नैनी झील का तेजी से घट रहा जलस्तर, स्थानीय लोगों के लिए बढ़ सकता है पेयजल संकट

नैनी झील का तेजी से घट रहा जलस्तर, स्थानीय लोगों के लिए बढ़ सकता है पेयजल संकट

पूरी दुनिया के लिए पर्यटन का केंद्र बनी नैनी झील का हर रोज लगभग 6 इंच वाटर लेवल कम हो कहा है जो कि चिंता का विषय है. यदि समय पर बरसात नहीं हुई तो स्थानीय लोगों और पर्यटकों को पीने के पानी की समस्या का भी सामना करना पड़ सकता है.

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नैनी झील का तेजी से घट रहा जलस्तर, स्थानीय लोगों के लिए बढ़ सकता है पेयजल संकटनैनी झील का तेजी से घट रहा जलस्तर, सांकेतिक तस्वीर, फोटो साभार:freepik

पूरी देश दुनिया में अपने पर्यटन के लिए प्रसिद्ध सरोवर नगरी नैनीताल के सामने इन दिनों नैनी झील का घटता जलस्तर चिंता का कारण बनने लगा है. तेजी से कम हो रहे झील के जलस्तर के चलते झील के किनारे डेल्टा उतरने लगे हैं.मौसम की बेरुखी का के चलते नैनीताल समेत आसपास की झीलों और नदियों का जलस्तर तेजी से गिर रहा है साथ ही पहाड़ के किसानों के सामने अब सूखे का संकट खड़ा हो गया है. लंबे समय से बारिश और बर्फबारी ना होने के कारण अधिकांश जल स्रोत सूखने की कगार पर जा पहुंचे हैं. बात करें नैनी झील की तो उसका जलस्तर घटकर 5 फिट 5 इंच पहुंच गया है. हर रोज नैनी झील के जलस्तर में 6 इंच तक की गिरावट देखी जा रही है. नैनीताल शहर के आस पास के जल स्रोतों पर निर्भर रहने वाले वाले क्षेत्रीय लोगों की समस्याएं बढ़ रही है.

स्थानीय लोगों के सामने पेयजल संकट भी बढ़ा

पिछले साल फरवरी महीने में नैनी झील का जलस्तर 8 फीट 3 इंच था और झील पूरी तरह से लबालब भरी थी लेकिन इस साल बारिश और बर्फबारी ना होने के चलते नैनी झील का जलस्तर 5 फीट रह गया है. झील में पानी की कमी होने से स्थानीय लोगों के साथ साथ नैनीताल में आने वाले पर्यटकों के लिए भी चिंता का विषय है. जिसे आने वाले समय में स्थानीय लोगों के साथ-साथ नैनीताल आने वाले पर्यटकों के सामने पेयजल का संकट खड़ा हो जाएगा.

नैनीताल के काश्तकारों की चिंता भी बढ़ी

कहा जाता है कि किसानों का सबसे बड़ा मित्र मौसम होता है. मौसम साथ नहीं देता तो किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है. बारिश और बर्फबारी ना होने से नैनीताल जिले के काश्तकारों की चिंता भी बढ़ी है. नैनीताल के पहाड़ी क्षेत्र जैसे रामगढ़, मुक्तेश्वर, धारी समेत आसपास के क्षेत्रों में होने वाले पहाड़ी फल आडू,काफल,पुलम,खुमानी,सेब,नाशपाती की खेती पूरी तरह से सूखने की कगार पर जा पहुंची है. जितने पहाड़ के काश्तकारों के सामने सूखे का संकट खड़ा हो गया है. 

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पेयजल की समस्या को रोकने के लिए जल संस्थान की तैयारी

गर्मियों के दिनों में नैनीताल और उसके आस पास के लोगों और पर्यटकों को पेयजल की किल्लत ना हो उसको लेकर जल संस्थान ने भी अपनी तैयारियां शुरू कर दी है. जल संस्थान ने शहर में पेयजल आपूर्ति में कटौती शुरू कर दी है. जल संस्थान के नियंत्रक इंजीनियर विपिन चौहान ने नैनीझील में पानी के गिरते स्तर को देखते हुए शहर में पीने के पानी की सप्लाई को 10 घंटे से काम कर 8 घंटा कर दिया है.

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