मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों के हित में एक बड़ा फैसला लेते हुए भावांतर भुगतान योजना के तहत रजिस्ट्रेशन की तारीखों में बदलाव किया है. पहले रजिस्ट्रेशन 10 अक्टूबर से 24 अक्टूबर तक होना था, लेकिन अब इसे 3 अक्टूबर से 17 अक्टूबर तक कर दिया गया है.
भावांतर योजना का मकसद किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य दिलाना है. अगर किसान अपनी फसल को मंडी में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से कम दाम में बेचते हैं, तो सरकार इस अंतर की भरपाई करेगी. इस बार यह योजना सोयाबीन उत्पादक किसानों के लिए लागू की गई है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सोयाबीन के लिए MSP ₹5328 प्रति क्विंटल घोषित किया गया है. यदि किसान की उपज मंडी में MSP से कम पर बिकती है, तो सरकार दो स्थितियों के आधार पर सहायता देगी:
मुख्य सचिव अनुराग जैन के अनुसार, किसान 3 अक्टूबर से 17 अक्टूबर तक निम्नलिखित जगहों पर रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं:
मंडियों में भी हेल्प डेस्क लगाए जाएंगे जहां किसान पूरी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे.
2 अक्टूबर को प्रदेश की सभी पंचायतों में ग्राम सभाओं का आयोजन किया गया, जहां कृषि विभाग के अधिकारी किसानों को योजना के बारे में समझा रहे हैं. किसानों से अपील की गई है कि वे अंतिम तिथि से पहले अपना पंजीयन अवश्य कराएं ताकि उन्हें योजना का पूरा लाभ मिल सके.
मुख्य सचिव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से योजना की समीक्षा की और अधिक से अधिक किसानों को पंजीयन के लिए प्रेरित करने के निर्देश दिए. नीमच जिले में भी कलेक्टर हिमांशु चंद्रा और अन्य अधिकारी मौजूद रहे.
मध्य प्रदेश सरकार किसानों को आर्थिक सुरक्षा देने के लिए प्रतिबद्ध है. भावांतर योजना के माध्यम से किसान अब अपनी फसल का उचित दाम पा सकेंगे, चाहे बाजार में रेट कम ही क्यों न मिले. सभी किसान 3 अक्टूबर से 17 अक्टूबर तक पंजीयन करवाकर इस योजना का लाभ जरूर लें.
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