मोदी पर महिलाओं का वार, बिहार की बहनों को 10,000, गुजरात के लोगों को वादों का इंतजार

मोदी पर महिलाओं का वार, बिहार की बहनों को 10,000, गुजरात के लोगों को वादों का इंतजार

बिहार की बहनों को ₹10,000 का तोहफा, लेकिन गुजरात की बहनों को सिर्फ़ इंतज़ार! क्या महिला सशक्तिकरण अब चुनावी रणनीति बन गया है? गुजरात की महिलाएं पूछ रही हैं- "मोदी जी, हमारा क्या कसूर है?" पढ़ें ईशुदान गढ़वी के तीखे सवाल और बीजेपी पर लगाए गंभीर आरोप.

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मोदी पर महिलाओं का वार, बिहार की बहनों को 10,000, गुजरात के लोगों को वादों का इंतजारगुजरात की महिलाएं पीएम मोदी से पूछ रही सवाल

बिहार चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थी कि "मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण योजना" के तहत बिहार की 75 लाख महिलाओं के बैंक खातों में 10,000 रुपये जमा किए जाएंगे. इस पर आम आदमी पार्टी के गुजरात राज्य अध्यक्ष इशुदान गढ़वी ने कहा, "गुजरात की महिलाएं पूछ रही हैं, 'हमारे भाई कहां हैं? हमने क्या गुनाह किया है? क्या हमने वोट देकर कोई गलती कर दी?"

गुजरात की महिलाओं को उम्मीद

गुजरात की महिलाएं उम्मीद कर रही हैं कि उन्हें भी मोदी से 10,000 रुपये मिलेंगे, लेकिन वे यह भी पूछ रही हैं कि उन्हें यह पैसा कब मिलेगा. वे 30 सालों से इसका इंतजार कर रही हैं. बिहार की महिलाओं के खातों में पैसा जमा हो गया है; महिलाओं को पैसा देना अच्छी बात है, यह जनता का पैसा है और उन्हें दिया गया है. लेकिन गुजरात की महिलाओं ने ऐसा कौन सा गुनाह किया है कि उन्हें अभी तक कोई मदद नहीं मिली? गुजरात की महिलाएं पूछ रही हैं, 'क्या बीजेपी को वोट देना ही हमारा एकमात्र गुनाह है?'

गुजरात की महिलाएं पूछ रही हैं ये सवाल

गुजरात की महिलाएं हमसे पूछ रही हैं, 'हमारा भाई नरेंद्र मोदी कहा है?' आप सिर्फ़ उन राज्यों की महिलाओं के 'भाई' बनते हैं जहां चुनाव होने वाले होते हैं. क्या आप सिर्फ़ एक 'राजनीतिक भाई' हैं?" उन्होंने आगे कहा, "गुजरात की महिलाएं प्रधानमंत्री मोदी से पूछ रही हैं कि वादा किए गए 10,000 रुपये उनके खातों में कब जमा किए जाएंगे?"

'आई लव मुहम्मद' पर विवाद

अहमदाबाद में 'आई लव मुहम्मद' वाले पोस्टर लगने के मामले में, आम आदमी पार्टी के गुजरात राज्य अध्यक्ष इशूदान गढ़वी ने बीजेपी पर इस घटना के पीछे होने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि जब भी बीजेपी की लोकप्रियता घटती है और जनता में उनके प्रति गुस्सा बढ़ता है, तो वे हमेशा हिंदू-मुस्लिम तनाव का मुद्दा उठाते हैं. उनका दावा है कि इन गतिविधियों में बीजेपी के सदस्य शामिल हैं. महंगाई, शिक्षा की समस्याएं, जीएसटी की मनमानी और किसानों की उचित मूल्य की मांग जैसे मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए जानबूझकर ऐसे मुद्दे उठाए जाते हैं.

ईशुदान गढ़वी ने कहा, "पोस्टर विवाद खड़ा करने वाले दोनों समूह बीजेपी से जुड़े हैं. वे पहले माहौल खराब करते हैं और फिर सुरक्षा की बात करते हैं. अगर बीजेपी इन पोस्टरों को रोकने या हटाने में सक्षम नहीं है, तो मुझे 24 घंटे का समय दें, आप एक भी पोस्टर नहीं देखेंगे. किसी भी गणेश या राम उत्सव में पत्थरबाजी नहीं होगी. बीजेपी वाले इतने अक्षम हो गए हैं कि वे गुजरात में एक भी त्योहार शांति से नहीं मनावा सकते. त्योहारों के दौरान पत्थरबाजी हो रही है. अगर बीजेपी इसे नियंत्रित नहीं कर सकती, तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए. मुझे 24 घंटे का समय दें, मैं सब कुछ रोक दूंगा; नहीं तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा. बीजेपी सरकार चलाने के लायक नहीं है. इसके दो कारण हैं: या तो वे खुद विवाद खड़ा करते हैं, या वे इसे रोकने में असमर्थ हैं. यह बीजेपी की विफलता है."

पत्थरबाजी और आगजनी की घटना

पिछले एक हफ्ते में, "आई लव मुहम्मद" पोस्टरों को लेकर गुजरात के गोधरा और गांधीनगर के पास धोलेरा के बेहियाल में पत्थरबाजी और आगजनी की घटनाएं हुईं. इन घटनाओं के बाद अहमदाबाद के कुछ संवेदनशील इलाकों में भी "आई लव मुहम्मद" पोस्टर लगाए गए और एक रैली भी निकाली गई. शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए, पुलिस पोस्टर लगाने वालों से बातचीत और समझा-बुझाकर उन्हें पोस्टर हटाने के लिए मनाने की कोशिश कर रही है. पुलिस ने पेट्रोलिंग बढ़ा दी है और लोगों से सोशल मीडिया पर कोई भी विवादित कंटेंट पोस्ट न करने की अपील की है. (अतुल तिवारी का इनपुट)

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