महाराष्ट्र: फसल बीमा योजना के क्लेम से कपास किसानों को मिले 3,653 करोड़ रुपये, 2024-25 में रिकॉर्ड उत्पादन

महाराष्ट्र: फसल बीमा योजना के क्लेम से कपास किसानों को मिले 3,653 करोड़ रुपये, 2024-25 में रिकॉर्ड उत्पादन

024-25 के दौरान, महाराष्ट्र ने 92.32 लाख गांठ कपास का उत्पादन किया, जो पिछले वर्ष के 80.45 लाख गांठ (प्रत्येक गांठ का वजन 170 किलोग्राम) से अधिक है. PMFBY के तहत महाराष्ट्र के कपास किसानों को पिछले 5 सालों में कुल ₹3,653 करोड़ के बीमा दावे प्राप्त हुए हैं.

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महाराष्ट्र: फसल बीमा योजना के क्लेम से कपास किसानों को मिले 3,653 करोड़ रुपये, 2024-25 में रिकॉर्ड उत्पादनCotton farmer Prakash Madhukar Gawande in Yavatmal. (Picture: India Today)

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत महाराष्ट्र के कपास किसानों को पिछले 5 सालों में कुल ₹3,653 करोड़ के बीमा दावे प्राप्त हुए हैं. कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, महाराष्ट्र में कपास किसानों को 2020 में 55.26 करोड़ रुपये, 2021 में 441.10 करोड़ रुपये, 2022 में 456.84 करोड़ रुपये, 2023 में 1,941.09 करोड़ रुपये और 2024 में 758.95 करोड़ रुपये के दावे प्राप्त हुए. यह योजना राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित फसलों और क्षेत्रों के लिए, बुवाई से पहले से लेकर कटाई के बाद तक फसल नुकसान के विरुद्ध व्यापक कवरेज प्रदान करती है. 

2024-25 में रिकॉर्ड कपास उत्पादन

प्राकृतिक आपदाओं और प्रतिकूल मौसम की स्थिति से होने वाले नुकसान से किसानों को बचाने के लिए तैयार की गई पीएम फसल बीमा योजना, विदर्भ के कपास उत्पादकों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद साबित हुई है. इससे उन्हें अनियमित वर्षा और जलवायु चुनौतियों के कारण बार-बार होने वाली फसल क्षति से उबरने में मदद मिली है. अंग्रेजी अखबार 'बिजनेस लाइन' की रिपोर्ट के मुताबिक, 2024-25 के दौरान, महाराष्ट्र ने 92.32 लाख गांठ कपास का उत्पादन किया, जो पिछले वर्ष के 80.45 लाख गांठ (प्रत्येक गांठ का वजन 170 किलोग्राम) से अधिक है. 

CCI ने 10,714 करोड़ रुपये की कपास खरीदी

महाराष्ट्र के जलगांव और यवतमाल जैसे प्रमुख उत्पादक जिलों में कपास उत्पादकों को सहायता प्रदान करने के लिए, भारतीय कपास निगम (सीसीआई) ने अपनी औरंगाबाद और अकोला शाखाओं के अंतर्गत 19 जिलों में 128 खरीद केंद्र खोले हैं, जिनमें जलगांव में 11 और यवतमाल में 15 केंद्र शामिल हैं. सीसीआई ने किसानों के साथ 6.27 लाख लेन-देन के जरिए 10,714 करोड़ रुपये मूल्य की 144.55 लाख क्विंटल कपास की ख़रीद की है. इसमें यवतमाल ज़िले से 21.39 लाख क्विंटल और जलगांव ज़िले से 4.79 लाख क्विंटल कपास की ख़रीद शामिल है.

कब शुरू होगी कपास की सरकारी खरीद?

गौरतलब है कि महाराष्ट्र में कपास और सोयाबीन की सरकारी खरीद 30 अक्टूबर से शुरू होने जा रही है. सीएम देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र सरकार राज्य में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए विशेष “प्राकृतिक खेती मिशन” का ऐलान करते हुए ये जानकारी दी है. फडणवीस ने शुक्रवार को बताया कि इस मिशन की अगुवाई राज्यपाल आचार्य देवव्रत करेंगे, जो इस क्षेत्र के विशेषज्ञ माने जाते हैं. मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि यह मिशन किसानों के हित में काम करेगा और उन्हें प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए प्रोत्साहित करेगा. उन्होंने यह भी बताया कि कपास और सोयाबीन की सरकारी खरीद 30 अक्टूबर से शुरू होगी. साथ ही किसानों से अपील की कि वे अपनी उपज न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम दर पर व्यापारियों को न बेचें.

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