झारखंड में महिला सशक्तिकरण की दिशा में आज से नया अध्याय शुरू होगा. सरकार गठन के बाद पहले सबसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम में 18 से 50वर्ष के बीच की लगभग 56 लाख महिलाओं को 2500 रुपया सम्मान राशि के रूप में दिया जाएगा. झारखंड में हेमंत सरकार महिला सशक्तिकरण की दिशा में आज से एक नए अध्याय की शुरुआवत करने जा रही है. सरकार गठन के बाद ये पहला महत्वपूर्ण कार्यक्रम होगा, खुद सीएम हेमंत सोरेन राज्य में 56 लाख लाभार्थी महिलाओं के लिए नए फीचर वाली मईया सम्मान योजना को रिलॉन्च कर रहे हैं.
इसके तहत 18-50 साल की 56 लाख महिलाओं को 2500 रुपए सम्मान राशि हर महीने दी जाएगी. इस योजना के तहत विधानसभा चुनावों से पहले 1000 रुपए की तीन किस्तों का भुगतना हेमंत सरकार द्वारा किया भी जा चुका है. दरअसल जब ये योजना लांच हुई थी तब बीजेपी ने चुनाव से पहले अपना संकल्प पत्र जारी किया था और ये वायदा किया था कि बीजेपी ने सत्ता में आते ही वे हजार नहीं बल्कि 2100 रुपए महिलाओं को सम्मान राशि के तौर पे देगी. इसके बाद JMM के तरफ से खुद सीएम हेमंत सोरेन ने campaigning के दौरान ये घोषणा कर दी थी कि सत्ता में वापस आते ही हेमंत सरकार महिलाओं को 2500 रुपए का सम्मान दिसम्बर महीने से देगी.
सरकार बनने के बाद अपने चुनावी वादे को पूरा करने के लिए 28 दिसंबर को ही एक बड़ा कार्यक्रम रखा गया था, जिसमें महिलाओं के लिए सम्मान राशि जारी करना था. लेकिन पूर्व पीएम डॉ मनमोहन सिंह के निधन से राष्ट्रीय शोक के कारण ये कार्यक्रम टल गया था. अब सम्मान राशि दो महीने का एकसाथ 5000 रुपए जारी करेंगे. इसको लेकर रांची के नामकुम के एक मैदान में व्यापक तैयारियां की गई है. इसमें लाखों महिलाओं के एकजुट होने की उम्मीद है. लगभग 4000 पुलिसकर्मियों के जिम्मे सुरक्षा व्यवस्था होगी.
महिलाओं के सम्मान राशि के लिए महिला बाल कल्याण और सामाजिक सुरक्षा विभाग ने पहले ही 5225 करोड़ रुपए दिसम्बर से मार्च तक के लिए राशि जिलों में भेज दिया है ताकि वित्तीय वर्ष 2024-25 मार्च तक का प्रावधान किया जा सके.
मईया सम्मान को झारखंड विधानसभा चुनावों में गेम चेंजर कहा गया था. दअरसल जानकारों ने आकलन किया कि महिलाओं ने जमकर जेएमएम और इंडिया ब्लॉक के पक्ष में वोट किया और 81में से 56 सीट इंडिया ब्लॉक को मिले. इसमें 34 JMM को, 16 कांग्रेस को , राजद को 4और वाम दलों को 2सीटें मिली थी. कांग्रेस के बारे में कहा गया था कि वो कमजोर कड़ी साबित हो सकती है लेकिन उसने भी अपने 2019 के परफॉर्मेंस को शानदार तरीके से बरकरार रखा.
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विधानसभा चुनावों में महिलाओं के वोट 2 करोड़ 29लाख थे जबकि पुरुष मतदाता 2 करोड़ 31 लाख के करीब थे. JMM के पक्ष में तब इस योजना के लाभार्थी जो 46 लाख महिला थी उनमें से आकलन किया गया कि 70 से 80 फीसदी महिलाओं ने वोट किया था. 2019 के चुनाव में JMM को लगभग 28 लाख वोट मिले थे जबकि बीजेपी को 50लाख. इस बार अकेले महिलाओं ने प्यार बरसाया और इंडिया ब्लॉक की नैया पार लगवा दी. अब अगर 56 लाख महिलाएं लाभार्थी हैं और स्कीम चलती रही तो इसका असर आगे की चुनावी राजनीति में भी दिखेगा.
इस स्कीम से वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने बताया कि महिलाएं आत्मनिर्भर बनेगी. बिंदी टिकली और तमाम छोटी जरूरतों के लिए उन्हें किसी पे निर्भर नहीं रहना होगा. साथ ही सीएम ये चुनाव प्रचार के वक्त से ही कहते आ रहे हैं कि ये स्कीम समाज में बदलाव के तरफ बड़ा कदम है. ये छोटी-छोटी चीजों के लिए कर्ज लेने के ट्रेंड को कम कर देगी. परिवार की आय को बढ़ावा मिलेगा. साग सब्जी और अन्य खर्च का माध्यम बनेगा.
इसी दिशा में जेएमएम सुप्रीमो शिबू सोरेन ने भी सपना देखा था. आदिवासी समाज को शोषण और दोहन से बचाना, उन्होंने देखा था कि कैसे कर्ज के मकड़जाल से आदिवासी नहीं निकल पाते थे. छोटे कर्जों के लिए अपनी जमीन तक गंवा देते थे. लिहाजा उन्होंने महाजनी प्रथा के खिलाफ आंदोलन किया था. अब महिलाओं को आत्म निर्भर बनाया गया तो समाज आत्मनिर्भर बनेगा, साथ ही महिलाओं का सम्मान इस आय के वजह से परिवार में भी बढ़ेगी.
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