पंजाब में जिन किसानों के पास 5 एकड़ तक जमीन है, उन्हें केंद्र सरकार की योजना के तहत गेहूं के बीज पर सब्सिडी नहीं मिलेगी. पंजाब में किसानों को यह सुविधा केंद्र की योजना राष्ट्रीय कृषि विकास योजना यानी कि RKVY के तहत दी जा रही थी. हालांकि किसानों को राहत देने के लिए पंजाब सरकार एक वैकल्पिक प्लान पर काम कर रही है. पंजाब सरकार एक एकड़ खेत वाले किसानों को कृषि उन्नति योजना के तहत सब्सिडी पर गेहूं देने में मदद करेगी. यानी केंद्र की योजना के तहत 5 एकड़ तक के किसानों को सब्सिडी मिलती थी. अब पंजाब सरकार ने उसे एक एकड़ तक कर दिया है. इससे पंजाब में लाभार्थी किसानों की संख्या बढ़ेगी क्योंकि इस जोत वाले किसान अधिक हैं.
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पंजाब में इस सीजन में प्रमाणित गेहूं के बीजों की बिक्री में देरी हुई है क्योंकि केंद्र ने अपना हिस्सा जारी नहीं किया है. पिछले साल करीब दो लाख क्विंटल प्रमाणित गेहूं के बीज सब्सिडी रेट पर बेचे गए थे. पिछले हफ्ते पंजाब के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुदियान ने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की थी और उनसे पंजाब में सब्सिडी स्कीम जारी रखते हुए सब्सिडी के लिए फंड जारी करने का आग्रह किया था.
सूत्रों ने बताया कि पंजाब को 2024-25 सीजन के लिए RKVY योजना में शामिल नहीं किया गया है, हालांकि हाल ही में कृषि विभाग ने इस मुद्दे को केंद्र के सामने उठाया था. इसकी भरपाई के लिए राज्य सरकार ने वैकल्पिक योजना के लिए 12 करोड़ रुपये अलग रखने का फैसला किया है और उसे केंद्र से 50 परसेंट सब्सिडी मिलने की उम्मीद है. एक अधिकारी ने कहा, "छोटी जोत वाले किसानों से कहा जाएगा कि वे अपने स्तर पर बीजों की संख्या बढ़ाएं."
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पंजाब में धान की कटाई जोर पकड़ने के साथ ही कृषि विभाग जल्द ही राज्य के अलग-अलग जिलों के लिए सब्सिडी वाले बीजों का आवंटन शुरू कर देगा. अब तक पंजाब सरकार ने 2023-24 रबी सीजन के लिए प्रमाणित गेहूं के बीजों पर 50 परसेंट सब्सिडी की पेशकश की है. प्रति किसान पांच एकड़ तक के लिए सब्सिडी उपलब्ध है. पिछले साल, प्रति किसान अधिकतम पांच एकड़ (2 क्विंटल) के लिए गेहूं के बीज पर सब्सिडी दी गई थी और अनुसूचित जाति, लघु (2.5-5 एकड़) और सीमांत किसानों (2.5 एकड़ तक) को इसमें तरजीह दी गई थी.
माना जा रहा है कि पंजाब सरकार की एक एकड़ वाली योजना का लाभ अधिक से अधिक किसानों को मिलेगा, लेकिन उन किसानों का खर्च बढ़ जाएगा जिनके पास अधिक खेत हैं. अभी बाजार में गेहूं बीज का भाव 3,000 रुपये से 4500 रुपये क्विंटल तक है. पंजाब सरकार की स्कीम के तहत एक एकड़ वाले किसानों को बाजार रेट से एक हजार रुपये कम कीमत पर गेहूं का बीज दिया जाता है. एक किसान को अधिकतम 2 क्विंटल गेहूं बीज दिए जाते हैं.
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जिन किसानों के पास एक एकड़ से अधिक जमीन है वे एक एकड़ के लिए हजार रुपये से कम रेट पर गेहूं का बीज खरीद पाएंगे. लेकिन एक एकड़ से अधिक खेत में बुवाई करने के लिए बाजार रेट पर उन्हें बीज खरीदना होगा. इससे उनकी खेती की लागत बढ़ जाएगी. पहले 5 एकड़ तक के किसान सब्सिडी वाले बीज का लाभ उठाते थे. इस बार पंजाब में 35 लाख हेक्टेयर में गेहूं की खेती होने की उम्मीद है जिसके लिए 35 लाख क्विंटल गेहूं बीज चाहिए होंगे. इसमें से 2 लाख क्विंटल बीज ही सब्सिडी पर दिए जाएंगे जबकि बाकी के 33 लाख क्विंटल बीज बाजार रेट पर खरीदना होगा.
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