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कृषि की पढ़ाई करने वाले दो दोस्तों का कमाल, खेती करके कायम की नई मिसाल

कृषि की पढ़ाई करने वाले दो दोस्तों का कमाल, खेती करके कायम की नई मिसाल

दोनों दोस्तों ने खेती के लिए लोन पर 1 लाख 60 हजार रुपये लिए. उन्होंने घर में बिना बताए ऐसा करने का दुस्साहस किया. उन्होंने घर से खर्च के लिए मिलने वाले पैसे बचाकर यह काम शुरू किया. थोड़ा कर्ज लेकर अच्छी खेती की. अब उनकी तरबूज की फसल कट चुकी है. फिलहाल बाजार में तरबूज की कीमत 13 रुपये प्रति किलो है. दोनों को उम्मीद है कि 30 टन तरबूज की उपज से तीन लाख रुपये तक की कमाई होगी.

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तरबूज की खेती से किसान को हो रहा हैं अच्छा मौनफा तरबूज की खेती से किसान को हो रहा हैं अच्छा मौनफा

प्रीतम राजेंद्र चव्हाण और प्रथमेश पांडुरंग ऐसे युवा हैं जिन्होंने कृषि की पढ़ाई करते-करते बिना किसी को बताए मुनाफे वाली खेती करके दूसरे विद्यार्थियों के लिए मिसाल कायम कर दिया है. डीवाई पाटिल कृषि महाविद्यालय में पढ़ने वाले इन विद्यार्थियों ने बटाई पर खेती करके कृषि शिक्षा में प्रेक्टिकल अनुभव जोड़ा. दोनों बीएससी एग्री के चौथे वर्ष में पढ़ने वाले छात्र हैं. दोनों छात्रों ने तलसंडे में तरबूजे की 35 गुंठा की फसल पैदा करके कमाई की है. इन दोनों की मेहनत कृषि शिक्षा लेने वाले दूसरे विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा बनेगी.

दोनों युवाओं ने कृषि शिक्षा लेते समय प्रदर्शन के रूप में खेती का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करने का निर्णय लिया. उन्होंने तय किया कि वह एक किसान की खेती बटाई पर लेंगे. इसके लिए उन्होंने तलसांडे के पास शिवार में पोपट पाटिल की 35 गुंटा ज़मीन ले ली. खेती के वास्तविक प्रदर्शन ने उन्हें शांत बैठने नहीं दिया. प्रीतम राजेंद्र चव्हाण और प्रथमेश पांडुरंग ने कलिंगा की तीन महीने की फसल प्राप्त करना सुनिश्चित किया. उन्होंने इसके लिए बंजर इलाकों को चुना. जुताई की और खेत तैयार किया. ड्रिप बेडिंग एवं मल्चिंग का कार्य बेडिंग द्वारा किया गया. 

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मजदूर नहीं रखा, खुद मेहनत की

कृषि की पढ़ाई करने वाले दोनों छात्रों ने शुगर फैक्ट्री नामक तरबूज किस्म का चयन किया. इस बीच मौसम में बदलाव की वजह से पौध खराब हो गई. हालांकि, उन्होंने अपना दृढ़ संकल्प नहीं छोड़ा. उन्होंने सड़ते हुए कलिंगा पौधों की उचित देखभाल करके उन्हें बचाया. ड्रिप को भी अनगिनत कठिनाइयों का सामना करना पड़ा लेकिन दोनों ने कठिनाइयों पर विजय प्राप्त की. उन्होंने बटाई पर खेती के लिए मजदूरों को काम पर नहीं रखा. प्रीतम और प्रथमेश ने कहा कि वे किसानों के बच्चे हैं इसलिए उन्होंने खुद मेहनत की. 

तीन लाख रुपये की होगी कमाई

दोनों दोस्तों ने खेती के लिए लोन पर 1 लाख 60 हजार रुपये लिए. उन्होंने घर में बिना बताए ऐसा करने का दुस्साहस किया. उन्होंने घर से खर्च के लिए मिलने वाले पैसे बचाकर यह काम शुरू किया. थोड़ा कर्ज लेकर अच्छी खेती की. अब उनकी तरबूज की फसल कट चुकी है. फिलहाल बाजार में तरबूज की कीमत 13 रुपये प्रति किलो है. दोनों को उम्मीद है कि 30 टन तरबूज की उपज से तीन लाख रुपये तक की कमाई होगी. उनके कॉलेज के मैनेजमेंट का कहना है कि दोनों की काफी मेहनत की है. कृषि शिक्षा प्राप्त कर रहे अन्य छात्र प्रीतम और प्रथमेश की इस पहल से प्रेरित होंगे.

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