हरियाणा सरकार ने किसानों को बड़ी राहत देते हुए बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से खराब हुई फसलों के लिए मुआवजे की रकम जारी कर दी है. इस मार्च और अप्रैल में हुई बारिश से नुकसान की भरपाई के लिए 181 करोड़ रुपये रिलीज किए गए हैं.सीएम मनोहर लाल ने एक क्लिक से ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल के जरिए सीधे किसानों के खातों में मुआवजा राशि ट्रांसफर की. इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला और कृषि मंत्री जेपी दलाल भी मौजूद रहे. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने फसल क्षति का विशेष सर्वेक्षण करवाया था. जिसके अनुसार 18 जिलों में 2.09 लाख एकड़ में फसल का नुकसान हुआ था. सूबे के 67,758 किसानों के गेहूं, सरसों और तोरिया फसलों को नुकसान हुआ था. इन सभी किसानों के बैंक अकाउंट में पैसा भेजा गया है.
सीएम मनोहर लाल ने कहा कि संबंधित अधिकारी मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर किसानों का शत-प्रतिशत पंजीकरण करवाना सुनिश्चित करें, ताकि उन्हें समय पर मुआवजा दिया जा सके. कहा कि वे दिन गए जब किसान अपना मुआवजा पाने के लिए वर्षों इंतजार करते थे. वर्तमान राज्य सरकार ने ई-गवर्नेंस की दिशा में बढ़ते हुए यह सुनिश्चित किया है कि किसानों को समय पर मुआवजा मिले. उन्होंने कहा कि फसल नुकसान के आवेदन, सत्यापन और मुआवजा प्रदान करने की प्रणाली में पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल ऐतिहासिक कदम है.
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इस पोर्टल के माध्यम से मुआवजा राशि मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर उपलब्ध करवाए गए किसान के सत्यापित खाते में सीधे जमा करवाई जाती है. इसके लिए मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल के अलावा और कहीं भी पंजीकरण करने की आवश्यकता नहीं है. मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने हाल ही में बारिश के कारण फसलों के नुकसान का आकलन करने के लिए प्रभावित गांवों का दौरा किया था. किसानों को मई महीने में मुआवजे की राशि जारी करने का वादा किया था. यह पहली बार हुआ है कि किसानों को मुआवजा राशि सीधे उनके बैंक खाते में मिली है. जबकि पहले उपायुक्तों के माध्यम से यह रकम दी जाती थी.
हरियाणा सरकार ने उन किसानों को भी फसल नुकसान का मुआवजा देने का एलान किया था जो प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में कवर नहीं हैं. ऐसे किसानों को मेरी फसल मेरा ब्यौरा के ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर नुकसान का विवरण देना था. इस पर बैंक खाता व मोबाइल नंबर के साथ नुकसान का ब्यौरा भरना था. उसका वेरिफिकेशन करने के बाद पैसा रिलीज किया गया.
किसानों की 100 प्रतिशत खराब फसल का सरकार की ओर से प्रति एकड़ 15000 एकड़ मुआवजा देने का एलान किया गया था. इसी तरह 51 से 75 फीसदी फसल खराब होने पर 12000 और 25 से 50 प्रतिशत फसल खराब होने पर 9000 रुपये प्रति एकड़ की दर से मुआवजा देने का निर्णय लिया गया था.
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