
पूरी दुनिया में भारतीय मसालों की बढ़ती डिमांड के बीच अब देश के किसान भी मसाले वाली फसलों की ओर तेजी से रुख कर रहे हैं. दरअसल, मसाले की खेती किसानों के लिए मुनाफे का सौदा है. आप चाहें तो अपनी जमीन को मसाला बागान में बदल सकते हैं. इसके लिए बिहार सरकार बीज मसाले की योजना 2025-26 के तहत मसाले वाली फसलों की खेती को बढ़ावा दे रही है. बता दें कि बिहार सरकार राज्य में मसाले की खेती से किसानों की कमाई को बढ़ाने के लिए मसाले वाली फसलों के बीज पर सब्सिडी दे रही है. आइए जानते हैं कैसे उठा सकते हैं इस स्कीम का लाभ.
बिहार सरकार के कृषि विभाग की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, सरकार बीज मसाले की योजना के तहत राज्य के किसानों को धनिया, मेथी, मंगरैल, अजवाइन और सौंफ की बीज खरीदने पर किसानों को सभी फसलों की इकाई लागत 50000 रुपये पर प्रति हेक्टेयर 40 फीसदी सब्सिडी यानी 20000 रुपये की सब्सिडी दे रही है. ये सब्सिडी किसानों को 2 किस्तों में दी जाएगी. पहले किस्त में 12000 और दूसरी किस्त में किसानों को 8000 रुपये मिलेगी.
1. धनिया: धनिया की खेती अच्छी जल निकासी वाली दोमट या मटियार मिट्टी में करनी चाहिए. इसकी खेती के लिए सबसे पहले खेत में 2-3 गहरी जुताई करके खेत को समतल करना चाहिए. वहीं, आखिरी जुताई से पहले खेत में गोबर की खाद डालना बेहतर रहता है. खेत में धनिये के बीजों की बुवाई से पहले उन्हें रगड़कर दो हिस्सों में बांट लें, फिर बीज की बुवाई करें.
2. मेथी: मेथी की फसल के लिए खेत को अच्छी प्रकार से तैयार करना चाहिए. इसके लिए पहली जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से और 2 से 3 जुताई देसी हल या हेरो से करनी चाहिए. बुवाई के समय खेत में उचित नमी का होना अच्छे अंकुरण के लिए आवश्यक होता है. वहीं, मेथी की खेती मैदानी क्षेत्रों में अक्टूबर से नवंबर के मध्य की जाती है.
3. मंगरैल: मंगरैल एक मसाले वाली फसल है. इसकी खेती के लिए कार्बनिक पदार्थ वाली दोमट मिट्टी अच्छी मानी जाती है, जिसकी बुवाई मध्य अक्टूबर से मध्य नवंबर के बीच की जाती है. खेत की गहरी जुताई करके उसमें अच्छी सड़ी गोबर की खाद डालें और बीज की बुवाई करें.
4. अजवाइन: अजवाइन की खेती के लिए अच्छी जल निकासी वाली बलुई दोमट मिट्टी चुनें और खेत की अच्छी तरह जुताई करें. वहीं, खेती से पहले बीजों को उपचारित करें, और पंक्ति में 30-40 सेमी और पौधे में 25-30 सेमी की दूरी रखें.
5. सौंफ: सौंफ की खेती के लिए सबसे पहले अच्छी जल निकासी वाली बलुई दोमट मिट्टी चुनें और खेत की अच्छी जुताई करके उसमें सड़ी हुई गोबर की खाद मिलाएं. फिर, बीज को फफूंदनाशक से उपचारित करके बुवाई करें. बुवाई का सही समय अक्टूबर से नवंबर है.
यदि आप भी बिहार के किसान हैं और धनिया, मेथी, मंगरैल, अजवाइन और सौंफ का उत्पादन करना चाहते हैं तो इसके लिए सरकार आपके लिए सब्सिडी मुहैया करा रही है. इसके लिए किसान ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं. इस सब्सिडी का लाभ उठाने के लिए किसान सरकार की आधिकारिक वेबसाइट के लिंक पर विजिट कर सकते हैं. इसके अलावा किसान अधिक जानकारी के लिए अपने जिले के कृषि या बागवानी विभाग के कार्यालय में भी संपर्क कर सकते हैं.
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