PM Crop Insurance: जंगली जानवरों से फसल नुकसान का भी मिलेगा मुआवजा, इंश्योरेंस स्कीम में जुड़ा नया नियम

PM Crop Insurance: जंगली जानवरों से फसल नुकसान का भी मिलेगा मुआवजा, इंश्योरेंस स्कीम में जुड़ा नया नियम

PMFBY के तहत फसल बीमा कराने के लिए बस सामान्य से दस्तावेज ही चाहिए होते हैं, जैसे- आधार कार्ड की कॉपी, बैंक पासबुक के पहले पेज की कॉपी, भूमि संबंधित दस्तावेज की कॉपी और राज्य सरकार द्वारा जारी करे गए अन्य दस्तावेज आदि.

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PM Crop Insurance: जंगली जानवरों से फसल नुकसान का भी मिलेगा मुआवजा, इंश्योरेंस स्कीम में जुड़ा नया नियमजंगली जानवर से फसल नुकसान का मिलेगा मुआवजा

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना यानी कि PM crop insurance scheme से जुड़ी एक बड़ी खबर आ रही है. इस दिशा में केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. अब जंगली जानवरों के आतंक से फसल खराब होती है तो उसे भी बीमा में शामिल किया जाएगा और उसका भी मुआवजा मिलेगा. इस बारे में केंद्र सरकार ने राज्यों को फसल नुकसान को नोटिफाई करने की इजाजत दे दी है. इसकी जानकारी केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने दी है. ऐसे में अगर किसी की फसल हाथी या अन्य जंगली जानवरों से तबाह होती है, तो फसल बीमा में नुकसान को क्लेम किया जा सकेगा. किसान उस क्लेम के आधार पर मुआवजे के हकदार होंगे. 

इस बारे में शुक्रवार को राज्यसभा में एक सवाल पूछा गया था. सवाल जंगली जानवरों से हुए फसल नुकसान के मुआवजो को लेकर था जिस पर कृषि मंत्री ने जवाब दिया. इस नुकसान को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना यानी कि PMFBY में शामिल करने की मांग की गई. कृषि मंत्री ने सदन को बताया कि पीएम फसल बीमा योजना में ऐसे जोखिमों को शामिल किया जाता है जो कुदरती तो हैं, लेकिन जिसे रोका नहीं जा सकता. इस जोखिम में फसल की बुआई से लेकर फसल की कटाई के बाद तक बीमा दिया जाता है. इसमें उन फसलों या क्षेत्रों को शामिल किया जाता है जिसे राज्य सरकारें नोटिफाई करती हैं.

क्या कहा कृषि मंत्री ने?

कृषि मंत्री ने संसद में बताया कि जंगली जानवरों के आतंक से फसलों का नुकसान रोके जा सकने (प्रिवेंटेबल) वाली श्रेणी में आता है. इसलिए अभी तक पीएम फसल बीमा योजना में इसे शामिल नहीं किया गया था. हालांकि इसे फसल बीमा में शामिल करने के लिए वन और पर्यावरण मंत्रालय और राज्यों से सिफारिश की गई थी. इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने राज्यों को इस नुकसान को नोटिफाई करने की अनुमति दे दी है. हालांकि इसका खर्च राज्य सरकारों को वहन करना होगा. फसल बीमा का कुछ हिस्सा केंद्र सरकार भी देती है. लेकिन जंगली जानवरों से फसल नुकसान के मामले में राज्य सरकारों को ही खर्च देना होगा.

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भारत सरकार की किसान कल्याणकारी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, बीमित किसानों को संभावित फसल नुक़सान की स्थिति में आर्थिक सुरक्षा देती है. इस महत्वाकांक्षी योजना के अंतर्गत वर्ष 2016 से वर्ष 2021-22 तक मध्य प्रदेश के लगभग 1,74,67,695 कृषक आवेदनों को 27 हजार करोड़ से अधिक की दावा राशि का भुगतान किया जा चुका है.

कम प्रीमियम में अधिक लाभ

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के सभी चरण बहुत साफ-सरल हैं. इस योजना के अंतर्गत किसानों को कम से कम बीमा प्रीमियम देना पड़ता है और प्रीमियम का बड़ा हिस्सा राज्य और केंद्र सरकार मिलकर देते हैं.  किसान फसल बीमा कराने से पहले बीमा प्रीमियम के अपने अंश की गणना बीमा प्रीमियम कैलकुलेटर की सहायता से कर सकते हैं.

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प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत राज्य की ओर से अधिसूचित की गई सभी फसलों का बीमा कराया जा सकता है. खरीफ फसलों में सोयाबीन, धान, ज्वार, मक्का, कपास, मूंगफली, दालें इत्यादि का बीमा करा सकते हैं और उन्हें प्राकृतिक या स्थानीय आपदा, कीट पतंगों से होने वाले नुक़सान से बचा सकते हैं.

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