प्लास्टिक के कचरे से ग्रामीणों की बढ़ेगी आमदनी, योगी सरकार ला रही नई योजना, जानें क्या है प्लानिंग

प्लास्टिक के कचरे से ग्रामीणों की बढ़ेगी आमदनी, योगी सरकार ला रही नई योजना, जानें क्या है प्लानिंग

एडीपीआरओ राकेश यादव ने बताया कि गांवों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 'ओन रिसोर्स रेवेन्यू मॉडल' पर काम हो रहा है. ग्राम पंचायत से कंपनी दो से तीन रुपये में प्लास्टिक पिलेट्स खरीदेगी. 

Advertisement
प्लास्टिक के कचरे से ग्रामीणों की बढ़ेगी आमदनी, योगी सरकार ला रही नई योजना, जानें क्या है प्लानिंगवाराणसी में प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट यूनिट का जल्द शुरू होने वाला है संचालन (Photo-Kisan Tak)

योगी सरकार में अब ग्राम पंचायतें पर्यावरण संरक्षण के साथ ही अब अपनी आय बढ़ने पर भी काम कर रही है. स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत वाराणसी के गांवों को प्लास्टिक मुक्त किया जा रहा है. इसके लिए वाराणसी के तीन विकासखंड में प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट यूनिट का संचालन जल्द शुरू होने वाला है. गांव से एकत्र किये गए प्लास्टिक से प्लास्टिक पिलेट्स बनाया जाएगा, जिसे प्लास्टिक री-साइकिल करने वाली कंपनी को बेचा जाएगा. गांव से निकलने वाले प्लास्टिक से सड़कों के निर्माण की भी योजना है. पीडब्लूएमयू (प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट यूनिट) के जरिए कार्बन क्रेडिट से भी ग्राम पंचायत की आय होगी. 

ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ेगा रोजगार 

इसमें रिड्यूज, रीयूज, रिसाईकल मेथड को फॉलो कर पर्यावरण संरक्षण का काम हो रहा है. वाराणसी के मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल ने बताया कि ग्रामीणों द्वारा इस्तेमाल करने वाले प्लास्टिक को रिसाइकिल किया जाएगा. इसके लिए गांव में सार्वजनिक स्थलों पर बोरे टांगे गए है. प्रत्येक ग्राम पंचायत में विभिन्न सार्वजनिक स्थलों पर 100 बोरे लगे हैं. ग्रामीणों को प्रेरित किया जा रहा है कि प्रयोग की गई प्लास्टिक को इस बोरे में ही डाला जाए. फिर इस प्लास्टिक को तीन विकासखंड पिंडरा ब्लाक के नोहिया, सेवापुरी ब्लाक के भीषमपुर और चिरईगांव के बर्थराकला गांव में लगे पीडब्लूएमयू में ले जाकर रिसाइकल करके प्लास्टिक पिलेट्स बनाया जायेगा.

ग्राम पंचायतों की आय भी बढ़ेगी

उन्होंने बताया कि कानपुर की एक कंपनी से इसे उचित दामों पर खरीदने की बात चल रही है. इसके लिए सभी ग्राम पंचायतों से एमओयू भी किया गया है. इसे बेचने से ग्राम पंचायतों की आय भी बढ़ेगी. इसके अलावा चिरईगांव मे लगे पीडब्लूएमयू से निकले प्लास्टिक को पीडब्ल्यूडी, आरईएस और जिला पंचायत की सड़क बनाने के लिए बेचा जायेगा. इससे सड़कों की गुणवत्ता में भी सुधार आएगा. 

2 से 3 रुपये में प्लास्टिक पिलेट्स खरीदेगी कंपनी

एडीपीआरओ राकेश यादव ने बताया कि गांवों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 'ओन रिसोर्स रेवेन्यू मॉडल' पर काम हो रहा है. ग्राम पंचायत से कंपनी दो से तीन रुपये में प्लास्टिक पिलेट्स खरीदेगी. कार्बन क्रेडिट से भी ग्राम पंचायतों को आमदनी होगी. एक ब्लॉक से लगभग एक टन हर महीने प्लास्टिक निकलने की संभावना है, जिसे कंपनी रीसाइकल करेगी. एक यूनिट से स्वयं सहायता समूह की लगभग 5 से 10 महिलाओं और मशीन संचालन के लिए अन्य लोगों को रोजगार मिलेगा.

 

POST A COMMENT