मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते छह साल में यूपी की तस्वीर बदलने का दावा करते हुए कहा कि उनकी सरकार में जनहित की योजनाओं की कामयाबी के फलस्वरूप किसान और गांव, विकास की मुख्यधारा से जुड़े हैं. उन्होंने पहले की सरकारों में हुए कार्यों की तुलना बीते छह साल में हुए कार्यों से करते हुए कहा कि किसान कल्याण की दिशा में उल्लेखनीय काम हुए हैं. इसके फलस्वरूप किसानों के हक का जो पैसा दलालों की जेब में जाता था, वह अब सीधे किसानों के बैंक खाते में जाता है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह बात अपने दूसरे कार्यकाल की पहली वर्षगांठ पर कही. इस दौरान उन्होंने सरकार की उपलब्धियां गिनाईं जो बीते वर्षों में पूरी की गई हैं.
सीएम योगी ने अपनी सरकार की उपलब्धियां बताते हुए कहा कि 2017 से पहले, यूपी में किसानों से धान और गेहूं पहले दलालों के माध्यम से खरीदे जाते थे. उन्होंने दावा किया कि हमने दलाल और बिचौलियों को सरकार और किसान के बीच से हटा दिया है. योगी ने कहा कि आज किसान से फसल की खरीद का पैसा, सीधे अन्नदाता किसान के खाते में पहुंच रहा है. योगी ने कहा कि 2017 से पहले प्रदेश में किसानों से उपज की खरीद की कोई नीति ही नहीं थी. दलाल और एजेंट के माध्यम से इनकी खरीद होती थी. हमारी सरकार ने इस व्यवस्था को समाप्त कर दिया.
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि अगर धान के क्रय की बात की जाए तो 2012 से 2017 के बीच मात्र 123 लाख मीट्रिक टन धान का क्रय बिचौलियों के माध्यम से हुआ था. इसके लिए 17,190 करोड़ रुपये बिचौलियों के ही माध्यम से किसानों तक पहुंचे थे. स्पष्ट है कि किसान को उपज का सही दाम नहीं मिला होगा. उन्होंने कहा कि 2017 के बाद अब तक प्रदेश में 345 लाख मीट्रिक टन धान का क्रय हुआ. इसके एवज में लगभग 64 हजार करोड़ रुपये का भुगतान अन्नदाता किसानों के खाते में डीबीटी के माध्यम से किया गया.
सीएम योगी ने कहा कि गेहूं के मामले में भी 2012 से 2017 के बीच कुल 94 लाख मीट्रिक टन गेहूं की सरकारी खरीद बिचौलियों के माध्यम से हुई और 12,800 करोड़ रुपये का भुगतान बिचौलियों के माध्यम से किसानों को किया गया. उन्होंने कहा कि 2017 से 2023 के दौरान अब तक 219 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई और इसके एवज में 40,159 करोड़ रुपये का भुगतान डीबीटी के माध्यम से किसानों को किया गया.
योगी ने कहा कि अन्नदाताओं के जीवन में खुशहाली लाने के लिए डीबीटी के माध्यम से 3.5 लाख करोड़ रुपये की राशि उनके बैंक खाते में गई है. उन्होंने दावा किया कि किसानों की कर्जमाफी को अगर इसके साथ जोड़ दिया जाए तो ये संख्या चार लाख करोड़ रुपये से ऊपर पहुंचती है. उन्होंने कहा कि ये आंकड़े, सरकार की प्राथमिकता को दर्शाते हैं. इससे पता चलता है कि सरकार की प्राथमिकता में जाति, मत, मजहब, क्षेत्र और भाषा नहीं, बल्कि गांव, गरीब, नौजवान, किसान और महिलाओं सहित समाज का प्रत्येक तबका है.
योगी ने कहा कि उनके कार्यकाल में गन्ना किसानों को रिकॉर्ड बकाया भुगतान हुआ है. उन्होंने कहा कि 2007 से 2017 के दौरान 10 साल में गन्ना किसानों का जितना भुगतान हुआ, उससे दोगुना भुगतान 2017 से 2023 तक छह साल में किया गया.
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योगी ने कहा, ''मुझे यह बताते हुए प्रसन्नता है कि हमारी सरकार अब तक 2.02 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का गन्ना मूल्य का भुगतान कर चुकी है.'' उन्होंने कहा कि किसान के हित में चल रही सरकार की योजनाओं का ही नतीजा है कि गन्ना और इथेनॉल सहित कृषि उपज के तमाम मामलों में यूपी, देश में सबसे बड़ा उत्पादक राज्य बन गया है.
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