हरियाणा सरकार ने फसल विविधिकरण को बढ़ावा देने के लिए किसानों के हित में बड़ा निर्णय लिया है. राज्य सरकार ने कहा है कि जो किसान धान की बजाय दूसरी फसल की बुवाई करंगे या खेत खाली रखें तो उन्हें प्रति एकड़ 10 हजार रुपये दिए जाएंगे. हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने घोषणा करते हुए कहा कि ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने और किसानों को मजबूत करने के लिए हरियाणा में 500 हाईटेक सीएम पैक्स केंद्र बनाए जाएंगे. सीएम पैक्स के जरिए किसानों को खाद-बीज और कीटनाशकों की जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी. किसानों को ट्रेनिंग और वित्तीय सेवाएं दी जाएंगी. सीएम पैक्स किसानों के लिए वन-स्टॉप सेंटर का काम करेंगे. उन्होंने कहा कि एफपीओ और पैक्स को अनाज स्टोरेज की खातिर गोदाम बनाने के लिए 1 करोड़ रुपये तक का ब्याज मुक्त लोन दिया जाएगा.
हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने बुधवार को 15वीं विधानसभा के पहले सेशन को संबोधित करते हुए कहा कि किसानों के सशक्तिकरण और ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने के लिए वर्तमान राज्य सरकार अत्याधुनिक 500 सीएम पैक्स स्थापित करेगी, जो किसानों को प्रशिक्षण, बिक्री और वित्तीय सेवाओं के लिए वन स्टॉप सेंटर्स का काम करेंगे. इसके अलावा किसान समूहों और पैक्स को अनाज स्टोरेज के लिए गोदाम बनाने की खातिर 1 करोड़ रुपये तक का ब्याज मुक्त लोन दिया जाएगा. सरकार किसान उत्पाद संघ-एफपीओ और पैक्स जैसे सहकारी संगठनों का एक बड़ा नेटवर्क बना रही है.
राज्यपाल ने कहा कि रबी सीजन-2023-24 में फसलों को प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान के लिए भी 49,000 किसानों को 133.75 करोड़ रुपये से अधिक की राशि मुआवजे के रूप में दी गई है. इसके अलावा सरकार ने किसानों को सीधा लाभ पहुंचाने के लिए ई-खरीद पोर्टल के माध्यम से 12 लाख किसानों के खातों में एमएसपी पर फसल खरीद के 1 लाख 24 हजार करोड़ रुपये डाले हैं.
राज्यपाल ने आगे कहा कि राज्य सरकार प्रदेश की वर्तमान जरूरतों को देखते हुए प्रदेश की कृषि व्यवस्था में बदलाव कर रही है. हमारा किसान ज्यादा से ज्यादा आत्मनिर्भर हो और उसकी आमदनी बढ़े, इस सोच के साथ नीतियां बनाई जा रही हैं व अनेक निर्णय लिये जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि आज नकली खाद, बीज व कीटनाशक कृषि क्षेत्र के लिए बड़ी चुनौती बन गये हैं. राज्य सरकार इन पर रोक लगाने के लिए कड़ा कानून बनाएगी और किसानों को शत-प्रतिशत मुआवजा भी देगी.
राज्यपाल ने कहा कि सिंचाई जल की कमी को देखते हुए कम पानी में उगने वाली फसलों को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार धान की जगह अन्य फसल बोने या खेत खाली रखने पर भी किसानों को 10 हजार रुपये प्रति एकड़ की राशि देगी. उन्होंने कहा कि पानी की बर्बादी को रोकने के लिए नहरों के बुनियादी ढांचे में सुधार जारी रखा जाएगा. सूक्ष्म सिंचाई, 19716 तालाबों के जीर्णोद्धार, गंदे पानी का ट्रीटमेंट जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार रावी-ब्यास नदियों के पानी का अपना वैध भाग पाने करने और सतलुज-यमुना लिंक नहर को पूरा कराएगी.
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