सिर्फ ठंडे इलाके वाली जगह में ही उगाया जाता है, इसके लिए विशेष प्रकार की मिट्टी की भी आवश्यकता होती है. ऐसे में कुछ ही जगहों पर इसकी खेती होती है. इसलिए बाजार में इसकी कीमत 1.5 लाख रुपये से लेकर 3.50 लाख रुपये प्रति किलो तक है, लेकिन, रमेश गेरा नाम के एक इंजीनियर ने नोएडा में ही कश्मीर जैसा तापमान करके और कश्मीर से मिट्टी ला कर इसकी खेती शुरू कर दी है. छोटे से कमरे में एडवांस खेती कर उन्होंने केसर उगाना शुरू कर दिया. अब वो नोएडा में ही रह कर केसर की खेती से अच्छी रकम कमा रहे हैं.
64 साल के रमेश गेरा एक इलेक्ट्रिक इंजीनियर हैं. एडवांस फार्मिंग की मदद से वो नोएडा में रह कर भी केसर उगा पा रहे हैं. गेरा ने 2006 में साउथ कोरिया में केसर की एडवांस फार्मिंग करना सीखा. फिर भारत आ कर 2017 में अपने रिटायरमेंट के बाद केसर की खेती नोएडा में ही करनी शुरू की. लेकिन, शुरुआती दो साल में इसकी खेती में कोई खास सफलता नहीं मिली. फिर गेरा ने कश्मीर जा कर वहां की खेती को समझा और वहां से बीज ला कर नोएडा में फिर से केसर उगना शुरू किया. अब वो 10 गुणा 10 फुट के कमरे में लाखों का केसर नोएडा में सफलता पूर्वक उगा पा रहे हैं.
रमेश गेरा मूलरूप से हरियाणा के हिसार के रहने वाले हैं. वो खुद की कमाई के साथ-साथ किसानों के लिए कमाई का एक नया रास्ता खोलना चाहते थे. ताकि अच्छी इनकम हो. बाकी देशों की तरह भारत का किसान भी एडवांस खेती कर अच्छे पैसे कमा सके. गेरा हाइड्रोपोनिक, ऑर्गेनिक, स्वायल लेस और मल्टीलेवल खेती नोएडा में ही रह कर करते हैं. केसर की खेती का इनोवेशन बिल्कुल अलग है. उन्होंने साबित किया है कि कश्मीर ही नहीं दूसरे शहरों में भी केसर की खेती संभव है.
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रमेश गेरा केसर के साथ-साथ अन्य सब्जियां और फल आदि भी उगाते हैं. गेरा अपनी इस कला को दूसरे लोगों को भी सिखाते हैं. भारत के अलावा अन्य देशों से लोग खेती के इस एडवांस तरीके को सीखने उनके पास नोएडा आते हैं. वो युवाओं को एडवांस फार्मिंग सिखा रहे हैं. हरियाणा की जेलों में कैदियों को केसर उगाना सिखा रहे हैं. ताकि कैदी भी एक ऐसी स्किल डेवलप कर सकें, जिससे वो आगे अच्छा जीवन जी सकें.
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