किसानों की सहायता के लिए केंद्र और राज्य सरकार की ओर से तमाम अलग-अलग योजनाएं चलाई जाती हैं. इन योजनाओं से किसानों को कई प्रकार से लाभ मिलता है. इन्हीं में से एक स्कीम है पीएम फसल बीमा योजना, जिसे भारत सरकार की ओर से किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान से राहत दिलाने के लिए चलाया जाता है. इस योजना के तहत किसानों को अपनी फसलों का बीमा करवाने पर सरकार की ओर से फसल का मुआवजा दिया जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आधार के बिना किसानों को खराब फसल का मुआवजा नहीं मिलेगा. आपको ये भी जानना चाहिए कि प्रीमियम भुगतान का नियम क्या है. आइए जानते हैं.
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत खरीफ में बोई जाने वाली कई फसलों पर बीमा का कवरेज दिया जाता है. इसमें सिंचित धान, असिंचित धान, मक्का, बाजरा, ज्वार, उड़द, मूंग, तिल, मूंगफली, सोयाबीन, कपास, अरहर और कोदो-कुटकी शामिल हैं. इसके साथ ही फसल की बुवाई के बाद अगर किसान को नुकसान होता है तो बीमा कवरेज किसान को मिलता है. फसल बीमा योजना के तहत किसानों को फसल कटाई के बाद भी नुकसान का कवर मिलता है.
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1. सभी किसानों का बीमा कवरेज भारत सरकार के पोर्टल pmfby.gov.in पर होता है.
2. प्रीमियम राशि केवल NCIP-Portal के भुगतान गेटवे Pay-Gov. द्वारा ही भेजी जाएगा.
3. खराब फसल का मुआवजा लेने के लिए सभी किसानों का आधार नंबर होना अनिवार्य है.
मध्य प्रदेश के किसान अपनी खरीफ फसलों के लिए 31 जुलाई तक बीमा करवा सकते हैं. किसान अपनी फसलों का बीमा कराने के लिए फसल बीमा पोर्टल (http://pmfby.gov.in) पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं. वहीं, समय पर फसल नुकसान का मुआवजा नहीं मिलने के कारण किसानों को परेशानी होती है. ऐसे में किसान इस पोर्टल पर अपनी खरीफ फसलों का बीमा करवा सकते हैं.
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) से देश के किसानों को काफी राहत मिलती है. इस योजना के जरिए किसानों को उनकी फसलों के हुए नुकसान के लिए आर्थिक सहायता दी जाती है. इससे किसान नुकसान से बच जाते हैं. योजना के तहत कई बीमा कंपनियां हैं जो राज्य सरकार के साथ मिलकर किसानों को फसलों का बीमा करती हैं. इसके लिए प्रीमियम का एक हिस्सा किसान द्वारा भुगतान किया जाता है और बाकी का भुगतान सरकार की तरफ से किया जाता है. जिससे किसानों पर आर्थिक बोझ नहीं बढ़ता है.
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