देश के 198 मछुआरों की सोमवार को वतन वापसी हुई. ये सभी मछुआरे गुजरात के हैं जो पाकिस्तान की जेलों में बंद थे. पिछले हफ्ते पाकिस्तानी हुकूमत ने इन मछुआरों को रिहा किया. फिर सभी मछुआरों को विशेष बंदोबस्त में सोमवार को वडोदरा लाया गया जहां गुजरात के कृषि मंत्री राघवजी पटेल ने अगवानी की. ये किसान कराची की लांडी जेल में बंद थे जिन्हें मछली पकड़ने के दौरान गिरफ्तार कर लिया गया था. रिहा हुए किसानों में 184 गुजरात के, पांच महाराष्ट्र, चार दिव, तीन आंध्र प्रदेश और दो उत्तर प्रदेश के हैं.
सरकार ने एक बयान में कहा कि इन मछुआरों को करीब चार साल पहले पाकिस्तान समुद्री सुरक्षा एजेंसी (PMSA) ने अरब सागर में गुजरात तट के पास अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा (IMBL) से यह दावा करते हुए पकड़ा था कि उन्होंने समुद्री सीमा पार कर पाकिस्तानी जलक्षेत्र में प्रवेश किया था. पाकिस्तान ने अभी तक भारत के अलग-अलग राज्यों के 198 मछुआरों को रिहा किया है. इन मछुआरों को वाघा बॉर्डर से ट्रेन के जरिये वडोदरा लाया गया.
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PTI की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इन मछुआरों को रिहा कराने के लिए गुजरात सरकार लगातार केंद्र सरकार के संपर्क में थी. इसके बाद कूटनीतिक स्तर पर केंद्र सरकार ने अपने प्रयास बढ़ाए और मछुआरों की रिहाई को अंजाम दिया जा सका. सोमवार सुबह वडोदरा रेलवे स्टेशन पर पहुंचे मछुआरों का गुजरात के मत्स्य मंत्री (कृषि मंत्री) राघवजी पटेल और विधायक केयूर रोकाडिया और चैतन्य देसाई सहित अन्य लोगों ने स्वागत किया.
गुजरात के 184 मछुआरों में से 152 गिर सोमनाथ जिले के, 22 देवभूमि द्वारका के, पांच पोरबंदर के और एक-एक जूनागढ़, जामनगर, कच्छ, वलसाड और नवसारी के हैं. वडोदरा से स्थानीय अधिकारियों ने मछुआरों को चार बसों में उनके घरों के लिए भेजा. मार्च में गुजरात सरकार ने विधान सभा को बताया कि दिसंबर 2022 तक गुजरात के 560 मछुआरे अरब सागर में पकड़े जाने के बाद पाकिस्तानी जेलों में बंद थे. राज्य सरकार ने कहा कि पिछले दो वर्षों में 560 मछुआरों में से 274 को पाकिस्तानी अधिकारियों ने पकड़ा था. अब इन मछुआरों की रिहाई शुरू कर दी गई है.
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सरकार की ओर से जारी एक प्रेस रिलीज में कहा गया है कि मछुआरों की रिहाई के लिए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, कृषि मंत्री राघवजी पटेल और केंद्रीय पशुपालन मंत्री परषोत्तम रूपाला लगातार केंद्र सरकार के संपर्क में थे. इस मौजूदा साल में किसानों का यह पहला जत्था है जिसे पाकिस्तान से रिलीज किया गया है. इससे पहले जून 2022 में 20 मछुआरों को रिहा किया गया था. पाकिस्तान ने अपनी जेलों में बंद 654 भारतीय मछुआरों में से 499 को रिहा करने का फैसला किया है. 198 मछुआरे रिहा होने वाले तीन बैचों में से पहले हैं. 100-100 मछुआरों के दूसरे और तीसरे बैच को क्रमशः 2 जून और 3 जुलाई को रिहा किया जाना है.
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