किसानों को मिले 3 हजार रुपए मासिक पेंशन, पीएम मोदी को लिखा पत्र

किसानों को मिले 3 हजार रुपए मासिक पेंशन, पीएम मोदी को लिखा पत्र

राजस्थान स्टेट एग्रो इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट बोर्ड के अध्यक्ष रामेश्वर डूडी ने राजस्थान सहित देश के सभी किसानों को मासिक पेंशन देने की मांग की है. डूडी ने किसानों को पेंशन के रूप में प्रति माह तीन हजार रुपए देने की मांग की है. 

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किसानों को मिले 3 हजार रुपए मासिक पेंशन, पीएम मोदी को लिखा पत्रखेत में काम करता एक किसान

राजस्थान स्टेट एग्रो इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट बोर्ड के अध्यक्ष रामेश्वर डूडी ने राजस्थान सहित देश के सभी किसानों को मासिक पेंशन देने की मांग की है. इस संबंध में डूडी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को एक पत्र भी लिखा है. डूडी ने किसानों को पेंशन के रूप में प्रति माह तीन हजार रुपए देने की मांग की है. पत्र में डूडी ने लिखा है कि कृषि अत्यंत अनिश्चिताओं से भरा काम है. अनेक बार अतिवृष्टि, ओलावृष्टि, शीत लहर, लू और सूखे जैसी प्राकृतिक आपदाओं के कारण किसान की मेहनत पर पानी फिर जाता है. जिससे उनकी एक निश्चित आय नहीं हो पाती है.

उन्होंने लिखा कि हाल ही के वर्षों में जलवायु परिवर्तन व भूमंडलीकरण के कारण कृषि क्षेत्र को सामाजिक सुरक्षा दायरे में लाना आवश्यक हो गया है. लिहाजा देश के प्रत्येक भूमि धारक व भूमिहीन किसान को न्यूनतम 3 हजार रुपये की मासिक पेंशन का प्रावधान किया जाए.

मील का पत्थर साबित होगा ये निर्णयः डूडी

डूडी ने लिखा है, “राज्य सरकारें सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना, वृद्धावस्था  पेंशन, एकल नारी पेंशन योजना, विशेष योग्यजन और लघु एवं सीमांत किसान वृद्धजन पेंशन योजना जैसी योजनाएं संचालित कर रही हैं. इसी साल 2022-23 में राजस्थान सहित कई अन्य राज्यों ने पुरानी पेंशन योजनाएं लागू कर ऐतिहासिक काम किया है. 
इसी तर्ज पर भारत सरकार देश के किसानों को आर्थिक एवं सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाने के लिए प्रत्येक भूमि धारक व भूमिहीन किसान के लिए एक निर्धारित मासिक पेंशन का प्रावधान करती है तो यह किसानों के हित में मील का पत्थर साबित होगा. ”

ये पत्र लिखा है रामेश्वर डूडी ने पीएम मोदी को

वे पत्र में लिखते हैं, “वर्तमान में भारत सरकार प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के अंतर्गत भूमि धारत लघु एवं सीमांत किसानों को हर साल 6 हजार रुपए देती है जोकि ऊंट के मुंह में जीरे के समान है. यह राशि 2014 में रंगराजन समित द्वारा अनुशंषा की गई बीपीएल रेखा (ग्रामीण क्षेत्र 972 रुपए मासिक) से भी कम है. ”

राजस्थान सरकार बजट में कर सकती है घोषणा

डूडी के इस पत्र के राजनीतिक मायने भी हैं. क्योंकि राजस्थान में सरकार अगले बजट के लिए आम लोगों के साथ-साथ अलग-अलग संस्थाओं से राय ले रही है.किसान तक के सूत्रों के अनुसार किसानों को सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाने के बारे में  कृषि संगठनों से काफी सुझाव मिले हैं. इसके बाद सीएम ने मुख्य सचिव ऊषा शर्मा और प्रमुख वित्त सचिव  अखिल अरोड़ा को इन सुझावों के परीक्षण के निर्देश दिए थे.

इसीलिए माना जा रहा है कि गहलोत सरकार इस कार्यकाल के आखिरी बजट में किसानों को पेंशन की घोषणा कर सकती है. इससे सरकार के खजाने पर 12 से 1500 करोड़ रुपए का भार आएगा.  कृषि विभाग के अनुसार राज्य में 1.10 करोड़ किसान हैं. 

50.40 लाख हेक्टेयर  खेती प्राकृतिक आपदाओं से खराब हुई

बता दें कि देश में प्राकृतिक आपदाओं के चलते लाखों हेक्टेयर खेती खराब हो रही है. लोकसभा में रखे गए आंकड़ों के मुताबिक साल 2021-22 (नवंबर तक) में 50.40 लाख हेक्टेयर खेती को तूफान, बाढ़ और भूस्खलन से नुकसान हुआ.  साल 2020 में यह आंकड़ा 66.50 लाख हेक्टेयर और 2019 में 114.20 लाख हेक्टेयर खेती का नुकसान हुआ था. साल 2016 में हुए 66.50  लाख हेक्टेयर खेती की कीमत 4052.72 करोड़ रुपए आंका गया था. 

50% किसान परिवारों पर औसत 72 हजार रुपए का कर्ज

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) की 2021 की रिपोर्ट के अनुसार देश के 50 प्रतिशत किसान परिवारों पर औसतन 72,121 रुपए का कर्ज है. यह कर्ज 2013 के मुकाबले 57 प्रतिशत तक बढ़ गया है. साथ ही साल 2017 से 2021 के बीच देश में 53 हजार से ज्यादा किसान या खेती पर निर्भर लोगों ने आत्महत्या की है. 


 

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