छत्तीसगढ़ में तेंदूपत्ता एकत्र करने का काम आदिवासी समुदाय के लोग करते हैं. सरकार ने तेंदूपत्ता एकत्र करने के एवज में मिलने वाला मेहताना बढ़ाकर 5500 रुपये कर दिया है. इसके अलावा Married Women को वित्तीय मदद देने के लिए 'महतारी वंदन योजना' को भी लागू करने की सरकार ने हरी झंडी दे दी है. सीएम साय की अध्यक्षता में हुई Cabinet Meeting में इन फैसलों को लागू करने की मंजूरी दे दी है.
मंत्रिपरिषद की बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की एक और गारंटी को पूरा करते हुए प्रदेश में तेंदूपत्ता एकत्र करने वाले परिवारों के हित में महत्वपूर्ण फैसला किया गया. इसके तहत जंगलों से तेंदूपत्ता एकत्र करने के एवज में पारिश्रमिक 4000 रुपये प्रति बोरा मिलता था. साय सरकार ने इसे बढ़ाकर 5500 रुपये प्रति बोरा कर दिया है.
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साय कैबिनेट ने प्रधानमंत्री मोदी की एक और चुनावी गारंटी को पूरा करते हुए राज्य में महतारी वंदन योजना लागू करने का निर्णय लिया है. इस योजना के तहत विवाहित महिलाओं को एक हजार रुपये प्रतिमाह अर्थात सालाना 12 हजार रुपये की आर्थिक सहायता सीधे उनके बैंक खाते में DBT के माध्यम से दी जाएगी.
सरकार की ओर से बताया गया कि इस योजना का उद्देश्य प्रदेश में महिलाओं के साथ Gander Indiscrimination और Social inequality को मिटाना है. इससे समाज में जागरूकता की कमी होने के कारण महिलाओं को भेदभाव से मुक्त करते हुए उनके स्वास्थ्य एवं पोषण स्तर में सुधार लाया जा सकेगा.
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सरकार का दावा है कि इस योजना से Women Empowerment एवं Financial independency को भी बढ़ावा मिलेगा. इसका लाभ छत्तीसगढ़ की रहने वाली विवाहित महिला, जिनकी आयु 1 जनवरी 2024 को 21 वर्ष से अधिक हो, को मिलेगा. विवाहित महिला के अलावा विधवा, तलाकशुदा, परित्यक्ता महिलाएं भी इस योजना की लाभार्थी हो सकेगी.
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