मनरेगा केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण योजना है. इस योजना में गरीबों को 100 दिन के रोजगार की गारंटी देने का कानून है. कोरोना महामारी के समय इस योजना ने मजदूरों को काफी राहत पहुंचाई है. फिलहाल इस योजना का हाल कई जिलों में बिगड़ने लगा है. उत्तर प्रदेश के शामली जनपद में मनरेगा योजना धड़ाम होती नजर आ रही है. यहां 100 दिन का रोजगार लेने के लिए केवल 18 परिवार ही आगे आए हैं. यहां तक कि श्रमिक परिवार 30 दिन कार्य करने के बाद भी मनरेगा से अब दूरी बना रहे हैं. श्रमिक परिवारों का मनरेगा से अब इस योजना से मोह भंग हो रहा है. इसके पीछे इस योजना में कम मजदूरी मिलना बड़ी वजह बताई जा रही है.
उत्तर प्रदेश के सभी 75 जनपदों में मनरेगा योजना के तहत करोड़ों की संख्या में मजदूर पंजीकृत हैं. मनरेगा में कम मजदूरी के साथ-साथ अब लगातार काम ना मिलने की वजह से श्रमिक परिवारों का मोहभंग होता जा रहा है. शामली जनपद में भी 100 दिन के रोजगार को लेने के लिए केवल 18 परिवार ही आगे आ सके हैं. ज्यादातर परिवार कुछ दिन काम करने के बाद शहरों में चले जाते हैं क्योंकि वहां पर मजदूरी का पैसा अधिक मिलता है.
शामली जनपद में मनरेगा की योजना को छोड़कर ज्यादातर मजदूर हरियाणा की तरफ जाने लगे हैं. जनपद में पिछले 30 दिन में 1858 परिवारों ने कार्य किया है. इस जिले में 14 दिन तक श्रमिक परिवारों के द्वारा इस योजना का लाभ लेने वालों की संख्या 2000 से ऊपर होती है, लेकिन 100 दिन आते-आते यह संख्या दहाई में रह जाती है. इसीलिए जिले में मनरेगा योजना सफल नहीं हो पा रही है.
ये भी पढ़ें :Weather Alert: मॉनसून की वापसी के बावजूद अभी नहीं थमेगी बारिश, इन राज्यों में अलर्ट
उत्तर प्रदेश में केंद्र सरकार की योजना मनरेगा के तहत गरीब श्रमिकों को रोजगार देने का काम किया जा रहा है, लेकिन अब इस योजना का क्रेज जिलों में घटने लगा है. शामली जनपद में 44380 परिवारों के 52716 सदस्यों के जॉब कार्ड बने हुए हैं. शुरू में श्रमिक परिवारों ने इस योजना में काम करने का उत्साह दिखाया है, लेकिन अब 30 दिन बीत जाने के बाद भी वे अपने कदम पीछे खींच रहे हैं. ज्यादातर श्रमिक 30 दिन का काम इसलिए करते हैं ताकि उनका जब कार्ड निरस्त न हो. इसके बाद ज्यादातर परिवार हरियाणा जैसे राज्यों में पहुंच जाते हैं. मजदूर राम खेलावन का कहना है कि मनरेगा के तहत 213 रुपये प्रतिदिन मिलता है. इस मजदूरी में उनके परिवार का पेट नहीं भर पाता है, जबकि हरियाणा में उन्हें 500 रुपये से अधिक की मजदूरी प्रतिदिन मिल रही है.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today