Farmers Income : छत्तीसगढ़ में SHG के उत्पाद अब ऑनलाइन बिक सकेंगे, किसान बनेंगे कारोबारी

Farmers Income : छत्तीसगढ़ में SHG के उत्पाद अब ऑनलाइन बिक सकेंगे, किसान बनेंगे कारोबारी

छत्तीसगढ़ में ग्रामीण महिलाओं एवं किसानों की आय में इजाफा करने के लिए विष्णुदेव साय सरकार ने कृष‍ि, सहकारिता, पंचायती राज और ग्रामीण विकास विभाग की योजनाओं को मूर्त रूप में लागू करने के लिए कारगर उपाय किए हैं. इसके तहत Rural Women के स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों की Online Sale कराने से लेकर किसानों को Food Processing से जोड़ने सहित अन्य अहम पहल की गई है.

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Farmers Income : छत्तीसगढ़ में SHG के उत्पाद अब ऑनलाइन बिक सकेंगे, किसान बनेंगे कारोबारीछत्तीसगढ़ में वन उपज एकत्र करती एसएचजी की महिलाएं (फाइल फाेटो)

छत्तीसगढ़ सरकार ने हर गांव को संपर्क मार्ग से जोड़ने के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के काम जल्द पूरे करने, राजमिस्त्रियों को खास ट्रेनिंग देने, SHGs के उत्पादों की बिक्री के लिए Online Platform उपलब्ध कराने और सहकार से समृद्धि को सुनिश्चित करने की पहल की है. इसके तहत सरकार, किसानों को मांग के अनुरूप खाद बीज मुहैया कराने, Private Banks की तरह Cooperative Banks में भी किसानों के लिए प्राथमिक सुविधाएं मुहैया कराने, Cooperative Committees में व्याप्त अनियमितताओं को दूर करने और खरीद केन्द्रों में किसानों को Micro ATM उपलब्ध कराने की व्यवस्था सुनिश्चित करेगी. इतना ही नहीं, राज्य में महिला सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए सभी जिला मुख्यालयों में महिला पिंक थाने स्थापित किए जा रहे हैं.

इन कार्यों की बनी कार्ययोजना

छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा और सहकारिता मंत्री केदार कश्यप ने महिला एवं बाल विकास और सहकारिता सहित अन्य सम्बद्ध विभागों की समीक्षा बैठक में आवश्यक दिशा निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि इन विभागों द्वारा Action Plan तैयार कर लिया गया है. इस पर अमल करने के निर्देश दिए गए हैं. शर्मा ने हर जिले में महिला पिंक थाने शुरू करने की तैयारियों की समीक्षा करते हुए कहा कि Pink Police Station महिलाओं के लिए सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करेंगे.

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शर्मा ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में महिलाओं के Self Help Groups के उत्पादों की Branding and Marketing के लिए ऑनलाइन प्लेटफार्म बनाए जा रहे हैं. जिससे इन उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री हो सके. इस दौरान उन्होंने SHG के उत्पादों की बिक्री के भुगतान की भी समीक्षा की. उपमुख्यमंत्री शर्मा ने बैठक में जनमन योजना के तहत बन रहे प्रधानमंत्री आवास, MGNREGA के तहत मानव दिवस सृजन करने, प्रत्येक ग्राम पंचायत में अमृत सरोवर बनाने, महतारी सदन बनाने और 3000 से अधिक जनसंख्या वाले गांवों में मास्टर प्लान बनाने की समीक्षा की.

'सहकार से समृद्धि’ को करेंगे साकार

छत्तीसगढ़ के सहकारिता मंत्री केदार कश्यप ने PM Modi की 'सहकारिता से समृद्धि' की परिकल्पना काे फलीभूत कर किसान कल्याण के संकल्प को पूरा करने की प्रतिबद्धता जताई. उन्होंने सहकारिता विभाग की समीक्षा बैठक में कहा कि प्रदेश के सभी सहकारी बैंकों को आदर्श बैंक के रूप में विकसित करने की कार्ययोजना को लागू किया जा रहा है.

कश्यप ने कहा कि राज्य के किसान अपनी धान बेचने के बाद अपना ही पैसा पाने के लिए लंबी-लंबी कतारों में खड़े रहते हैं. उन्होंने कहा कि किसानों को इस स्थ‍िति से निजात दिलाने के लिए सभी बैंकों में निजी बैंक की तर्ज पर जरूरी सुविधाएं मुहैया कराने के निर्देश दे दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि धान खरीदी केंद्रों पर आने वाले किसानों को तत्काल उपज बिक्री की राशि मुहैया कराने के लिए अब Micro ATM दिए जाएंगे. इसकी मदद से किसान तत्काल जरूरत के मुताबिक उपार्जन केन्द्र से अपना पैसा निकाल सकेंगे.

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पर्याप्त खाद बीज उपलब्ध है

कश्यप ने खाद-बीज वितरण की समीक्षा करते हुए कहा कि किसानों को मांग के अनुरूप खाद और बीज की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है. इसके लिए सहकारी समितियों में खाद-बीज का पर्याप्त भंडारण किया गया है. उन्होंने सहकारी समितियों में अनियमितता बरतने वाले कर्मचारियों से जुर्माना राशि वसूलने के साथ सख्त कानूनी कार्रवाई करने को भी कहा.

बैठक में अधिकारियों ने बताया कि सहकारी समितियों में किसानों की मांग के अनुरूप 9 लाख 13 हजार 310 मीट्रिक टन खाद वितरण का लक्ष्य रखा गया है. इसके एवज में 6 लाख 96 हजार मीट्रिक टन खाद का भंडारण समितियों में हो गया है. जबकि 5 लाख 61 हजार 733 मीट्रिक टन खाद का वितरण हो चुका है. पिछले साल इसी अवधि में 4 लाख 58 हजार मीट्रिक खाद का वितरण हुआ था.

कश्यप ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में धान उपार्जन समितियों में शेष धान का शीघ्र उठान करने को कहा गया है. जिससे किसानों को अल्पकालीन कृषि ऋण समय से उपलब्ध हाे सके. बैठक में बताया गया कि खरीफ सीजन 2023-24 में राज्य के 2735 उपार्जन केन्द्रों से 24.72 किसानों से 144.92 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी गई. इसके एवज में किसानों को MSP के रूप में 31 हजार 665 करोड़ 18 लाख रुपये का भुगतान हुआ. वहीं, कृषक उन्नति योजना के तहत 13 हजार 260 करोड़ 55 लाख रुपये का भुगतान किया गया है.

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