भारतीय रिजर्व बैंक ने लोनधारकों या बैंकों के कर्जदारों, उनके परिजनों या गारंटर को रात-दिन परेशान करने वाले रिकवरी एजेंट के खिलाफ सख्त निर्देश बैंकों और वित्तीय संस्थानों के लिए जारी किए हैं. आरबीआई ने लोन रिकवरी के लिए कॉल करने या फिजिकल रिमाइंडर के तहत दरवाजे पर पहुंचने वाले रिकवरी एजेंट्स पर सख्त कदम उठाया है. इससे कर्ज लेने वाले किसानों समेत आम नागरिकों को बड़ी राहत मिली है. आरबीआई ने अपनी नए नियमों के प्रस्ताव को लेकर वित्तीय संस्थानों से 28 नवंबर तक आपत्तियां मांगी हैं.
आरबीआई ने ओवर ड्यू लोन की वसूली के लिए कर्जदार को परेशान करने वाले बैंकों और उनके रिकवरी एजेंट के लिए सख्त मानदंडों का प्रस्ताव दिया है. आरबीआई के अनुसार वित्तीय संस्थान और उनके वसूली एजेंट लोनधारकों को सुबह 8 बजे से पहले और शाम 7 बजे के बाद कॉल नहीं कर सकते हैं या बैंक, ऑफिस में नहीं बुला सकते हैं. रिस्क मैनेजमेंट और कोड ऑफ कंडक्ट पर ड्राफ्ट मास्टर डायरेक्शन में कहा गया है कि बैंकों और एनबीएफसी जैसी रेगुलेटेड संस्थाओं को कोर मैनेजमेंट कार्यों और फाइनेंशियल सर्विसेज को आउटसोर्स नहीं करना चाहिए. इसके तहत पॉलिसी मेकिंग और केवाईसी नॉर्म्स के पालन और लोन की मंजूरी जैसे निर्णय लेने के कार्य शामिल हैं.
भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा है कि प्रपोज्ड रूल्स के तहत वित्तीय संस्थानों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आउटसोर्सिंग व्यवस्था न तो ग्राहकों के प्रति अपने दायित्वों को पूरा करने की क्षमता को कम करे. आरबीआई के मसौदे में कहा गया है कि वित्तीय संस्थानों को डायरेक्ट बिक्री एजेंटों (DSA) या डायरेक्ट मार्केटिंग एजेंटों (DMA) या फिर रिकवरी एजेंटों के लिए बोर्ड से स्वीकृत कोड ऑफ कंडक्ट लाना चाहिए.
वित्तीय संस्थानों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि डायरेक्ट बिक्री एजेंटों (DSA) या डायरेक्ट मार्केटिंग एजेंटों (DMA) या फिर रिकवरी एजेंटों को उनकी जिम्मेदारियों को देखभाल और संवेदनशीलता के साथ संभालने के लिए उचित रूप से ट्रेनिंग दी गई हो. खासकर ग्राहकों से लोन ईएमआई पेमेंट के लिए आग्रह करना, कॉल करने का सही समय चुनना, ग्राहक की जानकारी की गोपनीयता का ख्याल रखना और और प्रोडक्ट के सही नियम और शर्तों को बताना.
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वित्तीय संस्थान और उनके रिकवरी एजेंट अपने लोन वसूली प्रयासों में किसी भी व्यक्ति के खिलाफ मौखिक या शारीरिक रूप से किसी भी प्रकार की धमकी या उत्पीड़न का सहारा नहीं लेंगे. इसके अलावा ग्राहक उसके परिजनों या गारंटर को सार्वजनिक रूप से अपमानित करने जैसी घटनाओं पर पूरी तरह से रोक लगाने के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा ग्राहकों को उनके मोबाइल पर या सोशल मीडिया के माध्यम से अनुचित संदेश भेजने और धमकी भरे और गुमनाम कॉल नहीं करने की सख्त हिदायत आरबीआई ने दी है.
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आरबीआई ने प्रस्ताव दिया है कि रिकवरी एजेंट ओवर ड्यू ईएमआई या लेट पेमेंट की वसूली के लिए लोनधारक या उसके गारंटर को सुबह 8:00 बजे से पहले और शाम 7:00 बजे के बाद कॉल करने से मना किया गया है. आरबीआई ने यह भी कहा है कि वित्तीय संस्थानों को अपनी आउटसोर्सिंग एक्टिविटी की निगरानी और नियंत्रण के लिए मैनेजमेंट स्ट्रक्चर बनाना चाहिए. आरबीआई को अपने मसौदे पर 28 नवंबर तक मिलने वाली आपत्तियों के रिव्यू के बाद इन गाइडलाइंस को लागू कर दिया जाएगा.
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