केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को महाराष्ट्र, शिवाजीनगर, पुणे के कृषि महाविद्यालय में पहले अंतरराष्ट्रीय कृषि हैकाथॉन कार्यक्रम में भाग लिया. इस अवसर पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उप मुख्यमंत्री अजीत पवार, उच्च शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटिल, महाराष्ट्र के कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे, बागवानी मंत्री भरत गोगावले, महात्मा फुले विश्वविद्यालय के वीसी डॉ. शरद कांदे, मराठवाड़ा कृषि विश्वविद्यालय के वीसी डॉ. इंद्रमणि और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे. केंद्रीय कृषि मंत्री ने हैकॉथान विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कृत भी किया.
इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इस पहले अंतरराष्ट्रीय कृषि हैकाथॉन में आकर मेरा मन आनंद और प्रसन्नता से भर गया है. इस पहल के लिए मैं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और पूरी टीम को हृदय से बधाई देता हूं, उनका अभिनंदन करता हूं.
चौहान ने कहा कि देश में बागवानी का हब कोई है, तो वह महाराष्ट्र ही है. महाराष्ट्र का अंगूर हो, अनार हो, संतरा हो, यहां के चीकू हो या फिर यहां कि अलग-अलग प्रकार की सब्जियां, सब बेहद अद्भुत है. महाराष्ट्र के किसानों ने अपनी मेहनत और महाराष्ट्र सरकार के सहयोग से बागवानी के क्षेत्र में जो प्रगति और विकास किया है, उसके लिए वह बधाई के पात्र है. आप ने हिंदुस्तान को दिशा दिखाई है.
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शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के तहत अब-तक मैं जितने राज्यों में गया हूं और किसानों से बातचीत की है. सबने अपने क्षेत्र विशेष के अनुसार अलग-अलग समस्याएं मुझसे साझा की है. लेकिन बागवानी के क्षेत्र में जो सबसे बड़ी समस्या मुझे सुनने को मिली वो है कि जो पौधा किसानों को उपलब्ध होता है वह क्लीन है या नहीं, रोगमुक्त है या नहीं, इसका किसानों को पता ही नहीं चलता. किसानों ने बताया कि वह विभिन्न कंपनियों और नर्सरी के माध्यम से कई बार यह सोचकर पौधा खरीदते है कि इससे अच्छी पैदावार होगी लेकिन पौधे के पेड़ में परिवर्तित होने के बाद, जब फल देने का समय आता है तब ज्ञात होता है कि पेड़ में कई तरह की बीमारियां आ गई हैं. इसलिए सबसे बड़ी जरूरत है कि किसानों को रोगमुक्त पौधे उपलब्ध हो, उन्हें किसी धोखे का सामना ना करना पड़े.
शिवराज सिंह चौहान ने कहा, किसानों को स्वस्थ पौधे सुनिश्चित करवाना बड़ी जरूरत है जिसके लिए हम जल्द ही ‘क्लीन प्लांट’ कार्यक्रम की शुरुआत करने जा रहे हैं. हम अपने किसानों की जरूरत और क्षमता को ध्यान में रखते हुए पूरे देशभर में 9 ‘क्लीन प्लांट’ बनाएंगे. महाराष्ट्र बागवानी का बड़ा क्षेत्र है, इसलिए 9 में से 3 ‘क्लीन प्लांट’ महाराष्ट्र में स्थापित होंगे. पुणे की पवित्र धरती से अंगूर की बागवानी के लिए ‘क्लीन प्लांट’ की शुरुआत होगी. संतरे के लिए ‘क्लीन प्लांट’ की शुरुआत नागपुर से होगी और अनार के लिए ‘क्लीन प्लांट’ सोलापुर से शुरू होगा. इन तीनों प्लांटों को बनाने के लिए करीब 300 करोड़ रुपये की लागत आएगी. इसके साथ-साथ आधुनिकतम नर्सरी का भी निर्माण किया जाएगा. यह नर्सरी आधुनिक तकनीक के साथ काम करने वालों को ही दी जाएगी.
कृषि मंत्री ने कहा, बड़ी नर्सरी के लिए 3 करोड़ और मध्यम आकार वाली नर्सरी के लिए 1.5 करोड़ की सहायता राशि का प्रावधान होगा. इस पहल से प्रत्येक वर्ष हमारे किसानों को 8 करोड़ क्लीन प्लांट उपलब्ध कराए जाने का लक्ष्य है. शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मेरा पूरा विश्वास है कि इस ‘क्लीन प्लांट’ कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन के बाद महाराष्ट्र का बागवानी क्षेत्र पूरी दुनिया को टक्कर देगा. इस कार्यक्रम में इजराइल, नीदरलैंड जैसे देशों के भी सफल प्रयोगों की सहायता ली गई है.
चौहान ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए हमें खेती और किसानों की समृद्धि के लिए मिलकर काम करना होगा. किसानों की खेती को फायदे में बदलने के लिए छह उपाय जरूरी हैं. प्रति हेक्टेयर उत्पादन बढ़ाना होगा, उत्पादन की लागत कम करनी होगी, उत्पादन के सही दाम सुनिश्चित करना और नुकसान की स्थिति में भरपाई की व्यवस्था, विविधिकरण जैसे उपाय करने हमें किसानों की समृद्धि की दिशा में काम करना होगा.
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शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ‘लैब को लैंड’ से जोड़ने के लिए ही ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ की कल्पना की गई है. प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में हमने तय किया कि वैज्ञानिक प्रयोगशालाओं से निकलकर गांव-गांव जाकर किसानों से संवाद करें और शोध की सही जानकारी उन तक पहुंचाएं. कृषि विभागों से जुड़े सभी लोग और किसान मिलकर साथ काम करें तो चमत्कार हो सकता है. कृषि को बेहतर बनाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों की टीमें निरंतर प्रयासरत हैं. किसानों की सेवा ही मेरे लिए जीवन की सार्थकता है.
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