बुढ़ापे में जीवनयापन के लिए पेंशन की राशि वित्तीय मदद के रूप में बड़े काम आती है. केंद्र और राज्य सरकारों के सरकारी कर्मचारियों को तो रिटायरमेंट के बाद पेंशन मिल जाती है, लेकिन निजी क्षेत्र में काम करने वाले या किसान बुजुर्गों को भी राज्य सरकारें वित्तीय मदद के रूप में मासिक पेंशन देती हैं. इसी क्रम में हरियाणा सरकार भी बुजुर्गों को वृद्धावस्था पेंशन देती है. राज्य सरकार ने नए साल से पेंशन की राशि बढ़ाकर देने की घोषणा की है. हरियाणा के 40 हजार से ज्यादा बुजुर्गों और उनके परिवारों ने वृद्धावस्था पेंशन योजना का लाभ लेने से मना किया है.
हरियाणा सरकार ने राज्य के बुजुर्गो को मासिक पेंशन राशि देती है. इस राशि के तहत बुजुर्गों को 2750 रुपये प्रति माह दिए जाते हैं. राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने वृद्धावस्था पेंशन राशि को बढ़ाने की घोषणा करते हुए कहा कि अगले माह 1 जनवरी 2024 से इस राशि में 250 रुपये का इजाफा किया जा रहा है. इस तरह से वृद्धावस्था पेंशन के तहत मिलने वाली राशि बढ़कर 3,000 रुपये हो जाएगी. बढ़ी हुई राशि 3000 हजार रुयपे 1 जनवरी को लाभार्थियो के खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी.
मुख्यमत्री मनोहर लाल खट्टर ने बताया कि 60 वर्ष की उम्र के बुजुर्ग भाई-बहन को वृद्धावस्था पेंशन योजना का लाभ दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि 60 की उम्र वाले बुजुर्गों के यहां सरकारी विभाग के अफसरों को भेजकर फॉर्म भरने को कहा गया है. इस दौरान राज्य के करीब 40 हजार बुजुर्गों और उनके परिजनों ने कहा कि हम अपना काम अपने आप चला लेंगे व्यवस्था हमारे पास है. इसलिए हम इस पैसे को नहीं लेना चाहते हैं, हमें वृद्धावस्था पेंशन योजना की जरूरत नहीं है.
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मुख्यमत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि 40 हजार लोगों को वृद्धावस्था पेंशन नहीं लेने से सालाना करीब 100 करोड़ रुपये बचेगा. इस रकम का इस्तेमाल वह 22 जिलो में बनने वाले वरिष्ठ नागरिक सेवा आश्रम के लिए खर्च की जाएगी. उन्होंने कहा कि 80 वर्ष की आयु से अधिक के अकेले रहने वाले नागरिकों के लिए वरिष्ठ नागरिक सेवा आश्रम योजना लाई गई है. ताकि, ऐसे निराश्रित बुजु्र्गों की बेहतर देखभाल की जा सके. उनके जीवन के अंतिम वर्षों को बेहतर से गुजारने का मौका मिल सके.
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