छत्तीसगढ़, एमपी और राजस्थान के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने किसानों को गेहूं और धान की खरीद पर एमएसपी के साथ बोनस देने का वादा किया था. पीएम मोदी की गारंटी के रूप में किए गए इस चुनावी वादे के तहत छत्तीसगढ़ में किसानों से 3100 रुपये प्रति कुंतल की दर से Paddy Procurement करने का वादा किया गया था. इसमें धान की एमएसपी के रूप में 2185 रुपये और शेष 915 रुपये प्रति कुंतल बोनस शामिल है. इसी तरह एमपी में गेहूं की खरीद बोनस के साथ 2700 रुपये प्रति कुंतल और धान की खरीद 3100 रुपये प्रति कुंतल की दर से करने का वादा किया गया था. छत्तीसगढ़ के सीएम साय ने शनिवार को राज्य के किसानों से की गई धान की खरीद के एवज में बोनस की बकाया राशि आगामी 12 मार्च को देने की घोषणा कर दी है. इसके अलावा एक अन्य चुनावी वादे को पूरा करते हुए साय सरकार तेंदूपत्ता की खरीद भी राज्य सरकार द्वारा निर्धारित Support Price पर अगले 15 दिनों में शुरू कर देगी.
साय ने जशपुर जिले के फरसाबहार ब्लॉक में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि इस साल राज्य में किसानों ने 147 लाख मीट्रिक टन धान की रिकॉर्ड बिक्री की है. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की धान का कटोरा भरने में 24 लाख से ज्यादा किसानों ने अपनी हिस्सेदारी की है.
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उन्होंने कहा कि 12 मार्च को केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा के हाथों छत्तीसगढ़ के किसानों को एमएसपी पर बोनस की राशि का भुगतान कराया जाएगा. इसके लिए राज्य के हर जिले में बोनस वितरण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. इस दौरान सरकार को धान बेचने वाले 24 लाख से ज्यादा किसानों के बैंक खाते में बोनस का पैसा एकमुश्त भेज दिया जाएगा.
सीएम साय ने कहा कि चुनाव के दौरान राज्य की जनता को दी गई मोदी की एक अन्य गारंटी जल्द ही मिल जाएगी. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा तय किए गए समर्थन मूल्य पर तेंदूपत्ता की खरीदी भी शुरू हो जाएगी. उन्होंने कहा कि इसके लिए अब महज 15 दिन का इंतजार करना पड़ेगा. चुनाव के दौरान भाजपा ने अपने Election Manifesto में तेंदूपत्ता संग्रह करने वाले ग्रामीणों से समर्थन मूल्य पर इसकी खरीद करने का वादा किया था.
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में मुख्य रूप से आदिवासी समाज के लोग तेंदूपत्ता का संग्रह करते हैं. मौजूदा व्यवस्था में स्थानीय व्यापारी तेंदूपत्ता की औने पौने दामों पर खरीद कर लेते हैं. अब राज्य सरकार सरकार इसकी खरीद समर्थन मूल्य पर करेगी. जिससे इस काम में लगे गरीबों ग्रामीणों को इसका बेहतर दाम मिल सकेगा. सीएम साय ने कहा कि इसके अलावा सरकार तेंदूपत्ता संग्राहकों को चरण पादुका वितरण करने एवं उनके बच्चों को छात्रवृत्ति देने की योजना भी शुरू करेगी.
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साय सरकार ने चुनाव के बाद सरकार बनने के अब तक के दो महीनों के दौरान 3100 रुपये प्रति कुंतल की दर से धान की खरीद करने का वादा चालू खरीफ सीजन में ही लागू करके पूरा किया है. इसके तहत सरकार ने वादे के अनुरूप प्रत्येक किसान की 21 कुंतल प्रति एकड़ की दर से धान की खरीद की है. साथ ही धान की खरीद पर दो साल का बकाया बोनस का भुगतान भी किसानों को किया जा चुका है. राज्य में 2014 से 2016 के बीच किसानों का बोनस बकाया था.
इसके अलावा महतारी वंदन योजना को भी सरकार ने लागू कर दिया है. इसमें विवाहित महिलाओं को प्रतिमाह 1000 रुपये सहायता राशि देने के लिए लागू की गई योजना में आवेदन प्रक्रिया शुरू हाे गई है. वहीं पड़ोसी राज्य एमपी में भी भाजपा ने किसानों से गेहूं और धान की एमएसपी पर बोनस देकर खरीद करने का वादा किया था. राज्य में चल रही धान की खरीद एमएसपी पर ही की गई. जबकि गेहूं की खरीद के लिए सरकार द्वारा जारी विज्ञापन में एमएसपी पर ही खरीद करने का जिक्र किया गया है. इससे राज्य के नाराज किसान आंदोलन करने की तैयारी कर रहे हैं.
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