UP Budget 2023: डेयरी सेक्टर और गन्ने को लेकर बजट में हो सकती बड़ी घोषणा

UP Budget 2023: डेयरी सेक्टर और गन्ने को लेकर बजट में हो सकती बड़ी घोषणा

यूपी की विधानसभा का बजट सत्र सोमवार से शुरू हाे गया. इस सत्र में योगी सरकार आगामी 22 फरवरी काे अपने दूसरे कार्यकाल का दूसरा बजट पेश करेगी. इस बजट से कृष‍ि क्षेत्र, खास तौर पर गन्ना एवं खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र से जुड़े किसानों को बजट राशि में इजाफे की उम्मीदें हैं.

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UP Budget 2023:  डेयरी सेक्टर और गन्ने को लेकर बजट में हो सकती बड़ी घोषणा यूपी विधान सभा में राज्यपाल के अभ‍िभाषण के दौरान सपा विधायकों ने जमकर नारेबाजी की

उत्तर प्रदेश में इस साल अप्रैल में स्थानीय निकाय एवं अगले साल आम चुनाव को देखते हुए योगी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल के दूसरे बजट में कुछ लोकलुभावन घोषणाएं कर सकती है. यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने सोमवार को विधान भवन में दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए योगी सरकार की भावी योजनाओं से अवगत कराया. राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में कहा कि योगी सरकार के लिए कृष‍ि क्षेत्र प्राथमिकता सूची में है. सरकार ने किसानों की आय में इजाफा करने वाली तमाम योजनाओं को बीते 6 सालों में प्रारंभ किया है. इनमें सिंचाई से लेकर पशुपालन एवं खाद्य प्रसंस्करण तक अनेक कल्याणकारी योजनाएं शामिल हैं. वहीं उम्मीद की जा रही है क‍ि  

बजट का आकार बढ़ने की उम्मीद

योगी सरकार ने पिछले साल वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 6.15 लाख रुपये के प्रावधान वाला बजट पेश किया था. इसमें 39 हजार 181 करोड़ रुपये की लागत वाली नई योजनाएं शुरू करने का ऐलान किया गया था. लोकसभा का अगले साल प्रस्तावित चुनाव को देखते हुए ग्रामीण इलाकों में भाजपा की मजबूत पकड़ बनाने के लिए योगी सरकार द्वारा इस बार किसानों को लुभाने एवं ग्रामीण विकास पर खास जोर देने की उम्मीद है. जानकारों की राय में इस साल बजट का आकार बढ़ कर 7 लाख करोड़ रुपये की सीमा को पार कर सकता है.

खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र पर जोर

कृष‍ि क्षेत्र के विशेषज्ञ गिरीश पांडे ने 'किसान तक' को बताया कि हाल ही में हुए ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में योगी सरकार को कृष‍ि क्षेत्र से जुड़े खाद्य प्रसंस्करण और डेयरी क्षेत्र में पूंजी निवेश के बेहतर परिणाम मिले हैं. इसके अलावा सरकार ने हाल ही में नई खाद्य प्रसंस्करण नीति 2023 भी लागू कर दी है. इसके मद्देनजर सरकार को इस क्षेत्र में निवेशकों को ढांचागत सुविधाएं मुहैया कराने एवं नई नीति के तहत अनुदान पर अतिरिक्त व्यय की जरूरत होगी. उन्होंने कहा कि इसकी पूर्ति के लिए सरकार बजट में अतिरिक्त धनराशि के आवंटन का प्रावधान कर सकती है. जिससे फूड प्रोसेसिंग क्षेत्र में 37 हजार करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों को लागू करने में ढांचागत सुविधाओं के लिए कोष की कमी न रहे.  

किसान दुर्घटना सहायता 

किसान कल्याण की योजनाओं पर अगर गौर किया जाए तो योगी सरकार ने किसी किसान की हादसे में मौत होने या दिव्यांग होने पर पिछले बजट में 5 लाख रुपये की सहायता देने की योजना के लिए 650 करोड़ रुपये आवंटित किए थे. किसानों को लुभाने के लिए आगामी बजट में इस राशि को बढ़ाया जा सकता है.

सोलर पंप की बढ़ी मांग

इसी प्रकार पिछले बजट में किसानों को पीएम कुसुम योजना के तहत चालू वित्त वर्ष में 15 हजार सोलर पंप देने की घोषणा की गई थी. किसानों में सोलर पंप के प्रति बढ़ते क्रेज को देखते हुए इस बजट में सोलर पंप आवंटन का लक्ष्य बढ़ाया जा सकता है. मुख्यमंत्री लघु सिंचाई योजना के लिए पिछले बजट में 1000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे. लघु सिंचाई योजनाओं के राज्यव्यापी विस्तार को देखते हुए योगी सरकार आगामी बजट में इस योजना का दायरा भी बढ़ा सकती है.

बढ़ सकता है ग्रामीण विकास का बजट 

 ग्रामीण विकास पर ध्यान केंद्रित करने के क्रम में सरकार खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को ग्रामीण इलाकों में ही खोले जाने को प्रोत्साहन दे सकती है. इसके अलावा एमएसएमई उद्योगों को लगाने के लिए ग्रामीण युवाओं को अनुदान देने तथा सीएम ग्रामोद्योग योजना का कार्यक्षेत्र ग्रामीण इलाकों में विस्तारित किया जा सकता है. उपमुख्यमंत्री एवं ग्राम विकास तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री केशव प्रसाद मौर्य पहले ही कह चुके है कि केन्द्रीय बजट की तर्ज पर इस बार यूपी के बजट में भी फूड प्रोसेसिंग पर विशेष ध्यान दिया जाएगा.

ओडीओपी एवं डेयरी पर भी रहेगा जोर

जीआईएस 23 में डेयरी क्षेत्र में भी निवेश के 35 हजार करोड़ रुपये के उत्साहजनक प्रस्ताव मिले हैं. इसके अलावा सरकार 'एक जिला एक उत्पाद योजना' (ओडीओपी) के माध्यम से स्थानीय उत्पादों को वैश्विक बाजार तक पहुंचाने पर खास जोर दे रही है. सरकार बजट में डेयरी क्षेत्र को ग्रामीण इलाकों में बढ़ावा देने के लिए गांवों में मिल्क कलेक्शन केंद्र एवं डेयरी उत्पादों की प्रोसेसिंग यूनिट शुरू करने जैसी नयी योजना शुरू कर सकती है. इसी प्रकार ओडीओपी का दायरा बढ़ाने के क्रम में इस योजना का बजट भी बढ़ाया जा सकता है. 

गन्ना किसानों को मनाने का प्रयास करेगी सरकार

योगी सरकार ने हाल ही में उम्मीद के विपरीत यूपी में गन्ना का खरीद मूल्य फिलहाल नहीं बढ़ाने का फैसला किया. गन्ना किसानों में इससे उपजे रोष को कम करने के लिए सरकार गन्ना बकाया के भुगतान पर जोर दे रही है. पिछले बजट में भी वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने योगी सरकार के 5 साल के कार्यकाल में 1.72 लाख करोड़ रुपये का रिकॉर्ड तोड़ गन्ना भुगतान करने का दावा किया था. हाल ही में सरकार ने यूपी के 46 लाख गन्ना किसानों को अब तक 1.95 करोड़ रुपये का भुगतान करने की जानकारी दी थी. स्पष्ट है कि सरकार गन्ना किसानों के भुगतान पर बढ़े व्यय को बजट में शामिल करेगी. इसके अलावा लोकसभा चुनाव से पहले गन्ना की खरीद कीमत (350 रुपये प्रति क्विंटल) में इजाफे की संभावना को देखते हुए बजट में इसके लिए अग्र‍िम प्रावधान किया जा सकता है.

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