हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार ने बसों से दूध और सब्जी ढोने वाले किसानों को बड़ी राहत दी है. प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और परिवहन मंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने दूध और सब्जियों की ढुलाई के लिए सामान शुल्क में छूट की घोषणा की है. उन्होंने कहा है कि यह कदम ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ाने और कृषि क्षेत्र को ऊपर उठाने के लिए अपनाया गया है.
अग्निहोत्री ने कहा कि हिमाचल सड़क परिवहन निगम (HRTC) जन कल्याण के लिए समर्पित है. उन्होंने कहा कि हमने किसानों को अपनी उपज को बाजारों में लाने में मदद करने के लिए यह छूट शुरू की है, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी.
हिमाचल प्रदेश के उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा, "...हम लगेज पॉलिसी लेकर आए हैं, जब भी हम कुछ लागू करते हैं, तो हमें सुझाव मिलते हैं. जनता की मांग थी कि दूध और सब्जी का उत्पादन करने वाले या सप्लाई करने वाले किसानों को हमारी बसों में रियायत दी जाए, हमने उनकी मांग को स्वीकार किया और दूध और सब्जी सप्लायरों के लिए टिकट हटा दिए हैं...हम यह भी देख रहे थे कि हमारी बसों में गुटखा और शराब के विज्ञापन थे, इसलिए आज हमने फैसला किया है कि इन बसों में केवल कल्याणकारी विज्ञापन ही चलेंगे और गुटखा और शराब के ये विज्ञापन हटा दिए जाएंगे."
इसके अलावा हिमाचल सरकार प्राकृतिक खेती के जरिए उगाई गई फसलों के लिए अधिक न्यूनतम समर्थन मूल्य देने की घोषणा है. हिमाचल सरकार किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए उपज की अधिक कीमत देने के लिए कुछ फसलों पर एमएसपी तय कर दी है.
इस घोषणा के तहत मक्का फसल पर एमएसपी 3000 रुपये प्रति क्विंटल तय की गई है, जो सामान्य तरीके से उगाई गई मक्का फसल पर मिलने वाले MSP से अधिक है. हिमाचल प्रदेश सरकार की इस घोषणा के तहत यहां के किसानों को मक्का फसल पर 3000 रुपये प्रति क्विंटल की कीमत मिलेगी. जबकि, केंद्र सरकार ने 2024-25 के लिए मक्का फसल पर 2225 रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी तय की गई है. इस हिसाब से देखें तो राज्य के किसानों को 775 रुपये प्रति क्विंटल अधिक दाम मिलेगा.
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हिमाचल सरकार ने पशुपालकों की आय बढ़ाने के लिए दूध की कीमतों में भी बढ़ोतरी की है. राज्य के पशुपालकों को गाय के दूध के लिए 45 रुपये मिलेंगे, जो पहले 38 रुपये प्रति लीटर था. जबकि, भैंस के दूध 47 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 55 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है.
इसके अलावा हिमाचल में किसानों से गोबर खरीद पर भी पैसे बढ़ाए गए हैं. गोबर की खरीद करके राज्य में जैविक खेती को बढ़ावा देने का उद्देश्य है.
साथ ही हिमाचल सरकार ने नशे वाली चीजों के विज्ञापन को हटाने पर एक बड़ा फैसला लिया है. प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और परिवहन मंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने मंगलवार को राज्य की बसों से गुटखा और शराब के विज्ञापन हटाने के फैसले की घोषणा की है.
हिमाचल सड़क परिवहन निगम (HRTC) के निदेशक मंडल (BOD) की हालिया बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया है. अग्निहोत्री ने कहा कि सामाजिक सरोकारों को देखते हुए बसों से गुटखा और शराब के विज्ञापन हटाए जाएंगे. इसे हटाने का निर्णय सरकार के नशे की लत को रोकने और एक स्वस्थ समाज को बढ़ावा देने के बड़े प्रयास का हिस्सा है.
उन्होंने कहा कि इन बदलावों का उद्देश्य जन कल्याण को प्राथमिकता देना, सेवाओं में सुधार करना और राज्य के परिवहन ढांचे को मजबूत करना है.
उपमुख्यमंत्री ने एचआरटीसी बसों में क्रेडिट, डेबिट, यूपीआई और नेशनल मोबिलिटी कार्ड सिस्टम सहित उन्नत तकनीकों की शुरुआत पर प्रकाश डाला है.
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश भारत का पहला राज्य है जिसने इस तरह के उपायों को लागू किया है, जिससे एचआरटीसी द्वारा प्रतिदिन सेवा प्रदान किए जाने वाले लगभग पांच लाख यात्रियों को लाभ मिल रहा है.
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