बेटी ने देखा था नाव में बैठकर ससुराल जाने का सपना, किसान पिता ने किया पूरा

बेटी ने देखा था नाव में बैठकर ससुराल जाने का सपना, किसान पिता ने किया पूरा

शादियों में दूल्हे-दुल्हन की एंट्री और विदाई के अलग-अलग तरीके आए दिन सामने आते रहते है. ऐसी ही अलग और अनोखे तरीकों के बीच मध्यप्रदेश के श्योपुर में भी एक दुल्हन की अनोखी विदाई चर्चा का विषय बनी हुई है.

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बेटी ने देखा था नाव में बैठकर ससुराल जाने का सपना, किसान पिता ने किया पूरानाव में बैठकर ससुराल जाने का सपना किसान पिता ने किया पूरा

शादियों में दूल्हे-दुल्हन की एंट्री और विदाई के अलग-अलग तरीके आए दिन सामने आते रहते हैं. ऐसी ही अलग और अनोखे तरीकों के बीच मध्यप्रदेश के श्योपुर में भी एक दुल्हन की अनोखी विदाई चर्चा का विषय बनी हुई है. यहां एक किसान पिता ने अपनी बेटी की इच्छा पूरी करने के लिए बारात को नाव में बैठाकर विदा किया है. पिता ने बेटी-दामाद के साथ 50 के करीब बारातियों को जलमार्ग की यात्रा कराने के लिए इंजन वाली तीन नाव बुलवाई. जिनसे बारात को 12 किलोमीटर लंबा सफर तय कराया गया. अपनी इच्छा पूरी होती देख दुल्हन नाव में सफर के दौरान धार्मिक भजन पर थिरकने लग गई. ये बारात सवाई माधोपुर जिले के खंडार तहसील के पादड़ा गांव से विदा हुई.

पादड़ा गांव निवासी घनश्याम मीणा की बेटी किस्मत ने बचपन में हेलीकॉप्टर से दुल्हन लेकर आने की खबरें देखने के बाद अपने किसान पिता से इच्छा जाहिर की थी कि उसकी शादी सबसे खास होनी चाहिए. इसके लिए उसकी विदाई नाव से करना एक अद्भुत अनुभव रहा.

पिता ने पूरी की बेटी की इच्छा

अपनी बेटी द्वारा जाहिर की गई इच्छा को इस किसान पिता ने न सिर्फ याद रखा बल्कि, उसे पूरा करने के लिए अपनी बेटी और दामाद के साथ बारात के 50 लोगों को तीन नावों में बिठाकर विदा किया. दुल्हन बनी किस्मत वाली बेटी की शादी श्योपुर जिला मुख्यालय से सटे हुए सोंईकलां कस्बे में सरपंच हरिसिंह मीणा के बेटे आकाश के साथ दो दिन पहले राजस्थान के गांव में रीति रिवाज के साथ तय की गई. दूल्हा के पिता और रिश्तेदार लग्जरी गाड़ियों में सवार होकर दुल्हन के घर पहुंचे थे.

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बाराती हुए खुश

बीते गुरुवार को जब विदाई का समय हुआ तो किसान पिता ने दूल्हे के पिता से कहा कि मेरी बेटी की इच्छा पूरी करने के लिए मैं चाहता हूं कि बरात नाव से विदा हो. दूल्हे का पिता भी राजी हो गया फिर सभी लोग प्राचीन चतुर्भुज नाथ मंदिर पर आए जहां से तीन नावों के द्वारा करीब 50 बराती, दूल्हा और दुल्हन विदा हुए. अपना सपना पूरा होता देख दुल्हन खुशी से झूम उठी और बारातियों के लिए यह किसी शानदार टूर से कम नहीं था इसलिए वह भी बेहद खुश नजर आए. अब नाव में आई बरात की चर्चा जिले भर में हो रही है.

(खेमराज दुबे)

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