भारत देश की आबादी कृषि पर निर्भर है. कृषि को आगे ले जाने के लिए किसानों को खेती-बाड़ी की नई-नई पद्धति अपनानी पड़ेगी. क्योंकि बिना कुछ नया किए किसानों को लाभ नहीं मिल पाएगा. इसलिए अब भारत सहित धीरे-धीरे कई देश रासायनिक खेती को छोड कर जैविक खेती की ओर अग्रसर हो रहे हैं. क्योंकि खेती में केमिकल फर्टिलाइजर के इस्तेमाल से जहां खेतों की उर्वरता काफी तेजी से खत्म होती जा रही है. वहीं साथ में फसलों के उत्पादन में भी कमी आ रही है. ऐसे में केंद्र और राज्य सरकारों कि कोशिश रहती है कि किसान नए तरीकों से खेती करें ताकि किसानों की आमदनी में इजाफा हो.
साथ ही सरकार का मानना है कि जैविक खेती करने से उत्पादन में वृद्धि होगी और खेतों की उपज शक्ति लंबे समय तक बनी रहेगी. इसी कड़ी में बिहार सरकार किसानों को जैविक खेती के लिए बढ़ावा दे रही है. साथ ही जैविक खेती करने वाले किसानों को सब्सिडी भी दी जा रही है.
बिहार में जैविक खेती को बढ़ाने के लिए राज्य सरकार लगातार कदम उठा रही है. इसको लेकर कृषि विभाग ने घोषणा की है कि प्रदेश में जैविक खेती करने वाले किसानों को आर्थिक मदद करने के लिए सरकार हर संभव कदम उठा रही है. जैविक खेती से जहां किसानों के आय में बढ़ोतरी होगी. वहीं इससे उपज भी बढ़ेगी साथ ही एनवायरमेंट भी सुधार होगा.
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बिहार के कृषि विभाग ने बताया कि जैविक प्रोत्साहन योजना के तहत किसानों की मदद की जा रही है. इसके तहत जैविक खेती करने वाले किसानों को 6500 रुपये प्रति एकड़ की दर से मदद किया जाएगा. यह सब्सिडी की राशि 2.5 एकड़ जमीन वाले किसानों के लिए है. इसका मतलब ये है कि यदि किसान 5 या 10 एकड़ की भी खेती करते हैं तो उन्हें सिर्फ 2.5 एकड के लिए ही मदद की सुविधा दी जाएगी. किसानों को कुल 16 हजार 250 रुपये प्रोत्साहन राशि के रूप में दिया जाएगा.
बिहार के किसान अगर जैविक खेती के लिए सब्सिडी का लाभ लेना चाहते है या सब्सिडी से जुड़ी कोई भी जानकारी लेना चाहते हैं तो कृषि विभाग द्वारा दिए गए टॉल फ्री नंबर 18001801551 पर कॉल कर सकते हैं. यहां किसानों को इससे संबंधित सारी जानकारी मिल जाएगी. कृषि विभाग जैविक खेती के लिए 2550 लाख रुपये का आवंटन किया है.
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