देश की बहुत बड़ी आबादी केवल खेती किसानी करके अपना जीवन यापन करती है. लेकिन बहुत सारे किसान ऐसे भी हैं जिनके पास खेती करने के लिए जमीन नहीं है उन किसानों की आर्थिक आय को बढ़ाने के लिए पशुपालन को बढ़ावा देकर रोजगार का एक आधार दिया गया है. इसी के तहत मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार ने जनजातीय समाज के बेरोजगार लोगों को पशुपालन से जोड़ने का काम किया है. देश के कृषि प्रधान राज्यों में गिने जाने वाले राज्य मध्य प्रदेश में छोटे और सीमांत लोगों के साथ जनजातीय समाज के लोगों की संख्या भी बहुत अधिक है. ऐसे में आइए जानते हैं किस तरह से सरकार जनजातीय समाज के लोगों को पशुपालन से जोड़ रही है.
मध्य प्रदेश सरकार बैगा, भारिया और सहरिया समाज के लोगों को पशुपालन की उपयोगिता समझा कर उससे जोड़ने का काम कर रही है. सरकार की ओर से दो पशु भैंस या गाय दिया जाएगा साथ ही इन पशुओं के खान पान और रख रखाव में लगने वाले खर्च का 90 फीसदी खर्च भी सरकार की ओर से ही उठाया जाएगा. सरकार के इस कदम को जनजातीय समाज के उत्थान का प्रयास भी कहा जा रहा है.
प्रदेश में जनजातीय समाज को पशुपालन से जोड़ रही मध्यप्रदेश सरकार #JansamparkMP pic.twitter.com/nWqX86KOQi
— Animal Husbandry Department, MP (@mp_husbandry) February 25, 2023
पहले के समय में लोगों के बीच पशुपालन का महत्व था. लेकिन बीते कुछ सालों से लोगों ने पशुपालन को कम कर दिया जिससे कई तरह की समस्याएं देखी गई हैं. आवारा पशुओं के बढ़ जाने से खेती को भी काफी नुकसान पहुंचा है.
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अब मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जनजातीय समाज के लोगों को दो दुधारू पशु देने का ऐलान किया है. साथ ही इन पशुओं का 90 प्रतिशत खर्चा उठाने का भी निर्णय लिया है जिसकी जानकारी मध्य प्रदेश के पशुपालन विभाग ने ट्वीट कर दी है. सरकार के इस कदम से राज्य में न सिर्फ पशुपालन को बढ़ावा मिलेगा बल्कि दूध का उत्पादन भी बढ़ेगा जिसके कारण जनजातीय समाज के लोगों को रोजगार का आधार भी मिलेगा.
सरकार के इस निर्णय से कई तरह के लाभ देखे जा रहे हैं. पशुपालन को बढ़ावा और जनजातीय समाज के लोगों की आर्थिक स्थिति में सुधार होने के साथ साथ राज्य में आवारा पशुओं की संख्या में भी कमी आएगी. छुट्टा गौवंश हमेशा खड़ी खेती को नुकसान पहुंचाते हैं सरकार के इस प्रयास से इसमें कमी आने की संभावना जताई जा रही है.
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