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Wheat Rice Price: क्या आटा और चावल महंगा होने वाला है? बफर स्टॉक से 3 लाख टन खाद्यान्न की बिक्री

Wheat Rice Price: क्या आटा और चावल महंगा होने वाला है? बफर स्टॉक से 3 लाख टन खाद्यान्न की बिक्री

प्याज की कीमतों ने सरकार की चिंता बढ़ा रखी है. ऐसे में अन्य खाद्य पदार्थों की कीमत स्थिर बनाए रखने के लिए सरकार बफर स्टॉक से खाद्यान्न की बिक्री कर रही है. गेहूं, आटा और चावल की कीमतें बढ़ने की आशंकाओं के बीच सरकार ने बफर स्टॉक से गेंहू और चावल की बिक्री की है, जिससे बाजार में उपलब्धता बढ़ेगी और दाम भी नियंत्रित रखने में मदद मिलेगी.

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गेहूं, आटा, चावल के स्टॉक की जमाखोरी से बचने के लिए 14 नवंबर तक देश भर में 1,917 छापे मारकर जांच की गई हैं. गेहूं, आटा, चावल के स्टॉक की जमाखोरी से बचने के लिए 14 नवंबर तक देश भर में 1,917 छापे मारकर जांच की गई हैं.

प्याज की कीमतों ने सरकार की चिंता बढ़ा रखी है. ऐसे अन्य खाद्य पदार्थ की कीमत बढ़ने नहीं देने के लिए सरकार बफर स्टॉक से खाद्यान्न बिक्री कर रही है. जबकि, सहकारी समितियों एनसीसीएफ, नेफेड के जरिए आटा, चना दाल और प्याज सस्ती कीमत में लोगों को उपलब्ध कराया जा रहा है. इस बीच आटा और चावल की कीमतें बढ़ने की आशंकाओं को देखते हुए सरकार ने बफर स्टॉक से गेंहू और चावल की बिक्री की है, ताकि यह बाजार में पहुंच सके और कीमतें स्थिर रह सकें. इसके अलावा व्यापारियों, मिलों, बड़े विक्रेताओं के यहां गेहूं, आटा, चावल के स्टॉक की जमाखोरी से बचने के लिए 14 नवंबर तक देश भर में 1,917 छापे मारकर जांच की गई हैं.

2.84 लाख टन गेहूं और 5,830 टन चावल की बिक्री

सरकार ने कहा है कि उसने खुले बाजार में खाद्यान्न उतारकर खुदरा कीमतों को नियंत्रित करने के प्रयासों के तहत ई-नीलामी के माध्यम से अपने बफर स्टॉक से 2.84 लाख टन गेहूं और 5,830 टन चावल की बिक्री 2,334 बोलीदाताओं को की है. खाद्य मंत्रालय के बयान में बताया गया कि 21वीं ई-नीलामी 15 नवंबर को हुई थी, जिसमें डॉमेस्टिक ओपन मार्केट सेल स्कीम (OMSS) के तहत 3 लाख टन गेहूं और 1.79 लाख टन चावल की पेशकश की गई थी.

कीमत स्थिर रखने के लिए नीलामी 

चावल, गेहूं और आटे की खुदरा कीमत को नियंत्रित करने के लिए बाजार में हस्तक्षेप की पहल के रूप में सरकार गेहूं और चावल की साप्ताहिक ई-नीलामी आयोजित करती है. खाद्यान्न की खरीद और वितरण के लिए सरकार की नोडल एजेंसी भारतीय खाद्य निगम डॉमेस्टिक ओपन मार्केट सेल स्कीम (OMSS) के तहत अपने बफर स्टॉक से गेहूं उतार रही है.

सस्ती कीमत पर भारत आटा बेच रही सरकार 

गेहूं को आटे में बदलने और इसे 'भारत आटा' ब्रांड के तहत जनता को बिक्री के लिए पेश करने के लिए डॉमेस्टिक ओपन मार्केट सेल स्कीम (OMSS) के तहत केंद्रीय भंडार, एनसीसीएफ, नेफेड जैसे अर्ध-सरकारी और सहकारी संगठनों को 2.5 लाख टन गेहूं आवंटित किया गया है. मंत्रालय ने कहा कि अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) 27.50 रुपये प्रति किलोग्राम से अधिक नहीं होना चाहिए.

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जमाखोरी रोकने के लिए देशभर में 1,917 छापेमारी 

इस साल 14 नवंबर तक इन तीन सहकारी समितियों द्वारा आटे में परिवर्तित करने के लिए 15,337 टन गेहूं उठाया गया है. व्यापारियों को डॉमेस्टिक ओपन मार्केट सेल स्कीम (OMSS) के तहत गेहूं की बिक्री के दायरे से बाहर रखा गया है और स्टॉक की जमाखोरी से बचने के लिए 14 नवंबर तक देश भर में 1,917 जांच की गई हैं.