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बिहार में सब्सिडी पर लगेंगे 4500 नलकूप, कृषि मंत्री ने किया ऐलान

बिहार में सब्सिडी पर लगेंगे 4500 नलकूप, कृषि मंत्री ने किया ऐलान

बिहार सरकार चालू वित्त वर्ष में 25000 एकड़ में सूक्ष्म सिंचाई के लिए मार्च 2024 तक किसानों को 4500 व्यक्तिगत नलकूप पर सब्सिडी देगी. वहीं सूक्ष्म सिंचाई के अंतर्गत ड्रिप सिंचाई तकनीक, मिनी और माइक्रो स्पिंकलर के अतिरिक्त पोर्टेबल स्प्रिंकलर सिंचाई तकनीक को अपनाने के लिए किसानों को सरकार प्रेरित कर रही है.

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बिहार में सब्सिडी पर लगेंगे 4500 नलकूप, (aaj tak) बिहार में सब्सिडी पर लगेंगे 4500 नलकूप, (aaj tak)

देश के किसान सिंचाई के लिए पानी की कमी को लेकर हमेशा परेशान रहते हैं. ऐसे में किसानों के साथ-साथ सरकार भी किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए हमेशा कार्य करती रहती है. इसी कड़ी में बिहार सरकार चालू वित्त वर्ष में 25000 एकड़ में सूक्ष्म सिंचाई के लिए मार्च 2024 तक किसानों को 4500 व्यक्तिगत नलकूप पर सब्सिडी देगी. इसको लेकर राज्य के कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना प्रति बूंद अधिक फसल विषय पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में यह घोषणा की. साथ ही उन्होंने कहा कि योजना के प्रचार-प्रसार के लिए विशेष प्रबंध किया गया है. वहीं अलग-अलग माध्यम से किसानों को जागरूक भी किया जाएगा. दरअसल बिहार एक ऐसा राज्य है, जहां आधा प्रदेश हर साल आने वाली बाढ़ से प्रभावित रहता है. जिससे कई जिलों में किसानों की फसल बर्बाद हो जाती है. वहीं, कुछ जिले ऐसे हैं, जहां पर पानी की किल्लत हमेशा बनी रहती है और सुखाड़ जैसे हालात रहते हैं.

60 प्रतिशत पानी की बचत

सात निश्चय-2 और जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत सूक्ष्म सिंचाई पद्धति एक महत्वपूर्ण तकनीक है. जिसे अपनाने से लगभग 60 प्रतिशत जल की बचत, साथ ही 25 से 30 प्रतिशत उर्वरक की खपत में कमी, वहीं 30 से 35 प्रतिशत लागत में कमी आएगी. इसके अलावा 25 से 35 प्रतिशत अधिक उत्पादन के साथ-साथ बेहतर गुणवत्ता वाले फसल का भी उत्पादन होता है.

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किसानों को दी जा रही है सब्सिडी

सूक्ष्म सिंचाई के अंतर्गत ड्रिप सिंचाई तकनीक, मिनी और माइक्रो स्पिंकलर के अतिरिक्त पोर्टेबल स्प्रिंकलर सिंचाई तकनीक को अपनाने के लिए किसानों को सरकार प्रेरित कर रही है. वहीं इसकार इस तरीके के सिंचाई तकनीक अपनाने किसानों को अतिरिक्त टप-अप राशि के जरिए 90 प्रतिशत सब्सिडी उपलब्ध कराया जा रहा है. वहीं उन्होंने कहा कि सात निश्चय-2 योजना के तहत ड्रिप सिंचाई तकनीक अपनाने वाले न्यूनतम पांच किसानों के समूह द्वारा कम से कम ढाई हेक्टेयर में खेती के लिए बड़े और सीमांत किसानों को जल स्त्रोत के लिए 80 प्रतिशत सब्सिडी (210 फीट गहराई तक) पर सामूहिक नलकूप की व्यवस्था की गई है.

कार्यशाला में शामिल हुए ये लोग

कार्यशाला की अध्यक्षता कृषि विभाग के प्रधान सचिव बी राजेन्दर ने किया. वहीं कार्यक्रम में उद्यान निदेशक अभिषेक कुमार, संयुक्त निदेशक राधा रमण साथ ही कृषि विभाग के मुख्यालय और क्षेत्रीय पदाधिकारीगण, सूक्ष्म सिंचाई योजना के अग्रणी किसान सहित सभी सूक्ष्म सिंचाई आधारित कंपनी के प्रतिनिधि गण उपस्थित रहे.